आरबीआई/2021-22/40
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.एस-99/02.14.006/2021-2022
19 मई 2021
सभी बैंक और गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता,
सिस्टम प्रदाता और सिस्टम प्रतिभागी
महोदया / महोदय,
प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) -
(i) अनिवार्य अंतरपरिचालनीयता;
(ii) पूर्ण-केवाईसी पीपीआई के लिए सीमा को बढ़ाकर ₹2 लाख करना; तथा
(iii) गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के पूर्ण-केवाईसी पीपीआई से नकद आहरण की अनुमति
कृपया विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर दिनांक 07 अप्रैल 2021 के वक्तव्य के पैरा 10 और 11 का संदर्भ लें जिसके अंतर्गत जहां यह घोषणा की गई थी कि (ए) पीपीआई अंतरपरिचालनीयता को अनिवार्य बनाया जाएगा, (बी) पूर्ण-केवाईसी पीपीआई की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख से ₹2 लाख की जाएगी, और (सी) गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के पूर्ण-केवाईसी पीपीआई का उपयोग करके नकद आहरण की अनुमति होगी।
2. कृपया पीपीआई के निर्गमन और परिचालन (समय-समय पर यथासंशोधित) के संबंध में जारी मास्टर निदेश भुनिप्रवि.केंका.पीडी.सं.1164/02.14.006/2017-18 दिनांकित 11 अक्तूबर 2017 तथा पीपीआई - अंतरपरिचालनीयता के लिए दिशानिर्देश संबंधी परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.808/02.14.006/2018-19 दिनांकित 16 अक्तूबर 2018 का भी संदर्भ लें।
3. तदनुसार, निम्नानुसार सूचित किया जाता है -
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पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए पूर्ण-केवाईसी पीपीआई के धारकों को प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क (कार्ड के रूप में पीपीआई के लिए) और यूपीआई (इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के रूप में पीपीआई के लिए) के जरिये अंतरपरिचालनीयता की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य होगा;
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स्वीकारकर्ता पक्ष के पास भी अंतरपरिचालनीयता अनिवार्य होगी;
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31 मार्च 2022 तक अंतरपरिचालनीयता को चालू किया जाएगा; तथा
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मास ट्रांजिट सिस्टम के लिए पीपीआई (पीपीआई-एमटीएस) को अंतरपरिचालनीयता से छूट दी जाएगी, जबकि गिफ्ट पीपीआई जारीकर्ताओं के पास अंतरपरिचालनीयता की पेशकश करने का विकल्प होगा।
4. पूर्ण-केवाईसी पीपीआई (केवाईसी-अनुपालित पीपीआई) के संबंध में अधिकतम बकाया राशि ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹ 2 लाख कर दी गई है। पीपीआई पर मास्टर निदेश दिनांकित 11 अक्तूबर 2017 के पैरा 9.1 (ii) और 9.2 के अंतर्गत उल्लिखित अन्य सभी शर्तें यथावत लागू रहेंगी।
5. गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं द्वारा जारी पूर्ण-केवाईसी पीपीआई के संबंध में भी नकद निकासी की सुविधा की अनुमति भी होगी। तथापि, निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी -
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प्रति पीपीआई ₹10,000 प्रति माह की समग्र सीमा के साथ ₹2,000 प्रति लेनदेन की अधिकतम सीमा;
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कार्ड / वॉलेट के जरिये किए गए सभी नकद आहरण वाले लेनदेनों का अधिप्रमाणन प्रामाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) / पिन द्वारा किया जाएगा;
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इस सुविधा की पेशकश करने वाला कोई भी पीपीआई जारीकर्ता उचित ग्राहक निवारण तंत्र स्थापित करेगा। इस संबंध में शिकायतें संबंधित लोकपाल योजनाओं और ग्राहकों की देयता को सीमित करने के संबंध में अनुदेशों के अंतर्गत आएंगी; तथा
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पीपीआई जारीकर्ता पीपीआई के कपटपूर्ण उपयोग संबंधी जोखिम को कम करने के लिए पीपीआई खोलने अथवा पीपीआई में निधियों की लोडिंग/पुनः-लोडिंग पर नकद आहरण के लिए उपयुक्त कुलिंग अवधि का निर्धारण करेंगे।
6. परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.449/02.14.003/2015-16 दिनांकित 27 अगस्त 2015 के अंतर्गत भारत में बैंकों द्वारा जारी डेबिट कार्ड और ओपन सिस्टम प्रीपेड कार्ड का उपयोग करके पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों से नकद आहरण की सीमा के संबंध में की गई व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाते हुए इसे ₹2,000 प्रति लेनदेन कर दिया गया है, जिसकी समग्र सीमा सभी लोकेशनों (टियर 1 से 6 केंद्र) पर ₹10,000 प्रति माह होगी। उक्त परिपत्र के पैरा 6 में उल्लिखित आरबीआई को डाटा प्रस्तुत करने की अपेक्षा को हटा दिया गया है। तथापि, अन्य सभी प्रावधान यथा लागू रहेंगे।
7. उपरोक्त को दर्शाने के लिए पीपीआई के निर्गमन और परिचालन के संबंध में मास्टर निदेश दिनांकित 11 अक्तूबर 2017 (समय-समय पर यथासंशोधित) को संशोधित किया जा रहा है।
8. ये अनुदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10 (2) के साथ पठित धारा 18 के अंतर्गत जारी किए गए हैं।
भवदीय,
(पी. वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक |