भारिबै/2021-22/83
विसविवि.जीएसएसडी.केंका.बीसी.सं.09/09.01.01/2021-22
9 अगस्त 2021
अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सरकारी क्षेत्र के बैंक
निजी क्षेत्र के बैंक
(लघु वित्त बैंकों सहित)
महोदया / महोदय,
डीएवाई-एनआरएलएम (DAY-NRLM) के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के संपार्श्विक मुक्त ऋणों (collateral free loans) को रु.10 लाख से बढ़ाकर रु.20 लाख किया जाना
कृपया दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई - एनआरएलएम) पर दिनांक 01 अप्रैल 2021 के मास्टर परिपत्र विसविवि.जीएसएसडी.केंका.बीसी.सं.04/09.01.01/2021-22 का संदर्भ ग्रहण करें।
2. इस संबंध में, भारत सरकार ने दिनांक 1 जुलाई 2021 के अपने राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 2668(ई) के माध्यम से भारत सरकार, वित्त मंत्रालय (वित्तीय सेवाएं विभाग) के दिनांक 18 अप्रैल 2016 के अधिसूचना एस.ओ. 1443(ई) के पैरा (2) उप-पैरा (xii), भारत के राजपत्र में प्रकाशित, में उल्लेखित सूक्ष्म इकाई ऋण गारंटी निधि (सीजीएफएमयू) में संशोधनों को अधिसूचित किया है।
3. उपरोक्त संशोधन को ध्यान में रखते हुए, दिनांक 01 अप्रैल 2021 के आरबीआई मास्टर परिपत्र विसविवि.जीएसएसडी.केंका.बीसी.सं.04/09.01.01/2021-22 (डीएवाई-एनआरएलएम पर) के पैरा 7.4 को निम्नानुसार संशोधित किया जाता है:
7.4 जमानत एवं मार्जिन:
7.4.1 एसएचजी को ₹10 लाख तक की सीमा हेतु न कोई कोलेटरल और न कोई मार्जिन लगाया जाएगा। एसएचजी के बचत बैंक खातों के विरुद्ध कोई ग्रहणाधिकार नहीं लगाया जाएगा तथा ऋण मंजूरी के समय जमाराशि के लिए कोई आग्रह न किया जाए।
7.4.2 एसएचजी को ₹10 लाख से अधिक और ₹20 लाख तक के ऋणों के लिए, कोई कोलेटरल नहीं लगाया जाएगा और एसएचजी के बचत बैंक खाते के विरुद्ध कोई ग्रहणाधिकार नहीं लगाया जाएगा। यद्यपि, संपूर्ण ऋण (बकाया ऋण के बावजूद, भले ही वह बाद में ₹10 लाख से कम हो जाये) सूक्ष्म इकाई ऋण गारंटी निधि (सीजीएफएमयू) के तहत कवरेज के लिए पात्र होगा।
4. उक्त मास्टर परिपत्र के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीया,
(काया त्रिपाठी)
मुख्य महाप्रबंधक |