आरबीआई/2021-2022/62
विवि.सीआरई(डीआईआर)आरईसी.26/21.04.103/2021-22
25 जून, 2021
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया/महोदय,
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति
व्यवसाय के बढ़ते आकार और दायरे के साथ प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) धीरे-धीरे अधिक जोखिम के संपर्क में आ रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक शहरी सहकारी बैंक अपने व्यवसाय की रूपरेखा और कार्यनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप उपयुक्त जोखिम प्रबंधन तंत्र स्थापित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करे। इस संबंध में, यह निर्णय लिया गया है कि 5000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के आस्ति आकार1 वाले सभी शहरी सहकारी बैंक एक मुख्य जोखिम अधिकारी (सीआरओ) की नियुक्ति करेंगे। बोर्ड2 को सीआरओ की भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि वह स्वतंत्र रूप से कार्य करे।
2. शहरी सहकारी बैंक इस संबंध में निम्नलिखित अनुदेशों का कड़ाई से पालन करेंगे:
क) सीआरओ बैंक के पदानुक्रम में एक वरिष्ठ अधिकारी होगा और उसके पास जोखिम प्रबंधन के क्षेत्र में पर्याप्त व्यावसायिक योग्यता/अनुभव होगा।
ख) सीआरओ को बोर्ड के अनुमोदन से एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा। सीआरओ को कार्यकाल पूरा होने से पहले केवल बोर्ड के अनुमोदन से ही पद से स्थानांतरित/हटाया जा सकता है और ऐसे समयपूर्व स्थानांतरण/हटाने की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय3 के पर्यवेक्षण विभाग को दी जाएगी।
ग) बोर्ड सीआरओ की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नीतियां बनाएगा। सीआरओ के पास एमडी/सीईओ या बोर्ड या बोर्ड की जोखिम प्रबंधन समिति (आरएमसी) को सीधे रिपोर्टिंग की व्यवस्था होंगी। यदि सीआरओ एमडी/सीईओ को रिपोर्ट करता है, तो बोर्ड या आरएमसी कम से कम तिमाही आधार पर एमडी और सीईओ की उपस्थिति के बिना सीआरओ से मिलेंगे।
घ) सीआरओ का व्यावसायिक कार्यक्षेत्र के साथ कोई रिपोर्टिंग संबंध नहीं होगा और उसे कोई व्यावसायिक लक्ष्य नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, कोई 'दोहरी हैटिंग' नही होगी अर्थात सीआरओ को सीईओ, सीओओ, सीएफओ, आंतरिक लेखा परीक्षा का प्रमुख, आदि जैसी कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
ड.) ऐसे यूसीबी, जो उच्च मूल्य के प्रस्तावों के लिए ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में समिति-पद्धति का पालन करते हैं, उनमें यदि सीआरओ ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में निर्णय लेनेवालों में से एक है, तो उसके पास मतदान की शक्ति होगी और सभी सदस्य जो ऋण स्वीकृति प्रक्रिया का हिस्सा हैं, ऋण प्रस्ताव से संबंधित जोखिम परिप्रेक्ष्य सहित सभी पहलुओं के लिए सामूहिक तथा व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। यदि सीआरओ ऋण स्वीकृति प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, तो उसकी भूमिका एक सलाहकार होने तक ही सीमित होगी।
च) यूसीबी जिसमें उच्च मूल्य के ऋणों की मंजूरी के लिए समिति-पद्धति का पालन नहीं होता है, वहाँ सीआरओ मंजूरी प्रक्रिया में केवल एक सलाहकार हो सकता है और उसके पास कोई मंजूरी शक्ति नहीं होगी।
छ) सीआरओ द्वारा सभी ऋण उत्पादों की जांच अंतर्निहित और नियंत्रण जोखिमों के दृष्टिकोण से की जाएगी।
3. सीआरओ निरंतर आधार पर सभी प्रकार के जोखिमों की पहचान करने, मापने और निगरानी करने में सक्षम एक एकीकृत जोखिम प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने में बोर्ड की सहायता करेंगे। इसमें संगठनात्मक जोखिम-वहन इच्छा (रिस्क अपेटाइट) और बोर्ड की रणनीति को समग्र और महीन स्तरों पर स्पष्ट रूप से निर्धारित निगरानी योग्य जोखिम सीमाओं में बदलने हेतु ढांचे को विकसित करना शामिल होगा। सीआरओ जोखिमों की वास्तविक निगरानी और शमन में भी शामिल होंगे।
4. इस बात पर बल दिया जाता है कि जोखिम प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी बोर्ड की होगी। जोखिम प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर आवश्यक स्तर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, उपरोक्त अनुच्छेद संख्या 1 में विनिर्दिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले यूसीबी को 31 मार्च 2022 तक एक जोखिम प्रबंधन समिति (बोर्ड की) स्थापित करने के लिए कहा जाता है। जोखिम प्रबंधन समिति की सदस्यता, कार्य का दायरा और बैठक की आवृत्ति बोर्ड तय करेगा।
5. 31 मार्च 2021 की स्थिति पर निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले यूसीबी 31 मार्च 2022 तक एक सीआरओ नियुक्त/नामित करेंगे। चालू वर्ष या बाद के वित्तीय वर्षों के अंत में मानदंडों को पूरा करने वाले यूसीबी संबंधित वित्तीय वर्ष के अंत से छह महीने की अवधि के भीतर सीआरओ नियुक्त/नामित करेंगे।
6. इस परिपत्र की एक प्रति बैंक के निदेशक बोर्ड की अगली बैठक में उनके समक्ष रखी जानी चाहिए।
भवदीय,
(मनोरंजन मिश्रा)
मुख्य महाप्रबंधक
|