आरबीआई/2020-21/79
विवि.सं.बीपी.बीसी.30/21.04.048/2020-21
14 दिसंबर 2020
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
सभी भुगतान बैंक
महोदया/महोदय,
बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता
कृपया उक्त विषय पर 06 अगस्त 2020 का परिपत्र विवि.बीपी.बीसी/7/21.04.048/2020-21 और 2 नवंबर 2020 का परिपत्र विवि.बीपी.बीसी.27/21.04.048/2020-21 देखें। समीक्षा पर बैंकों को 6 अगस्त, 2020 के उपर्युक्त परिपत्र के संदर्भ में लगाए गए किसी भी प्रतिबंध के बिना ऐसे विशिष्ट खाते खोलने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है जो विभिन्न संविधियों और अन्य नियामकों/ विनियामकीय विभागों के निदेशों के तहत निर्धारित हैं । ऐसे खातों की एक सांकेतिक सूची नीचे दी गई है:
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घर खरीदारों से एकत्र किए गए अग्रिम भुगतानों के 70% को बनाए रखने के लिए भूसंपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 4 (2) आई(डी) के तहत अनिवार्य किए गए स्थावर संपदा परियोजनाओं के खाते।
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भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमत विशिष्ट गतिविधियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर/ प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ताओं के नोडल या एस्क्रो खाते।
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डेबिट कार्ड/ एटीएम कार्ड/ क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं/ अधिग्रहणकर्ताओं से संबंधित बकाए के निपटान के लिए खाते।
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विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत अनुमति प्राप्त खाते।
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आईपीओ/ एनएफओ/ एफपीओ/ शेयर बायबैक/ लाभांश भुगतान/ वाणिज्यिक कागजात जारी करना/ डिबेंचर आबंटन/ ग्रेच्युटी आदि के लिए खोले जाने वाले खाते जो संबंधित संविधियों या नियामकों द्वारा अधिदेशित हैं और केवल विशिष्ट/ सीमित लेनदेन के लिए हैं।
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कर, शुल्क, सांविधिक देय राशि, आदि के संग्रहण हेतु प्राधिकृत बाँकों द्वारा इन करों, शुल्कों, सांविधिक देय राशि आदि के भुगतान के लिए खोले गए खाते, ऐसे बैंकों के उधारकर्ताओं के लिए जो ऐसे करों, शुल्कों, सांविधिक देय राशि आदि को एकत्र करने के लिए प्राधिकृत नहीं है।
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मुद्रा/नकदी प्राप्त करने के लिए वाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों और उनके एजेंटों के खाते।
2. उपर्युक्त अनुमति इस शर्त के अधीन है कि बैंक इन खातों का उपयोग केवल अनुमत/निर्दिष्ट लेनदेन के लिए किया जाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त, निगरानी में आसानी के लिए बैंकों द्वारा इन खातों को सीबीएस में अलग से चिन्हित किया जाना है। ऐसे उधारकर्ताओं के ऋणदाता इन चालू खातों में नकदी प्रवाह/ धन के आवधिक अंतरण (यदि अनुमत हो) की निगरानी के लिए उधारकर्ताओं के साथ करार/ व्यवस्था भी कर सकते हैं।
3. बैंक 6 अगस्त 2020 के उक्त परिपत्र में निहित निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, विशेष रूप से उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोज़र के संबंध में नियमित रूप से, कम से कम छमाही आधार पर, सभी चालू खातों और सीसी/ ओडी की निगरानी करेंगे।
4. उक्त परिपत्रों के कार्यान्वयन से संबंधित स्पष्टीकरण निहित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफ़एक्यू) का एक सेट अनुबंध में दिया गया है।
5. उक्त परिपत्रों में निहित अन्य सभी निदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीय,
(प्रकाश बलियारसिंह)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या बैंकों को संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार चालू खाते खोलने से पहले अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना आवश्यक है?
पिछले दिशानिर्देश, जो चालू खाते खोलने से पहले बैंकों को एनओसी प्राप्त करने के लिए आवश्यक थे, उन्हें 6 अगस्त, 2020 के परिपत्र द्वारा जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों द्वारा बदल दिया गया है। एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता अब लागू नहीं है।
2. बैंक इन दिशानिर्देशों के तहत चालू खाते और/ या सीसी/ ओडी खाते खोलने के उद्देश्य से किसी ग्राहक/ उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोज़र की पहचान कैसे कर सकते हैं?
बैंक इन दिशानिर्देशों के लिए बड़े ऋणों की सूचनाओं की सेंट्रल रिपोज़िटरी (सीआरआईएलसी), क्रेडिट सूचना कंपनी (सीआईसी), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल), आदि पर उपलब्ध सूचना और ग्राहकों की घोषणा, यदि आवश्यक हो, के आधार पर समग्र एक्स्पोज़र की गणना कर सकते हैं।
3. इस परिपत्र के लिए, क्या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) जैसे अन्य वित्तीय संस्थानों के एक्स्पोज़र को बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्स्पोज़र की गणना में शामिल किया जाएगा?
यह निर्देश अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और भुगतान बैंकों पर लागू होते हैं। तदनुसार, इस प्रयोजन के लिए कुल एक्स्पोज़र में केवल इन बैंकों के एक्सपोज़र शामिल होंगे।
4. क्या कुल एक्स्पोज़र में डे लाइट ओवर ड्राफ्ट (डीएलओडी) / इंट्रा-डे सुविधाएं और अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धता, एफएक्स और ब्याज दर डेरिवेटिव, सीपी आदि में लेनदेन के लिए निर्धारित सीमाएं शामिल हैं?
बैंकों द्वारा मंजूर और उनकी भारतीय बही में स्वीकृत सभी निधि आधारित और गैर-निधि आधारित ऋण सुविधाएं, कुल एक्स्पोज़र में शामिल की जाएंगी।
5. एनओसी प्राप्त करने पर पिछले दिशानिर्देश केवल संस्थाओं के लिए लागू थे। क्या संशोधित दिशानिर्देश केवल संस्थाओं के लिए ही लागू हैं?
संशोधित दिशानिर्देश सभी उधारकर्ताओं के लिए लागू हैं।
6. क्या कृषि / व्यक्तिगत ओडी या डिपॉजिट पर ओडी का लाभ उठाने वाले उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते खोले जा सकते हैं?
ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के रूप में कोई भी निधि या गैर-निधि-आधारित ऋण का लाभ उठाने वाले उधारकर्ताओं के लिए बैंकों को चालू खाते खोलने की अनुमति नहीं है ।
7. क्या इस परिपत्र के लिए, प्रोपराइटरशिप फर्मों के संबंध में, प्रोप्राइटर द्वारा अपनी निजी क्षमता में प्राप्त ऋण जैसे कि आवास ऋण, संपत्ति पर ऋण, आदि बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्स्पोज़र में शामिल होगी?
मालिकाना/स्वामित्व फर्मों के मामले में व्यावसायिक उद्देश्य या अन्यथा प्राप्त की गई सभी क्रेडिट सुविधाएं कुल एक्स्पोज़र में शामिल होंगी।
8. परिपत्र के अनुच्छेद 1 (ii) के अनुसार, जहां एक उधारकर्ता के प्रति बैंक का एक्स्पोज़र उस उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्स्पोज़र के 10 प्रतिशत से कम है, सीसी/ ओडी मे क्रेडिट की अनुमति स्वतंत्र रूप से है, डेबिट केवल उस उधारकर्ता के बैंक के सीसी / ओडी खाते में क्रेडिट के लिए हो, जिसके पास उस उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्स्पोज़र का 10 प्रतिशत या अधिक है। बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत आवृत्ति के अनुसार इन खातों से निधि को उक्त ट्रांसफरी सीसी/ ओडी खाते में विप्रेषित किया जाएगा। उन मामलों में धनराशि कहाँ जमा की जाएगी जहाँ उधारदाताओं में से किसी का भी उधारकर्ता के प्रति 10% एक्स्पोज़र न हो?
ऐसे मामलों में, जिस बैंक का उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली में सबसे अधिक एक्स्पोज़र है उस बैंक में अनुरक्षित खाते में निधि का विप्रेषण किया जाए। उक्त खाते में स्वतंत्र रूप से क्रेडिट और डेबिट के लिए अनुमति दी जाएगी।
वैकल्पिक रूप से, उधारकर्ता केवल डब्ल्युसीडीएल/ डब्ल्युसीटीएल के रूप में कार्यशील पूंजी प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है और कुल एक्स्पोज़र के आधार पर परिपत्र के अनुच्छेद 1 (v) के प्रावधानों के अनुसार चालू खाते खोल सकता है ।
9. जिस उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्स्पोज़र में 10% या अधिक एक्स्पोज़र वाले बैंक के सीसी/ओडी खाते में अंतरण से पहले 10% से कम समग्र एक्स्पोज़र वाले बैंक अपनी बकाया राशि जैसे शुल्क और प्रभार और परिपक्वता दायित्वों को क्रॉस बॉर्डर सेवाओं जैसे कि साखपत्र/ बैंक गारंटी, डेरिवेटिव्स, फैक्टरिंग लेन-देन, अन्य ऋण किश्तों, आदि देयताओं को अपने उधारकर्ताओं के सीसी / ओडी खातें से डेबिट कर सकते हैं?
ऐसे मामलों में, उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोज़र में 10% या अधिक एक्सपोज़र वाले बैंक को फंड ट्रांसफर करने से पहले, सीसी / ओडी खाते (उसी बैंक द्वारा दी गई कोई अन्य सुविधा शामिल नहीं है) तथा एलसी/ बीजी/ डीडी जारी करना आदि के संदर्भ में ब्याज / प्रभार डेबिट करने के लिए बैंकों को अनुमति है।
10. क्या एक उधारकर्ता के प्रति बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर में 10 प्रतिशत से कम एक्सपोजर वाले बैंक उधारकर्ता को केवल कार्यशील पूंजी मांग ऋण (डबल्यूसीडीएल) / कार्यशील पूंजी मीयादी ऋण (डबल्यूसीटीएल) की सुविधा दे सकते हैं या मौजूदा सीसी/ ओडी सुविधा को बढ़ाया जा सकता है?
बैंक मौजूदा सीसी/ओडी/डबल्यूसीटीएल/डबल्यूसीडीएल सुविधाओं को बढ़ाने या इन रूपों में नई सुविधाओं को स्वीकृति देने के लिए स्वतंत्र हैं, जो 5 दिसंबर 2018 के परिपत्र 'बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश' के साथ- साथ दिनांक 6 अगस्त 2020 के चालू खाता खोलने संबंधी परिपत्र के प्रावधानों के अधीन होंगे।
11. क्या बैंक किसी विशिष्ट परियोजना के प्रति परियोजना विशिष्ट सुविधाओं जैसे मीयादी ऋण/ लीज रेंटल डिस्काउंटिंग (एलआरडी) मीयादी ऋण के लिए चालू खाता खोल सकते हैं, जहां नकदी प्रवाह/ प्राप्य किराया एक विशिष्ट बैंक को दिया जाता है?
बैंक किसी विशिष्ट परियोजना के नकदी प्रवाह की प्राप्ति / निगरानी करने के लिए चालू खाता खोल सकते हैं, बशर्ते कि उधारकर्ता ने उस विशिष्ट परियोजना के लिए कोई सीसी / ओडी सुविधा नहीं ली है। परियोजना विशिष्ट चालू / एस्क्रो खाता खोलने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि खाते में आने वाला नकदी प्रवाह केवल उसी परियोजना से आया हो।
12. क्या बैंकों को किसी परियोजना के लिए एनबीएफसी / गैर-बैंक वित्तीय संस्था से ऋण सुविधा प्राप्त करने वाले ग्राहकों के लिए चालू / एस्क्रो खाते खोलने की अनुमति है?
बैंकों को केवल एनबीएफ़सी/ एफ़आई/ सहकारी बैंकों/ गैर-बैंक संस्थाओं से ऋण सुविधा प्राप्त करने वाले उधारकर्ताओं के लिए चालू खाता खोलने की स्वतंत्रता है। तथापि, यदि ऐसे उधारकर्ता ने बैंकों से कोई ऋण सुविधाएं प्राप्त की हों जिन पर ये दिशानिर्देश लागू हैं, तो परिपत्र के सभी प्रावधान लागू होंगे।
13. परिपत्र के अनुच्छेद 1 (v) (ए) के अनुसार, जिन ग्राहकों ने किसी भी बैंक से सीसी / ओडी सुविधा प्राप्त नहीं की है, उन उधारकर्ताओं के लिए, जहां बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर 50 करोड़ या उससे अधिक है, बैंकों को एस्क्रो व्यवस्था स्थापित करनी होगी। साथ ही उधारदाता बैंक ऐसे उधारकर्ताओं के लिए ‘संग्रह खाता’ खोल सकते हैं, जो इस शर्त के अधीन होगा कि बैंक और उधारकर्ता के बीच तय समय-अंतराल पर इन खातों से निधि उक्त एस्क्रो खाते में विप्रेषित की जाएगी। क्या एकाधिक व्यावसायिक इकाइयों (बीयू) /एकाधिक परियोजनाओं वाले बड़े कॉरपोरेट के लिए एकाधिक एस्क्रो खाते खोले जा सकते हैं?
एकाधिक परियोजनाओं/ व्यावसायिक इकाइयों वाले उधारकर्ताओं के लिए, बैंक परियोजना-वार/ इकाई-वार नकदी प्रवाह की निगरानी के लिए एकाधिक एस्क्रो खाते खोल सकते हैं। परियोजना विशिष्ट चालू/ एस्क्रो खाता खोलने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि खाते में आने वाला नकदी प्रवाह केवल उसी परियोजना/ इकाई से हो।
14. क्या सभी उधारदाता बैंकों के लिए एक एस्क्रो समझौते का हिस्सा होना आवश्यक है? क्या उधार न देने वाले बैंक परिपत्र के अनुच्छेद 1 (v) के तहत अधिदेशित एस्क्रो अकाउंट खोल सकते हैं। कौन निर्णय लेगा कि एस्क्रो एजेंट के रूप में कौन सा बैंक कार्य करेगा?
सभी उधारदाता बैंकों को एस्क्रो समझौते का हिस्सा होना चाहिए। इसकी निबंधन और शर्तें बैंकों और उधारकर्ता द्वारा आपस में तय की जा सकती हैं। उधारकर्ता अपने एस्क्रो प्रबंधक बैंकों को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। उधार न देने वाले बैंकों को एस्क्रो खाते खोलने की अनुमति नहीं है।
15. परिपत्र के अनुच्छेद 3 के अनुसार, मीयादी ऋण सीधे माल और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को संवितरित किया जाना चाहिए। क्या सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य/ दीर्घकालिक कार्यशील पूंजी, खर्चों की प्रतिपूर्ति, उधारकर्ताओं के मौजूदा ऋण का पुनर्वित्तपोषण आदि के लिए दिया गया मीयादी ऋण, उधारकर्ताओं के सीसी/ओडी या चालू खातों में संवितरित किया जा सकता है।
ऐसे मामलों में जहां मीयादी ऋण माल और सेवाओं की आपूर्ति के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए हों और जहां भुगतान का गंतव्य पहचान योग्य नहीं है, बैंक ऋणों को परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार खोले गए उधारकर्ता के सीसी/ ओडी या चालू खातों के माध्यम से संवितरित कर सकते हैं। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जहां भुगतान का गंतव्य पहचान योग्य है (यानी मौजूदा ऋण का पुनर्वित्तपोषण आदि), वहां भुगतान, सीसी / ओडी खातों के माध्यम से किए बिना, सीधे ही किया जाए।
16. क्या केवल सीसी/ ओडी या संग्रह खाते रखने वाले बैंक ही किसी ग्राहक के एक्सपोजर को छमाही आधार पर मॉनिटर करने के लिए बाध्य हैं?
सभी बैंकों, चाहे ऋणदाता बैंक हों या अन्य खाता धारक बैंक, क लिए परिपत्र में निर्धारित नियमित आधार पर खातों को मॉनिटर करना आवश्यक है।
17. आवधिक मॉनिटरिंग के दौरान, अगर उधारकर्ता के प्रति बैंकों के एक्सपोजर/ बैंकिंग प्रणाली के प्रति समग्र एक्सपोजर में परिवर्तन होता है, तो उन खातों के बारे में कौन निर्णय लेगा, जिनमें संग्रह खातों या 10% से कम एक्सपोजर वाले बैंकों के सीसी/ओडी खातों से आई निधि क्रेडिट की जाएगी। साथ ही, नई व्यवस्थाओं को लागू किए जाने के लिए क्या समयसीमा होगी।
परिपत्र के समग्र ढांचे के भीतर, उधारकर्ता अपने परिचालनगत चालू खाते / एस्क्रो खाते / सीसी/ ओडी खातों को चलाने के लिए बैंक(कों) का चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके अलावा, बैंकों को एक्सपोज़र में परिवर्तन की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर नई व्यवस्था लागू करनी होगी।
18. क्या संग्रह खाते रखने वाले बैंक डबल्यूसीडीएल/ बिल/ डेरिवेटिव्स/ ऋण की किश्त आदि संबंधी के अपने स्वयं के बकाये की वसूली के लिए संग्रह खातों को डेबिट कर सकते हैं?
संग्रह खातों में डेबिट केवल उधारकर्ता के एस्क्रो खाते में निधि अंतरित करने के लिए किया जा सकता है। |