भारिबैं/गैबैंविवि/2016-17/46
मास्टर निदेश गैबैंविवि.नीति.009/03.10.119/2016-17
02 सितम्बर 2016
(29 दिसंबर 2022 को अद्यतन किया गया)
(23 नवंबर 2022 को अद्यतन किया गया)
(05 अक्तूबर 2021 को अद्यतन किया गया)
(22 नवंबर 2019 को अद्यतन किया गया)
(23 फरवरी 2018 को अद्यतन किया गया)
(09 नवम्बर 2017 को अद्यतन किया गया)
मास्टर निर्देश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - एकाउंट एग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक, (बैंक), भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45JA (इसमें इसके पश्चात "अधिनियम" के रूप में निर्दिष्ट), के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे सक्षम करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्वारा एकाउंट एग्रीगेटर, जैसा कि इसमें परिभाषित किया गया है का व्यवसाय करने वाली प्रत्येक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के अनुपालन के लिए इन निर्देशों को जारी करता है।
1. संक्षिप्त शीर्षक, निर्देशों की शुरूआत और उपयुक्तता
(i) इन निर्देशों को "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - एकाउंट एग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016" के रूप में जाना जाएगा।
(ii) ये दिशा-निर्देश बैंक द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किए जाने की तिथि से उन गैर बैंकिंग संस्थानों पर लागू होगी जो अधिनियम की धारा 45Iके खंड (एफ) के उप-खंड (iii) के तहत एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी होने के लिए एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय करते हैं।
2. कार्य क्षेत्र
ये निर्देश भारत में एकाउंट एग्रीगेटर के पंजीकरण और संचालन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।
3. परिभाषाएं
(1) इन निर्देशों में जब तक संदर्भ से अन्यथा आवश्यक न हो,
i. "एकाउंट एग्रीगेटर" का अर्थ है एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, जो अधिनियम की धारा 45-Iके खंड (एफ) के उप-खंड (iii) के तहत अधिसूचित है, और जो शुल्क या अन्यथा के लिए, खाते के एग्रीगेटर का व्यवसाय करता है, इन निर्देशों के धारा 3 की उपधारा 1 के खंड (iv) में परिभाषित किया गया है।
ii. "बैंक" का अर्थ है -
ए) एक बैंकिंग कंपनी; या
बी) समरूप नया बैंक; या
सी) भारतीय स्टेट बैंक; या
डी) एक सहायक बैंक; या
ई) ऐसे अन्य बैंक जिसे बैंक अधिसूचना द्वारा, इन निर्देशों के प्रयोजनों के लिए निर्दिष्ट करे; तथा
एफ) बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 के खंड (सीसीआई) के तहत परिभाषित एक सहकारी बैंक;
iii. "बैंकिंग कंपनी" का अर्थ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 5 के खंड (ग) में परिभाषित के अनुसार एक बैंकिंग कंपनी है;
iv. "एक एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय" का अर्थ है अनुबंध के तहत निम्न सेवा प्रदान करने का व्यवसाय है-
अपने ग्राहक से संबंधित ऐसी वित्तीय जानकारी को पुनः प्राप्त करना या एकत्र करना, जैसा कि समय-समय पर बैंक द्वारा निर्दिष्ट किया जाए
तथा
ऐसी सूचनाओं को समेकित करना, व्यवस्थित करना और ग्राहक को प्रस्तुत करना या उपयोगकर्ता को ऐसी वित्तीय सूचना प्रस्तुत करना जैसा कि बैंक द्वारा निर्दिष्ट किया जाए,
बशर्ते, ग्राहक से संबंधित वित्तीय जानकारी एकाउंट एग्रीगेटर की संपत्ति नहीं होगी, और किसी अन्य तरीके से उपयोग नहीं की जाएगी।
v. "कंपनी" का अर्थ है कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत पंजीकृत कंपनी या कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 के उप धारा (20) के तहत पंजीकृत कंपनी;
vi. इन निर्देशों के उद्देश्य के लिए "ग्राहक" का अर्थ है ’व्यक्ति’, जिसने एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एकाउंट एग्रीगेटर के साथ एक संविदात्मक व्यवस्था में प्रवेश किया है।
vii. "डिपॉजिटरी" का अर्थ है एक कंपनी जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 की धारा 12 की उप-धारा (1 ए) के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया है;
viii. “डिपॉजिटरी प्रतिभागी" का अर्थ है भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 की धारा 12 की उप-धारा (1 ए) के तहत पंजीकृत कोई व्यक्ति;
viii(a). “लाभांश भुगतान अनुपात” का अर्थ है, जिस वित्तीय वर्ष के लिए लाभांश प्रस्तावित है, उस वित्तीय वर्ष में देय लाभांश की राशि और लेखा परीक्षित वित्तीय विवरणों के अनुसार निवल लाभ के बीच का अनुपात प्रस्तावित लाभांश में इक्विटी शेयर पर लाभांश और टियर 1 पूंजी/स्वाधिकृत निधि में शामिल किए जाने के लिए अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय अधिमानी शेयर पर लाभांश शामिल होंगे। यदि प्रासंगिक अवधि के लिए निवल लाभ में कोई विशेष और/या असाधारण लाभ/आय शामिल है या वित्तीय विवरण पर सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा टिप्पणी की गई है ('मामले पर जोर' सहित) जो निवल लाभ के अधिक विवरण को इंगित करता है, उन्हे लाभांश भुगतान अनुपात का निर्धारण करते समय निवल लाभ से घटा दिया जाएगा।
ix. "वित्तीय सूचना" का अर्थ है वित्तीय सूचना प्रदाताओं के साथ निम्नलिखित के संबंध में जानकारी:
ए) सावधि जमा खातों, बचत जमा खातों, आवर्ती जमा खातों और चालू जमा खातों सहित बैंक जमा,
बी) एनबीएफसी के साथ जमा
सी) संरचित निवेश उत्पाद (एसआईपी)
डी) वाणिज्यिक पत्र (सीपी)
ई) जमा का प्रमाण पत्र (सीडी)
एफ) सरकारी प्रतिभूति (व्यापार योग्य)
जी) इक्विटी शेयर
एच) बांड
आई) डिबेंचर
जे) म्यूचुअल फंड यूनिट्स
के) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स
एल) भारतीय डिपॉजिटरी रसीदें
एम) सीआईएस (सामूहिक निवेश योजनाएं) इकाइयाँ
एन) वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) इकाइयां
ओ) बीमा पॉलिसी
पी) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत शेष
क्यू) आधारभूत संरचना निवेश न्यास की इकाइयाँ
आर) रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों की इकाइयाँ
एस) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विवरणी जैसे फार्म जीएसटीआर-1 और फार्म जीएसटीआर-3बी
टी) समय-समय पर इन निर्देशों के प्रयोजनों के लिए बैंक द्वारा निर्दिष्ट की गई कोई अन्य जानकारी;
x. "वित्तीय क्षेत्र नियामक" –इन निर्देशों के उद्देश्य के लिए इसका आशय भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय से होगा;
xi. "वित्तीय सूचना प्रदाता" का आशय बैंक, बैंकिंग कंपनी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी, डिपॉजिटरी, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट, बीमा कंपनी, बीमा रिपॉजिटरी, पेंशन फंड, माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) और ऐसी अन्य इकाई जो बैंक द्वारा इन निर्देशों के उद्देश्यों के लिए समय-समय पर चिन्हित की जाए, से है।
xii. "वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता" का अर्थ किसी वित्तीय क्षेत्र के नियामक द्वारा पंजीकृत और विनियमित इकाई है;
xiii. "बीमा रिपॉजिटरी" का अर्थ कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत गठित एक कंपनी है और जिसे बीमा कंपनियों की ओर से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बीमा पॉलिसियों के डेटा को बनाए रखने के लिए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) द्वारा पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया है।
xiv. "लिवरेज अनुपात" का अर्थ है समूह की संस्थाओं के स्वामित्व वाले उधारों / ऋणों को छोड़कर बाहरी देयताओं का अनुपात।
xv. "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी" का अर्थ है कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनी और जिसे अधिनियम की धारा 45IA के तहत बैंक द्वारा पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया है;
xvi. "व्यक्ति" का अर्थ है
ए) एक व्यक्ति,
बी) एक हिंदू अविभाजित परिवार,
सी) एक कंपनी,
डी) एक फर्म,
इ) व्यक्तियों का संगठन या व्यक्तियों का निकाय, चाहे वह निगमित हो या नहीं, और
एफ) प्रत्येक कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति, जो पूर्ववर्ती उप-खंडों में से किसी में शामिल न हो।
(2) इन निर्देशों में प्रयुक्त शब्दों या भावों जो यहाँ परिभाषित नहीं है लेकिन अधिनियम में परिभाषित है, उनका वही अर्थ होगा जो अधिनियम के तहत उन्हें प्रदान किया गया है। अधिनियम में परिभाषित कोई भी अन्य शब्द या भाव, का वही अर्थ होगा जो कंपनी अधिनियम, 1956/2013 में उन्हें प्रदान किया गया है।
4. पंजीकरण और इसके अतिरिक्त आकस्मिक मामले
4.1 (ए) एक कंपनी के अलावा कोई भी इकाई एकाउंट एग्रीगेटरका व्यवसाय नहीं करेगी।
(बी) कोई भी कंपनी बैंक से पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना एकाउंट एग्रीगेटरके व्यवसाय को शुरू नहीं करेगी।
बशर्ते, अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामकों द्वारा विनियमित की जा रही और उस विशेष क्षेत्र के ग्राहकों से संबंधित वित्तीय जानकारी एकत्रित करने वाली इकाइयों को उपरोक्त पंजीकरण आवश्यकता से बाहर रखा जाएगा।
(सी) उपरोक्त परंतुक के अधीन, ऐसी संस्थाएँ जो इन निर्देशों के पैराग्राफ 3 (iv) में परिभाषित किए गए अनुसार इन निर्देशों के प्रभावित होने की तिथि तक एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय कर रही हैं, इन निर्देशों के अनुपालन में, उस तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण के लिए बैंक के पास आवेदन करेंगी। ऐसी कंपनियां, जिन्होंने एनबीएफसी - एकाउंट एग्रीगेटर के रूप में पंजीकरण के लिए बैंक में आवेदन किया है, को तब तक एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय जारी रखने की अनुमति होगी, जब तक कि पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने के लिए उनके आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जाता है या आवेदन की तारीख से बारह महीने, जो भी हो पहले हो।
(डी) एकाउंट एग्रीगेटर के रूप में बैंक के साथ पंजीकरण की इच्छा रखने वाली प्रत्येक कंपनी के पास निवल स्वाधिकृत निधि दो करोड़ रुपये से कम, या ऐसी उच्च राशि जिसे बैंक द्वारा निर्दिष्ट किया जाए से कम नहीं होनी चाहिए।
बशर्ते कि, पंजीकरण की मांग के समय उन कंपनियों के पास न्यूनतम दो करोड़ रुपये का निवल स्वाधिकृत निधि नहीं है, जो उनके द्वारा दिए गए पंजीकरण के प्रमाणन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी की वैधता की अवधि के भीतर निवल स्वाधिकृत निधि मानदंडों को पूरा करेगा।
4.2 पंजीकरण की प्रक्रिया
4.2.1 एनबीएफसी- एकाउंट एग्रीगेटर के रूप में पंजीकरण की इच्छा रखने वाली प्रत्येक कंपनी, बैंक द्वारा अनुबंध 1 में इस प्रयोजन के लिए निर्दिष्ट प्रारूप में बैंक के मुंबई के विनियमन विभाग में पंजीकरण के लिए आवेदन करेगी।
4.2.2 पंजीकरण आवेदन पर विचार के लिए बैंक के लिए यह आवश्यक होगा कि वह इस बात से संतुष्ट हो ले कि निम्नलिखित शर्तों को पूरा किया जाता है: -
ए) ग्राहकों को इस तरह की सेवाएं देने के लिए कंपनी के पास आवश्यक संसाधन और साधन है।
बी) कंपनी के पास एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय करने के लिए पर्याप्त पूंजी विन्यास है।
सी) कंपनी के प्रमोटर्स योग्य और उचित हैं।
डी) कंपनी के प्रबंधन या प्रस्तावित प्रबंधन का सामान्य चरित्र सार्वजनिक हित के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण नहीं है।
ई) कंपनी के पास एक मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली की योजना है।
एफ) कंपनी का लिवरेज अनुपात सात से अधिक का नहीं होना चाहिए।
जी) भारत में कारोबार शुरू करने या जारी रखने के लिए एकाउंट एग्रीगेटर को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने से सार्वजनिक हित पूरा होना चाहिए।
एच) बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट की गई कोई अन्य शर्त, जिसे बैंक की राय में यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत में व्यवसाय शुरू करना या जारी रखना जनता के हितों के प्रति पूर्वाग्रहपूर्ण नहीं होगा, पूरा करना आवश्यक होगा।
4.2.3 बैंक इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि पैरा 4.2.2 के तहत निर्दिष्ट शर्तों को पूरा किया गया है, ऐसी शर्तों जिसे यह लागू करना आवश्यक समझे के अधीन एकाउंट एग्रीगेटर के रूप में पंजीकृत करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करेगा।
4.2.4 बैंक द्वारा जारी की गई सैद्धांतिक मंजूरी की वैधता इस तरह के सैधांतिक मंजूरी की तारीख से बारह महीने होगी।
4.2.5 बारह महीने की अवधि के भीतर, कंपनी प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करेगी, संचालन के लिए तैयार होने के लिए आवश्यक सभी अन्य कानूनी दस्तावेज़ों को तैयार करेगी और बैंक को सैद्धांतिक स्वीकृति के नियमों के अनुपालन की स्थिति रिपोर्ट करेगी। बैंक इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि कंपनी परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है, पंजीकरण आवश्यकताओं के अनुपालन में, ऐसी शर्तों के अधीन है जिसे वह लागू करना उपयुक्त समझे, इसे एक NBFC एकाउंट एग्रीगेटर के रूप में पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान करेगा।
4.2.6 बैंक एकाउंट एग्रीगेटर को दिए गए पंजीकरण के प्रमाण पत्र को निरस्त कर सकता है यदि, ऐसी कंपनी-
(ए) भारत में एकाउंट एग्रीगेटर के व्यवसाय का संचालन बंद कर देती है।
(बी) किसी भी शर्त, जिसके तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया है के अनुपालन में विफल रहती है या
(सी) यह बैंक के संज्ञान में आता है कि एकाउंट एग्रीगेटर पंजीकरण का प्रमाण पत्र रखने के योग्य नहीं है; या
(डी) किसी भी समय पैराग्राफ 4.2.2 और 4.2.5 में निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करने में विफल रहता है; या
(ई) निम्नलिखित में विफल रहता है -
-
बैंक द्वारा जारी किसी भी निर्देश का अनुपालन; या
-
बैंक द्वारा जारी किसी अधिनियम या किसी निर्देश या आदेश की आवश्यकता के अनुसार खातों को बनाए रखना, प्रकाशित करना और उसके अनुसार अपनी वित्तीय स्थिति का प्रकटन करना या
-
बैंक द्वारा मांगे जाने पर अपनी खाता बही या अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों का निरीक्षण करने के लिए प्रस्तुत करना या प्रदान करें।
4.3 एफएटीएफ गैर-अनुपालन क्षेत्राधिकारों1 से निवेश
4.3.1 एफएटीएफ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से एनबीएफसी- एए में निवेश को एफएटीएफ अनुपालित2 क्षेत्राधिकारों से एनबीएफसी में निवेश के समान नहीं माना जाएगा। एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से अथवा उसके माध्यम से नए निवेशकों को, चाहे वह मौजूदा एनबीएफ़सी-एए हो अथवा पंजीकरण प्रमाणीकरण (COR) की मांग करने वाली कंपनियों में; उन्हें प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से, लागू लेखांकन मानकों में दी गई परिभाषानुसार निवेशिती में ‘महत्वपूर्ण प्रभाव’ प्राप्त नहीं करने देना चाहिए। दूसरे शब्दों में, ऐसे क्षेत्रों से नए निवेशक (प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष) सकल रूप में एनबीएफ़सी-एए के वोटिंग अधिकार (संभावित3 वोटिंग अधिकार सहित) के 20 प्रतिशत की सीमा से कम होने चाहिए।
4.3.2 मौजूदा एनबीएफ़सी-एए में स्रोत अथवा मध्यवर्ती क्षेत्रों के एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित के रूप में वर्गीकरण से पूर्व धारित निवेश को जारी रखा जा सकता है अथवा भारत में कारोबार को जारी रखने के लिए अतिरिक्त निवेश किया जा सकता है।
5. एक एकाउंट एग्रीगेटर के कर्तव्य और जिम्मेदारियां
क) एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहक की स्पष्ट सहमति के आधार पर ग्राहक को सेवाएं प्रदान करेगा।
ख) एकाउंट एग्रीगेटर यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक को सेवाएं प्रदान करना, एकाउंट एग्रीगेटर, ग्राहक और वित्तीय सूचना प्रदाताओं के बीच उपयुक्त समझौतों / प्राधिकरणों द्वारा समर्थित है।
ग) एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहकों द्वारा लेनदेन का समर्थन नहीं करेगा।
घ) एकाउंट एग्रीगेटर उचित ग्राहक पहचान के लिए उपयुक्त तंत्र सुनिश्चित करेगा।
ई) पैरा 3 (iv) में उल्लेख किए अनुसार एकाउंट एग्रीगेटर, केवल उस ग्राहक के साथ जिससे वह संबंधित है या किसी अन्य वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता, जिसे ग्राहक द्वारा सहमति की शर्तों के अनुसार अधिकृत किया गया है, से सूचना साझा करेगा।
एफ) एकाउंट एग्रीगेटर एकाउंट एग्रीगेटर के व्यवसाय के अलावा कोई अन्य व्यवसाय नहीं करेगा। हालांकि, ट्रेडिंग को छोड़ अन्य प्रपत्रों में एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा निवेश योग्य अधिशेष के अभियोजन की अनुमति दी जाएगी।
जी) एकाउंट एग्रीगेटर, वित्तीय सूचना प्रदाताओं से प्राप्त की गई ग्राहक की कोई भी वित्तीय जानकारी अपने पास नहीं रखेगा।
एच) एकाउंट एग्रीगेटर, एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय करने के लिए तृतीय पक्ष सेवा प्रदाता की सेवाओं का उपयोग नहीं करेगा।
आई) विभिन्न वित्तीय सूचना प्रदाताओं के साथ ग्राहक के खातों से संबंधित उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण क्रेडेंशियल एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा एक्सेस नहीं किए जाएंगे।
जे) एकाउंट एग्रीगेटर के पास एक नागरिक चार्टर होगा जो स्पष्ट रूप से ग्राहक के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी देता है। खाता एग्रीगेटर, ऐसी किसी भी जानकारी जिसे वह ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना किसी ग्राहक से/की ओर से प्राप्त कर सकता है के साथ अलग नहीं सकता ।
के) एकाउंट एग्रीगेटर और वित्तीय सूचना प्रदाता की बही से निकाले गए वित्तीय विवरण की स्थिति में कोई अंतर होने की स्थिति में, वित्तीय सूचना प्रदाता के रिकॉर्ड में परिलक्षित स्थिति को सही माना जाएगा।
6. सहमति निर्माणः
6.1 ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा ग्राहक की कोई वित्तीय जानकारी प्राप्त, साझा या स्थानांतरित नहीं की जाएगी।
6.2 एक एकाउंट एग्रीगेटर इन निर्देशों के अनुसार ग्राहक की सहमति प्राप्त करने, जमा करने और प्रबंधित करने का कार्य करेगा।
6.3 एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा प्राप्त ग्राहक की सहमति एक मानकीकृत सहमति होगी, जिसमें निम्नलिखित विवरण शामिल होंगे: -
(i) ग्राहक की पहचान और वैकल्पिक संपर्क जानकारी;
(ii) अनुरोधित वित्तीय जानकारी की प्रकृति;
(iii) ऐसी जानकारी एकत्र करने का उद्देश्य;
(iv) सूचना प्राप्त करने वालों की पहचान, यदि कोई हो;
(v) URL या अन्य पता जिस पर सूचना भेजने के लिए हर बार सहमति का उपयोग करने के लिए नोटिफिकेशन को भेजने की आवश्यकता होती है
(vi) एकाउंट एग्रीगेटर की सहमति निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि, पहचान और हस्ताक्षर / डिजिटल हस्ताक्षर; तथा
(vii) बैंक द्वारा निर्धारित की गई कोई अन्य विशेषता।
6.4 इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी सहमति प्राप्त की जा सकती है।
6.5 सहमति प्राप्त करने के समय, एकाउंट एग्रीगेटर सहमति पत्र में शामिल किए जाने वाले सभी आवश्यक विशेषताओं जैसा की पैरा सं 6.3 एवं ऊपर में उल्लेख है एवं शिकायत के गैर निवारण की स्थिति में संबंधित प्राधिकारी के पास शिकायत करने के ग्राहक के अधिकार से ग्राहकों को सूचित करेगा।
6.6 एकाउंट एग्रीगेटर अपने ग्राहकों को सूचना प्राप्त करने की सहमति जो सहमति पत्र द्वारा अभिगम्य है प्रदान करने के लिए एक कार्यक्षमता प्रदान करेगा, जो कि एक सहमति पत्र द्वारा सुलभ है को रद्द करने की कार्यात्मकता भी प्रदान करे,जिसमें ऐसी जानकारी की कुछ भाग प्राप्त करने की सहमति को रद्द करने की क्षमता भी शामिल हो। निरस्तीकरण के बाद, वित्तीय सूचना प्रदाता के साथ एक नई सहमति पत्र साझा की जाएगी।
6.7 एक इलेक्ट्रॉनिक सहमति पत्र लॉग करने, संशोधन करने और सत्यापित करने में सक्षम होगा।
7. वित्तीय सूचना प्रदाताओं द्वारा वैध सहमति पत्र प्रस्तुत किए जाने पर वित्तीय जानकारी साझा करनाः
7.1 वित्तीय सूचना प्रदाता, एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा एक वैध सहमति पत्र प्रस्तुत किए जाने पर के क्लॉज 6 के अनुसार किसी ग्राहक की वित्तीय जानकारी साझा करेंगे।
7.2 सहमति पत्र प्रस्तुत होने पर, वित्तीय सूचना प्रदाता उचित माध्यम से सत्यापित करेगा:
-
सहमति की वैधता
-
निर्दिष्ट तिथियां और उपयोग; तथा
- एकाउंट एग्रीगेटर की विश्वसनीयता
7.3 उचित सत्यापन के बाद, वित्तीय सूचना प्रदाता वित्तीय सूचना पर डिजीटल रूप से हस्ताक्षर करेंगे और सहमति पत्र में निहित शर्तों के अनुसार इसे एकाउंट एग्रीगेटर को सुरक्षित रूप से संचारित करेंगे।
7.4 वित्तीय सूचना प्रदाता की सभी प्रतिक्रियाएं वास्तविक समय में होंगी।
7.5 इन डेटा प्रवाह को सक्षम करने के लिए, वित्तीय सूचना प्रदाता निम्नलिखित कार्य करेंगे:
(ए) इंटरफेस लागू करना, जो एक एकाउंट एग्रीगेटर को सहमति पत्र को प्रस्तुत करने और एक दूसरे को प्रमाणित करने की अनुमति देगा, और एकाउंट एग्रीगेटर को वित्तीय जानकारी का सुरक्षित प्रवाह सक्षम करेगा;
(बी) सहमति पत्र में निहित डिजिटल हस्ताक्षर, यदि कोई हो, सहित सहमति को सत्यापित करने का साधन अपनाना।
(सी) उनके द्वारा ग्राहकों के बारे में साझा की गई वित्तीय जानकारी को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित करने के साधन को लागू करना।
(डी) सूचना साझा करने के समस्त अनुरोधों एवं ऐसे अनुरोध के अनुपालन में उनके द्वारा की गई कार्रवाई का एक लॉग बुक तैयार करना, तथा इसे खाता समूहक को प्रस्तुत करना।
7.6 एकाउंट एग्रीगेटर और वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता द्वारा जानकारी का उपयोग।
7.6.1 जहां वित्तीय जानकारी प्रदाता द्वारा एकाउंट एग्रीगेटर को ग्राहक की स्पष्ट सहमति के साथ वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता को हस्तांतरित करने के लिए वित्तीय जानकारी प्रदान की गई है, एकाउंट एग्रीगेटर करेंगेः-
(i) वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता की पहचान को सत्यापित करना; और, यदि सत्यापित हो,
(ii) सहमति पत्र के शर्तों के अनुसार इच्छुक प्राप्तकर्ताओं को ग्राहक की सूचना सुरक्षित रूप से हस्तांतरित करना।
7.6.2 जहां वित्तीय सूचना प्रदाता द्वारा ग्राहक को या किसी वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता को हस्तांतरित करने के लिए किसी एकाउंट एग्रीगेटर को वित्तीय जानकारी प्रदान की गई है,सहमति पत्र में निर्दिष्ट शर्तों को छोड़, इसका उपयोग या खुलासा एग्रीगेटर या वित्तीय जानकारी उपयोगकर्ता द्वारा नहीं किया जाएगा।
8. डेटा सुरक्षा
(ए) एकाउंट एग्रीगेटर का व्यवसाय पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से संचालित होगा। एकाउंट एग्रीगेटर आवश्यक आईटी ढांचे और इंटरफेस को अपनाए ताकि वित्तीय सूचना प्रदाताओं से अपने स्वयं के सिस्टम में और बाद में वित्तीय सूचना उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित डेटा प्रवाह सुनिश्चित हो सके।
(बी) एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहक क्रेडेंशियल (जैसे पासवर्ड, पिन, निजी कुंजी) जिसका उपयोग ग्राहक को वित्तीय सूचना प्रदाताओं से सत्यापित कराने के लिए किया जा सकता है, का अनुरोध या भंडारण नहीं करेगा। खाता एग्रीगेटर्स द्वारा ग्राहक की जानकारी तक पहुंच केवल सहमति-आधारित प्राधिकरण पर आधारित होगी।
(सी) किसी अन्य वित्तीय जानकारी या वित्तीय सूचना प्रदाता को कवर करने के लिए, जैसा कि बैंक द्वाराभविष्य में बैंक द्वारा निर्दिष्ट किया जाए, प्रौद्योगिकी को भी स्केलेबल होना चाहिए।
(डी) रिकार्ड एवं डाटा तक अनधिकृत पहुंच, परिवर्तन, विनाश, प्रकटीकरण या प्रसार से इसकी रक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईटी सिस्टम में पर्याप्त सुरक्षा उपाय होना चाहिए।
(ई) आपदा जोखिम प्रबंधन और व्यावसायिक निरंतरता के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए।
(एफ) आंतरिक प्रणालियों और प्रक्रियाओं की सूचना प्रणाली लेखापरीक्षा स्थापित की जाएगी और सीआईएसए प्रमाणित बाहरी लेखा परीक्षकों द्वारा दो साल में कम से कम एक बार लेखापरीक्षा की जाएगी। बाहरी लेखा परीक्षक द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के एक माह के भीतर इस रिपोर्ट को बैंक के पर्यवेक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किया जाए जिसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत एकाउंट एग्रीगेटर का पंजीकृत कार्यालय स्थित है।
9. एकाउंट एग्रीगेटर इकोसिस्टम के सभी प्रतिभागियों के लिए तकनीकी विशिष्टता
9.1 एनबीएफसी-एए अपने पास रखे गए ग्राहक की वित्तीय जानकारी को समेकित करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विभिन्न वित्तीय संस्थाओं, जिनका विस्तार विभिन्न आईटी प्रणालियों और इंटरफेस को अपनाने वाले वित्तीय क्षेत्र के नियामकों में है के बीच डाटा का आवागमन सुरक्षित है, विधिवत प्राधिकृत है, सुचारू एवं निर्बाध है, एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के लिए मुख्य तकनीकी विशिष्टताओं का एक सेट रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (ReBIT) द्वारा तैयार किया गया है, और अपनी वेबसाइट (www.rebit.org.in) पर इसे प्रकाशित किया गया है।
9.2 बैंक के सभी विनियमित निकाय, जो एनबीएफसी-एए या वित्तीय सूचना प्रदाता (एफआईपी) या वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (एफआईयू) के रूप में कार्य कर रहे हैं, से अपेक्षा की जाती है कि वे ReBIT द्वारा प्रकाशित तकनीकी विशिष्टताओं को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
9.3 ऊपर दिए गए पैरा 9.1 में निर्दिष्ट दस्तावेज़ केवल एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के लिए विनिर्देश प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करना एनबीएफसी-एए की ज़िम्मेदारी होगी कि इसकी आईटी प्रणालियों में एनबीएफसी-एए मास्टर दिशा-निर्देशों, जो समय-समय पर अद्यतन की जाती है के अनुरूप अपने कार्यों को सख्ती से पूरा करने के लिए आवश्यक सभी सुविधाएँ हैं ।
10. ग्राहक के अधिकार
क) एक एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहक को उसके द्वारा प्रदान की गई सहमति और वित्तीय सूचना, उपयोगकर्ताओं, जिनके साथ जानकारी साझा की गई है के रिकॉर्ड तक पहुंचने में सक्षम करेगा।
ख) एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहक द्वारा स्पष्टयता अनुरोधित एकाउंट एग्रीगेटर के कार्य का निष्पादन करने के अलावा किसी भी ग्राहक की जानकारी का उपयोग या एक्सेस नहीं करेगा।
11. ग्राहक शिकायत
11.1 ग्राहक की शिकायत / शिकायतों के निपटारे / निपटान के लिए एकाउंट एग्रीगेटर के पास बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी। इसके पास ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक समर्पित सेट-अप होगा।
11.2 एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा ग्राहक शिकायतों का ऐसे समय के भीतर और ऐसे तरीके से जैसा कि उसके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति में प्रदान किया गया है समाधान किया जाएगा। पर, किसी भी मामले में शिकायत की प्राप्ति से एक महीने की अवधि से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए।
11.3 परिचालन स्तर पर, एकाउंट एग्रीगेटर ग्राहकों के लाभ के लिए, वेबसाइट पर और व्यवसाय के स्थान/ओ पर निम्नलिखित जानकारी को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगेः:
(ए) शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण (टेलीफोन / मोबाइल नंबर, साथ ही ईमेल पता) जिससे कंपनी के खिलाफ शिकायतों के समाधान के लिए जनता संपर्क कर सकती है।
(ख) यदि एक महीने की अवधि के भीतर शिकायत / विवाद का निवारण नहीं किया जाता है, तो ग्राहक बैंक से अपील कर सकता है।
12. नोडल अधिकारी / प्रधान नोडल अधिकारी
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना के तहत कवर किए गए एनबीएफसी, 2018 अनुलग्नक 8 के तहत दिए गए निर्देशों के अनुसार नोडल अधिकारी / प्रधान नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
13. मूल्य निर्धारण
13.1 एकाउंट एग्रीगेटर को सेवाओं के मूल्य निर्धारण के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति की आवश्यकता होगी। सेवाओं का मूल्य निर्धारण एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा अपनाए गए आंतरिक दिशानिर्देशों, जिनका पारदर्शी और आम जनता के लिए उपलब्ध होना आवश्यक हैके अनुरूप होगा।
14. कॉरपोरेट गवर्नेंस
14.1 एक एकाउंट एग्रीगेटर के पास अपने नियंत्रणों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों की समीक्षा, निगरानी और मूल्यांकन के लिए पर्याप्त आंतरिक तंत्र होना चाहिए। आईटी प्रणालियों की समग्रता को हर समय बनाए रखा जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए, रिकार्ड न खोए, नष्ट न हो या इससे छेड़छाड़ न हो, सभी आवश्यक सावधानी बरती जाए।
14.2 लेखा परीक्षा कार्य
14.2.1 एक एकाउंट एग्रीगेटर एक ऑडिट कमेटी का गठन करेगा, जिसमें उसके निदेशक मंडल के तीन से कम सदस्य नहीं होंगे।
स्पष्टीकरण I: कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 177 के तहत आवश्यक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा गठित लेखापरीक्षा समिति इस पैरा के प्रयोजनों के लिए लेखा परीक्षा समिति होगी।
स्पष्टीकरण II: इस अनुच्छेद के तहत गठित लेखा परीक्षा समिति के पास समान शक्तियां, कार्य और कर्तव्य होंगे, जैसा कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 177 में निर्धारित किया गया है।
14.3 नामांकन समिति
14.3.1 एक एकाउंट एग्रीगेटर प्रस्तावित / मौजूदा निदेशकों की 'योग्य और उचित' स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक नामांकन समिति बनाए जिसमें उसके अपने निदेशक मंडल के कम से कम तीन सदस्य शामिल हों।
स्पष्टीकरण I: इस अनुच्छेद के तहत गठित नामांकन समिति के पास कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 178 में समान शक्तियां, कार्य और कर्तव्य होंगे।
14.4 जोखिम प्रबंधन समिति
14.4.1 एकाउंट एग्रीगेटर एक अच्छी तरह से प्रलेखित जोखिम प्रबंधन ढांचा स्थापित करेगा जिसमें शामिल होगा
क) एक मजबूत प्रौद्योगिकी जोखिम प्रबंधन ढांचा;
बी) सिस्टम सुरक्षा, विश्वसनीयता, लचीलापन, और पुनर्प्राप्ति को मजबूत करना; तथा
ग) ग्राहक डेटा और सिस्टम तक पहुंच को रोकने के लिए मजबूत प्रमाणीकरण की व्यवस्था करना।
14.4.2 एकीकृत जोखिम का प्रबंधन करने के लिए, एक एकाउंट एग्रीगेटर एक जोखिम प्रबंधन समिति बनाएगा, जिसमें उसके निदेशक मंडल के कम से कम तीन सदस्य होंगे।
जोखिम प्रबंधन समिति
ए) कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क, डेटा सेंटर, संचालन और बैकअप सुविधाओं के लिए नियंत्रण और सुरक्षा उपायों में निवेश के संबंध में प्रतिष्ठा, ग्राहक विश्वास, परिणामी प्रभाव और कानूनी निहितार्थ जैसे कारकों पर उचित ध्यान दें।
बी) प्रौद्योगिकी जोखिमों की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना कि संगठन का आईटी कार्य अपनी व्यावसायिक रणनीतियों और उद्देश्यों का समर्थन करने में सक्षम है।
14.5 उपयुक्त और उचित मानदंड
14.5.1 एक एकाउंट एग्रीगेटर की जिम्मेदारी होगी कि वह -
i. यह सुनिश्चित करना कि निदेशकों / प्रबंध निदेशक / सीईओ के नियुक्ति के समय और निरंतरता के आधार पर उपयुक्त और उचित मानदंडसुनिश्चित करने के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ एक नीति तैयार करें। उपयुक्त और उचित मानदंडों पर नीति अनुबंध 4 में निहित दिशानिर्देशों की तर्ज पर होगी;
ii. निदेशक / प्रबंध निदेशक / सीईओ के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने वाले निदेशक / प्रबंध निदेशक / सीईओ से एक घोषणा और वचनपत्र प्राप्त करना। घोषणा और वचनपत्र अनुबंध 5 में दिए गए प्रारूप की तर्ज पर होगा;
iii. निदेशकों / प्रबंध निदेशक / सीईओ द्वारा हस्ताक्षरित संपत्ति संबंधी विलेख प्राप्त करना, जो अनुलग्नक 6 में दिए गए प्रारूप में होना चाहिए;
iv. बैंक के निदेशक / प्रबंध निदेशक / सीईओ में परिवर्तन पर बैंक को वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना, जो वैधानिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित हो कि निदेशकों के चयन में उपयुक्त और उचित मानदंडों का पालन किया गया है। यह विवरण वर्ष समाप्त होने के 15 दिनों के भीतर बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय तक पहुंच जाना चाहिए।
15. खाता एग्रीगेटर्स के नियंत्रण के हस्तातंरण या अधिग्रहण के लिए बैंक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता -
15.1 (i) बैंक की पूर्व लिखित अनुमति की आवश्यकता होगी -
क) किसी एकाउंट एग्रीगेटर के नियंत्रण का कोई अधिग्रहण, जिसके परिणामस्वरूप प्रबंधन में परिवर्तन हो या न हो ।
ख) समय के साथ प्रगतिशील वृद्धि सहित एकाउंट एग्रीगेटर की शेयरहोल्डिंग में कोई परिवर्तन, जिसके परिणामस्वरूप एकाउंट एग्रीगेटर की भुगतान की गई इक्विटी पूंजी की 26 प्रतिशत या उससे अधिक की शेयरहोल्डिंग का अधिग्रहण / हस्तांतरण होगा।
बशर्ते, किसी शेयरधारिता के शेयरों के बायबैक / पूंजी में कमी के कारण 26% या उससे अधिक हो जाने की स्थिति में पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी, जहां उसे सक्षम न्यायालय की मंजूरी है। इसे, ऐसा होने से एक महीने के भीतर बैंक को सूचित किया जाना चाहिए।
ग) एकाउंट एग्रीगेटर के प्रबंधन में कोई भी परिवर्तन जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर, 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदले जाएंगे।
बशर्ते, उन निदेशकों के मामले में पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी जो रोटेशन द्वारा सेवानिवृत्ति पर फिर से चुने जाते हैं।
घ) शेयरधारिता में कोई भी बदलाव जो कि प्राप्तिकर्ता को निदेशक नामित करने का अधिकार देगा।
15.2 पूर्व अनुमोदन के लिए आवेदन
(i) खाता एग्रीगेटर, बैंक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ, कंपनी के लेटरहेड पर एक आवेदन प्रस्तुत करेगा:
क) अनुबंध 2 के अनुसार कंपनी के प्रस्तावित प्रमोटरों / निदेशकों / शेयरधारकों के बारे में जानकारी और अनुबंध 3 के अनुसार कंपनी के प्रस्तावित कॉर्पोरेट प्रमोटरों के बारे में जानकारी;
ख) खाता एग्रीगेटर्स में शेयर अधिग्रहण करने वाले प्रस्तावित शेयरधारकों के फंड के स्रोत; तथा
ग) प्रस्तावित निदेशकों / शेयरधारकों पर बैंकर्स रिपोर्ट।
(ii) इस संबंध में आवेदन बैंक के पर्यवेक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रस्तुत किए जा सकते हैं जहाँ यह पंजीकृत है।
15.3 नियंत्रण / प्रबंधन में परिवर्तन के बारे में सार्वजनिक सूचना
i) शेयरों की बिक्री के माध्यम से स्वामित्व की बिक्री या हस्तांतरणया शेयरों की बिक्री या इसके बिनानियंत्रण के हस्तांतरण करने से पहले, कम से कम 30 दिनों का सार्वजनिक नोटिस दिया जाएगा। इस तरह का सार्वजनिक नोटिस एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा दिया जाएगाऔर बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद, संबंधित पक्ष द्वारा या अन्य पक्ष द्वारा संयुक्त रूप से भी।
ii) सार्वजनिक नोटिस स्वामित्व / नियंत्रण को बेचने या हस्तानांतरित करने के इरादे, हस्तानांतरित किए जा रहे व्यक्ति का विवरण और ऐसी बिक्री या स्वामित्व / नियंत्रण के हस्तांतरण के कारणों का उल्लेख करना आवश्यक है। यह नोटिस कम से कम एक अग्रणी राष्ट्रीय और एक अग्रणी स्थानीय (पंजीकृत कार्यालय के स्थान को कवर करने वाला) देशी समाचार पत्र में प्रकाशित किया जाना चाहिए।
15.4 पता, निदेशकों, लेखा परीक्षकों, आदि में परिवर्तन के संबंध में प्रस्तुत की जाने वाली जानकारीः
हर एकाउंट एग्रीगेटर किसी भी परिवर्तन की घटना से एक महीने के भीतर सूचित करेः
(क) पंजीकृत / कॉर्पोरेट कार्यालय का पूरा डाक पता, टेलीफोन नंबर/ओ और फैक्स नंबर / ओं;
(ख) कंपनी के निदेशकों के नाम और आवासीय पते;
(ग) कंपनी के लेखा परीक्षकों के नाम और कार्यालय का पता; तथा
(घ) कंपनी की ओर से हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत अधिकारियों के नमूना हस्ताक्षर
बैंक के पर्यवेक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके अधिकार क्षेत्र में एकाउंट एग्रीगेटर का पंजीकृत कार्यालय स्थित है।
15.5 एफएटीएफ गैर-अनुपालन क्षेत्राधिकारों से निवेश
एनबीएफ़सी-एए इन निदेशों के पैराग्राफ 4.3 में विनिर्दिष्ट अनुदेशों का अनुपालन भी सुनिश्चित करेंगे।
15A. एनबीएफसी—एए4 द्वारा लाभांश की घोषणा
एनबीएफ़सी-एए लाभांश की घोषणा के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
15A.1 निदेशक मंडल लाभांश के प्रस्तावों पर विचार करते समय निम्नलिखित पहलुओं को ध्यान में रखेगा:
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वित्तीय विवरण संबंधित लेखापरीक्षक की रिपोर्ट में टिप्पणियाँ।
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एनबीएफ़सी-एए की दीर्घकालिक विकास योजनाएं।
15A.2 निम्नलिखित न्यूनतम विवेकपूर्ण आवश्यकताओं का पालन करने वाले एनबीएफ़सी-एए को लाभांश घोषित करने के लिए पात्र माना जाएगा:
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एनबीएफसी-एए को पिछले तीन5 वित्तीय वर्षों में, जिसमें जिस वित्तीय वर्ष के लिए लाभांश प्रस्तावित है वह शामिल है , प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए इस मास्टर निदेश के पैराग्राफ 4 के अंतर्गत निर्धारित लीवरेज़ अनुपात की आवश्यकता को पूरा करना होगा।
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एनबीएफ़सी-एए को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45आईसी के प्रावधानों का पालन करना होगा
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एनबीएफ़सी-एए को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वर्तमान विनियमों/दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा। रिज़र्व बैंक द्वारा लाभांश की घोषणा पर कोई सुव्यक्त प्रतिबंध नहीं लगाया होना चाहिए।
15A.3 उपर्युक्त पैराग्राफ 15A.2 में विनिर्दिष्ट पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले एनबीएफ़सी-एए 50 प्रतिशत तक लाभांश भुगतान अनुपात की घोषणा कर सकते हैं। सार्वजनिक निधियों को स्वीकार नहीं करने वाले पात्र एनबीएफ़सी-एए के लिए लाभांश भुगतान अनुपात पर कोई सीमा निर्धारित नहीं होगी।
15A.4 ऐसे एनबीएफ़सी-एए जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से प्रत्येक के लिए उपरोक्त में निर्धारित लीवरेज़ अनुपात की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं, वे लाभांश भुगतान अनुपात पर 10 प्रतिशत की सीमा के अधीन, लाभांश घोषित करने के लिए पात्र हो सकते हैं, बशर्ते कि एनबीएफ़सी-एए जिस वित्तीय वर्ष में लाभांश का भुगतान करने का प्रस्ताव करता है, उस वित्तीय वर्ष में इस मास्टर निदेश के अनुसार लागू लीवरेज़ अनुपात की आवश्यकता को पूरा करता है।
15A.5 बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल लाभांश इन दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट अधिकतम सीमा से अधिक न हो। लाभांश की घोषणा पर अस्थायी (ऍड-हौक) छूट के किसी अनुरोध पर रिज़र्व बैंक विचार नहीं करेगा।
15A.6 लाभांश घोषित करने वाले एनबीएफ़सी-एए वित्तीय वर्ष के दौरान घोषित लाभांश का विवरण निम्नलिखित निर्धारित प्रारूप के अनुसार रिपोर्ट करेंगे।
वित्तीय वर्ष के दौरान घोषित लाभांश का विवरण |
एनबीएफ़सी –एए का नाम |
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लेखांकन अवधि * |
लेखांकन अवधि के लिए निवल लाभ
(₹ करोड़) |
लाभांश का दर (प्रतिशत) |
लाभांश की राशि
(₹ करोड़) |
लाभांश भुगतान अनुपात (प्रतिशत) |
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* तिमाही अथवा छमाही अथवा वर्ष --- जो भी स्थिति हो; |
लाभांश की घोषणा के बाद पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को एक पखवाड़े के भीतर यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए।
16. एनबीएफ़सी- एए द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम और आचार संहिता का प्रबंधन।
प्रत्येक एकाउंट एग्रीगेटर अपनी मौजूदा आउटसोर्सिंग व्यवस्था का स्व-मूल्यांकन करेगा और इन्हें अनुलग्नक 7 में दिए गए निर्देशों के अनुरूप लाएगा।
17. रिटर्न
बैंक, समय-समय पर, एकाउंट एग्रीगेटर द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले रिटर्न / रिटर्नों को निर्धारित करेगा, जिसे यह उचित समझे।
18. पर्यवेक्षण
बैंक किसी भी समय,पर अपने अधिकारियों या कर्मचारियों या अन्य व्यक्तियों द्वारा एकाउंट एग्रीगेटर का किसी भी अंतराल, जैसा यह उचित समझे पर निरीक्षण करवा सकता है।
19. छूट
19.1 बैंक, यदि किसी कठिनाई या किसी अन्य कारण से बचने के लिए आवश्यक समझता है या उसके पास उचित और पर्याप्त कारण हैं तो वह किसी भी कंपनी या कंपनियों के समूह या सभी कंपनियोंको इस दिशानिर्देश के सभी या किन्ही प्रावधानों के अनुपालन के लिए समय का विस्तार दे सकता है या आम तौर पर या किसी भी निर्दिष्ट अवधि के लिए ऐसे शर्तों, जिसेबैंक लागू करे के अधीन अनुपालन से छूट प्रदान कर सकता है।
19.2 बैंक उपरोक्त निर्देशों के संबंध में कोई भी स्पष्टीकरण दे सकता है और इस तरह के स्पष्टीकरण को इन निर्देशों के हिस्से के रूप में माना जाएगा। बैंक द्वारा समय-समय पर निर्देशों में संशोधन किया जा सकता है।
(जे पी शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक
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