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अधिसूचनाएं

बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षित जमा लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री सुविधा - संशोधित अनुदेश

भा.रि.बैंक/2021-2022/86
विवि.एलईजी.आरईसी/40/09.07.005/2021-22

18 अगस्त, 2021

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)
सभी सहकारी बैंक
सभी लघु वित्त बैंक
सभी भुगतान बैंक
सभी स्थानीय क्षेत्र बैंक

महोदया/ महोदय,

बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षित जमा लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री सुविधा - संशोधित अनुदेश

कृपया उक्त विषय पर रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) को जारी मौजूदा अनुदेशों को देखें। बैंकिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न विकासों, उपभोक्ता शिकायतों की प्रकृति और बैंकों और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ('रिज़र्व बैंक') ने उक्त विषय पर जारी दिशानिर्देशों/ अनुदेशों की समीक्षा की है। समीक्षा में 'अमिताभ दासगुप्ता बनाम यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया' में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रगणित सिद्धांतों को भी ध्यान में रखा गया है, (2010 के सीए सं. 3966 में 19 फरवरी, 2021 का निर्णय)।

2. तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए और धाराओं 45जेडसी से 45जेडएफ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त अधिनियम की धारा 56 और इस संबंध में रिजर्व बैंक को सक्षम करने वाले इस अधिनियम के अन्य सभी प्रावधानों या कोई अन्य कानून के साथ, रिजर्व बैंक मानता है कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, इसके द्वारा उक्त विषय पर विस्तृत संशोधित अनुदेश जारी किया जाता है। इस परिपत्र के अनुबंध के रूप में संलग्न संशोधित अनुदेश, परिशिष्ट में सूचीबद्ध इस विषय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पूर्व के अनुदेशों के अधिक्रमण में जारी किए गए हैं। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे संशोधित अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में अपनी स्वयं की बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति/परिचालन दिशानिर्देश तैयार करें।

3. संशोधित अनुदेश 1 जनवरी 2022 से लागू होंगे (जहां अन्यथा विनिर्दिष्ट किया गया है के अलावा) और बैंकों के साथ नए और मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकर और वस्तुओं की सुरक्षित अभिरक्षा दोनों पर लागू होंगे।

भवदीय

(थॉमस मैथ्यू)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

सुरक्षित जमा लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री सुविधा - संशोधित अनुदेश

विषय सूची
पैरा सं विवरण
  भाग I: लॉकर के लिए ग्राहक उचित सावधानी (सीडीडी)
1 ग्राहक उचित सावधानी
  भाग II: लॉकर आवंटन
2.1 मॉडल लॉकर करार
2.2 लॉकर किराया
  भाग III: अवसंरचना और सुरक्षा मानक
3.1 स्ट्रांग रुम/ वॉल्ट की सुरक्षा
3.2 लॉकर मानक
  भाग IV: लॉकर संचालन
4.1 ग्राहकों द्वारा नियमित परिचालन
4.2 बैंकों द्वारा आंतरिक नियंत्रण
  भाग V: नामांकन सुविधा और दावों का निपटान
5.1 नामांकन सुविधा
5.2 ग्राहक की मृत्यु के मामले में दावों का निपटान
5.3 सुरक्षित जमा लॉकरों में वस्तुओं तक पहुंच / सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए सामग्रियों की वापसी
  भाग VI: लॉकर को बंद करना और उसमें रखे वस्तुओं का निपटान करना
6.1 ग्राहक के अनुरोध पर लॉकर सामग्री का निपटान
6.2 किसी भी विधिक प्रवर्तन प्राधिकरण द्वारा लॉकर में रखे सामग्री और बैंक की सुरक्षित अभिरक्षा में रखी सामग्रियों की कुर्की और वसूली
6.3 लॉकर किराए का भुगतान न करने के कारण बैंकों द्वारा लॉकर सामग्री का निपटान
6.4 लॉकर के लंबे समय तक निष्क्रिय रहने पर लॉकर सामग्री का निपटान
  भाग VII: बैंकों के लिए मुआवजा नीति/दायित्व
7 बैंकों का दायित्व
7.1 प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, आंधी, बिजली आदि से उत्पन्न होने वाली या ग्राहक की स्वयं की लापरवाही के कारण बैंकों की देयता
7.2 आग, चोरी, सेंधमारी, लूट, डकैती, इमारत ढहने जैसी घटनाओं या बैंक के कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में उत्पन्न होने वाली बैंकों की देयता
  भाग VIII: जोखिम प्रबंधन, पारदर्शिता और ग्राहक मार्गदर्शन
8.1 शाखा बीमा नीति
8.2 ग्राहक द्वारा लॉकर सामग्री का बीमा
8.3 ग्राहक मार्गदर्शन और प्रचार
8.4 बोर्ड अनुमोदित नीतियां और एसओपी
  फार्म
  अनुबंध

भाग I: लॉकर के लिए ग्राहक उचित सावधानी (सीडीडी)

1. ग्राहक उचित सावधानी

1.1 बैंक के मौजूदा ग्राहक जिन्होंने लॉकर सुविधा के लिए आवेदन किया है और जो मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर अद्यतन किए गए अनुसार) के तहत सीडीडी मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं, उन्हें सुरक्षित जमा लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा की सामग्री का निरंतर अनुपालन के अधीन सुविधाएं दी जा सकती हैं।

1.2 जिन ग्राहकों का बैंक के साथ कोई अन्य बैंकिंग संबंध नहीं है, उन्हें मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर अद्यतन किए गए अनुसार) के तहत सीडीडी मानदंड का अनुपालन करने के बाद सुरक्षित जमा लॉकर / सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री निरंतर अनुपालन के अधीन सुविधाएं दी जा सकती हैं। लॉकर किराए पर लेने वाले सभी ग्राहकों, कोई भी अधिकार और क्षमता में हों, के लिए उचित सावधानी ली जाएगी।

1.3 बैंक लॉकर समझौते में एक खंड शामिल करेंगे कि लॉकर-किरायाकर्ता सुरक्षित जमा लॉकर में कुछ भी अवैध या कोई खतरनाक पदार्थ नहीं रखेगा। यदि बैंक को संदेह है कि किसी ग्राहक द्वारा सुरक्षित जमा लॉकर में कोई अवैध या खतरनाक पदार्थ जमा किया गया है, तो बैंक को ऐसे ग्राहक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार होगा जो उस परिस्थिति में उचित और सटीक लगे।

1.4 बैंक लॉकर-किराए पर रखने वाले(यों) और लॉकर के किराएदार(यों) द्वारा अधिकृत व्यक्ति(यों) के हाल के पासपोर्ट आकार की फोटो प्राप्त करेंगे जो लॉकर को संचालित करने और बैंक की शाखा में रखे जा रहे लॉकर-किराएदार से संबंधित रिकॉर्ड में संरक्षित करेंगे।

भाग II: लॉकर आवंटन

2. ग्राहकों को सूचित विकल्प चुनने की सुविधा के लिए, बैंक खाली लॉकरों की एक शाखावार सूची के साथ-साथ कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में प्रतीक्षा सूची या लॉकरों के आवंटन और लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई द्वारा जारी साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप किसी अन्य कम्प्यूटरीकृत प्रणाली को बनाए रखेंगे। बैंक लॉकर के आवंटन के लिए सभी आवेदनों की प्राप्ति की पावती देंगे और यदि लॉकर आवंटन के लिए उपलब्ध नहीं हैं तो ग्राहकों को प्रतीक्षा सूची संख्या प्रदान करेंगे।

2.1 मॉडल लॉकर करार

2.1.1 सुरक्षित जमा लॉकरों के लिए बैंकों के पास बोर्ड द्वारा अनुमोदित समझौता होना चाहिए। इस प्रयोजन के लिए, बैंक आईबीए द्वारा तैयार किए जाने वाले मॉडल लॉकर करार को अपना सकते हैं। यह करार इन संशोधित अनुदेशों और इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप होगा। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर समझौतों में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं। इसके अलावा, बैंक के हितों की रक्षा के लिए करार की शर्तें व्यापार के सामान्य आवश्यकता से अधिक कठिन नहीं होंगी। बैंक 1 जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ अपने लॉकर करार का नवीनीकरण करेंगे।

2.1.2 किसी ग्राहक को लॉकर के आवंटन के समय, बैंक उस ग्राहक के साथ, जिसे लॉकर की सुविधा प्रदान की जाती है, विधिवत मुहर लगे कागज पर एक समझौता करना होगा। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित दो प्रतियों में लॉकर समझौते की एक प्रति लॉकर-किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए प्रस्तुत की जाएगी। मूल करार बैंक की उस शाखा के साथ रखा जाएगा जहां लॉकर स्थित है।

2.2 लॉकर किराया

2.2.1 जहां लॉकर धारक न तो लॉकर संचालित करता है और न ही किराए का भुगतान करता है बैंकों को संभावित स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है । लॉकर किराए का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, बैंकों को आवंटन के समय एक सावधि जमा प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है, जिसमें तीन साल का किराया और ऐसी स्थिति में लॉकर खोलने के शुल्क शामिल होंगे। हालांकि, बैंक मौजूदा लॉकर धारकों या संतोषजनक परिचालन खाते वाले लोगों से ऐसी सावधि जमा पर जोर नहीं देंगे। लॉकर सुविधा के आवंटन की पैकेजिंग के साथ सावधि जमाराशियों को उपर्युक्त विशेष रूप से अनुमत सीमा से अधिक रखने को एक प्रतिबंधात्मक प्रथा के रूप में माना जाएगा।

2.2.2 यदि लॉकर का किराया अग्रिम रूप से वसूल किया जाता है, तो ग्राहक द्वारा लॉकर के समर्पण की स्थिति में, एकत्र किए गए अग्रिम किराए की आनुपातिक राशि ग्राहक को वापस कर दी जाएगी।

2.2.3 यदि लॉकरों के भौतिक स्थानान्तरण की गारंटी देने वाली शाखा के विलय/बंद/स्थानांतरण जैसी कोई घटना होती है, तो बैंक इस संबंध में दो समाचार पत्रों (स्थानीय भाषा में एक स्थानीय दैनिक सहित) में सार्वजनिक सूचना देगा और ग्राहकों को सुविधा बदलने या बंद करने के विकल्पों के साथ कम से कम दो महीने पहले सूचित किया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं या ऐसी किसी अन्य आपात स्थिति के कारण अनियोजित स्थानांतरण के मामले में, बैंक अपने ग्राहकों को यथाशीघ्र उपयुक्त रूप से सूचित करने का प्रयास करेंगे।

भाग III: अवसंरचना और सुरक्षा मानक

3.1 स्ट्रांग रुम/ वॉल्ट की सुरक्षा

3.1.1 बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे कि जिस क्षेत्र में लॉकर सुविधा स्थित है वह आपराधिक तोड़-फोड़ को रोकने के लिए उचित रूप से सुरक्षित है। संबंधित लॉकर धारक की भागीदारी के बिना किसी भी तरह से आवंटित लॉकर की पहुंच के जोखिम का आकलन किया जा सकता है और रिकॉर्ड में रखा जा सकता है। बैंकों में लॉकर रूम/वॉल्ट में प्रवेश और निकास का एक ही नियत मार्ग हो। जिस स्थान पर लॉकर रखे गए हैं, उसे बारिश/बाढ़ के पानी के प्रवेश के खतरे से बचाने और आकस्मिक परिस्थितियों में लॉकर को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त रूप से सुरक्षित किया जाना चाहिए। क्षेत्र की आग जोखिमों का भी आकलन किया जाना चाहिए और उन्हें कम किया जाना चाहिए। बैंक, अपनी नीति के अनुसार, जोखिमों की पहचान करने और आवश्यक सुधार करने के लिए नियमित रूप से आवश्यक इंजीनियरिंग/सुरक्षा सत्यापन करें।

3.1.2 लॉकर रखने वाले क्षेत्र में प्रत्येक समय पर्याप्त सुरक्षा होनी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो बैंक अपने जोखिम मूल्यांकन के अनुसार एक्सेस कंट्रोल सिस्टम स्थापित करेंगे, जो किसी भी अनधिकृत प्रवेश को प्रतिबंधित करेगा और टाइम लॉग के साथ लॉकर रूम तक पहुंच का डिजिटल रिकॉर्ड बनाएगा। अपनी आंतरिक सुरक्षा नीति के अनुसार, बैंक सीसीटीवी कैमरे के तहत स्ट्रांग रूम के प्रवेश और निकास और संचालन के सामान्य क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं और कम से कम 180 दिनों की अवधि के लिए इसकी रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखें। यदि किसी ग्राहक ने बैंक से शिकायत की है कि उसका लॉकर उसकी जानकारी और अधिकार के बिना खोला गया है, या कोई चोरी या सुरक्षा उल्लंघन देखा गया है, तो बैंक पुलिस जांच पूरी होने और विवाद सुलझने तक सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखेगा।

3.1.3 सुरक्षा प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से प्रलेखित किया जाए और संबंधित कर्मचारियों को प्रक्रिया में उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाए। आंतरिक लेखापरीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन का सत्यापन और रिपोर्ट करेंगे कि प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाता है।

3.2 लॉकर मानक

3.2.1 बैंकों द्वारा स्थापित किए जाने वाले सभी नए यांत्रिक लॉकर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) या इस संबंध में लागू किसी अन्य उन्नत उद्योग मानकों द्वारा निर्धारित सुरक्षा और सुरक्षा के लिए बुनियादी मानकों / बेंचमार्क के अनुरूप होंगे।

3.2.2 इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक्सेस किए जाने वाले लॉकर की पेशकश करने वाले बैंकों को उपयुक्त उद्योग मानकों को पूरा करने वाले ऐसे लॉकरों की बचाव और सुरक्षा सुविधाओं से पूरी तरह अवगत होना चाहिए। यदि लॉकर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं, तो बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाएगा कि सिस्टम हैकिंग या सुरक्षा के किसी भी उल्लंघन से सुरक्षित है। ग्राहकों का व्यक्तिगत डेटा, उनके बायोमेट्रिक डेटा सहित, उनकी सहमति के बिना तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित लॉकर रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप हैं। सिस्टम लॉकर गतिविधियों के अपरिवर्तनीय लॉग को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए। बैंक आईटी/डेटा सुरक्षा के लिए लागू प्रासंगिक सांविधिक/विनियामक दिशानिर्देशों/आवश्यकताओं का अनुपालन करेंगे। इसके अलावा, बैंक इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित लॉकरों के मामले में ग्राहकों को खोए हुए पासवर्ड के बदले नया पासवर्ड जारी करने के लिए सुरक्षित रुप से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करेंगे।

3.2.3 बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा लॉकर/लॉकर के स्वामित्व की पहचान को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से बैंक/शाखा का पहचान कोड सभी लॉकर की चाबियों पर अंकित हो। इसके अलावा, लॉकर का संरक्षक नियमित रूप से/समय-समय पर शाखा में रखी चाबियों की जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे उचित स्थिति में हैं। बैंक लॉकर धारक को केवल बैंक द्वारा प्रदान की गई चाबी के साथ लॉकर संचालित करने की अनुमति देगा, हालांकि लॉकर में यदि प्रावधान हो तो ग्राहक को अपने स्वयं के अतिरिक्त पैडलॉक का उपयोग करने की अनुमति देने में कोई प्रतिबंध नहीं है।

भाग IV: लॉकर संचालन

4.1 ग्राहकों द्वारा नियमित परिचालन

4.1.1 लॉकर धारक और/या उसके द्वारा विधिवत अधिकृत व्यक्तियों को ही बैंक के संबंधित अधिकारियों द्वारा उनकी पहचान और प्राधिकरण की रिकॉर्डिंग के उचित सत्यापन के बाद लॉकर संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। बैंक लॉकर धारकों सहित सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखेगा, जिन्होंने लॉकर का उपयोग किया है और जिस तारीख और समय (चेक-इन और चेक-आउट समय दोनों) पर उन्होंने लॉकर खोला और बंद किया है और उनके हस्ताक्षर प्राप्त करेगा। लॉकर धारकों या बैंक के कर्मचारियों सहित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वॉल्ट रूम में प्रवेश और निकासी रजिस्टर को रिकॉर्ड में उचित स्थान पर उनके हस्ताक्षर के साथ वॉल्ट रूम क्षेत्र में व्यक्तियों की आवाजाही को रिकॉर्ड करने के लिए बनाए रखा जाएगा।

4.1.2 लॉकर धारकों को लॉकर तक पहुंचने के लिए अधिकृत करने वाला बैंक का अधिकारी, पहली चाबी/पासवर्ड को अनलॉक करने के बाद लॉकर धारक द्वारा लॉकर खोलते समय मौजूद नहीं रहेगा। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जब कई ग्राहक एक ही समय पर लॉकर तक पहुंचें तो लॉकर धारकों के संचालन में पर्याप्त गोपनीयता हो।

4.1.3 बैंक दिन की समाप्ति से पहले ग्राहक के पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर एक सकारात्मक पुष्टि के रूप में एक ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजेंगे, जिसमें लॉकर के संचालन की तारीख और समय और अनधिकृत लॉकर पहुंच मामले में उपलब्ध निवारण तंत्र की सूचना दी जाएगी।

4.2 बैंकों द्वारा आंतरिक नियंत्रण

4.2.1 जब भी किरायेदार द्वारा लॉकर को सरेंडर किया जाता है, तो तालों के अंतर-परिवर्तन की एक प्रणाली होनी चाहिए। खाली लॉकरों की चाबियां सीलबंद लिफाफों में रखी जाएंगी। डुप्लीकेट मास्टर चाबियां बैंक की किसी अन्य शाखा में जमा की जाएंगी। मास्टर चाबियों की संयुक्त अभिरक्षा का उचित रिकॉर्ड होना चाहिए। बैंक सरेंडर/खाली लॉकरों और उनकी चाबियों का आकस्मिक आवधिक सत्यापन बैंक के किसी ऐसे अधिकारी द्वारा करायेंगे जो उनकी अभिरक्षा से संबंधित नहीं है और ऐसे सत्यापन के प्रमाण के रूप में उचित रिकॉर्ड रखा जाएगा।

4.2.2 बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि लॉकर और लॉकर चाबी संबंधी रजिस्टर सीबीएस या आरबीआई द्वारा जारी साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप किसी अन्य कम्प्यूटरीकृत प्रणाली में रखे गए हैं। आवंटन में किसी भी बदलाव के मामले में लॉकर रजिस्टर का सम्पूर्ण ऑडिट ट्रेल्स के साथ उसे अपडेट किया जाएगा।

4.2.3 बैंक का अभिरक्षक यह जांच करेगा कि संचालन के बाद लॉकर ठीक से बंद किया है या नहीं। यदि ऐसा नहीं किया गया है, तो लॉकर को तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए, और लॉकर-किराए पर लेनेवाले को तुरंत ई-मेल के माध्यम से, यदि पंजीकृत है या एसएमएस के माध्यम से, यदि मोबाइल नंबर पंजीकृत है या पत्र के माध्यम से ताकि वे लॉकर की सामग्री के संबंध में किसी भी परिणामी विसंगति को सत्यापित कर सकें। बैंक का अभिरक्षक रजिस्टर में लॉकर को ठीक से बंद न करने और बैंक द्वारा इसे बंद करने के तथ्य को तारीख और समय के साथ दर्ज करेगा। इसके अलावा, लॉकर रूम का अभिरक्षक दिन के अंत में लॉकर रूम की भौतिक जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि लॉकर ठीक से बंद हैं, और बैंकिंग घंटों के बाद कोई भी व्यक्ति अनजाने में लॉकर रूम में फंसा नहीं है।

भाग V: नामांकन सुविधा और दावों का निपटान

5.1 नामांकन सुविधा

5.1.1 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45-जेडसी से 45-जेडएफ और बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियम, 1985/ सहकारी बैंक (नामांकन) नियम, 1985 के प्रावधानों के अनुसार बैंक सुरक्षित जमा लॉकर और वस्तुओं की सुरक्षित अभिरक्षा के मामले में नामांकन सुविधा प्रदान करेंगे। यदि नामिती अवयस्क है, तो बैंकों द्वारा बैंक खातों के लिए निर्धारित समान प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। ग्राहक से उनके विकल्प पर नामिती के पासपोर्ट आकार की फोटो जिसे ग्राहक द्वारा सत्यापित किया गया हो, प्राप्त की जा सकती है और रिकॉर्ड में संरक्षित किया जा सकता है।

5.1.2 बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियम, 1985/सहकारी बैंक (नामांकन) नियम, 1985 के तहत निर्धारित विभिन्न प्रपत्रों के लिए (सुरक्षित अभिरक्षा में छोड़ी गई सामग्री के लिए प्रपत्र एससी1, एससी2 और एससी3 और सुरक्षा लॉकरों के लिए प्रपत्र एसएल1, एसएल1ए, एसएल2, एसएल3 और एसएल3ए) दो गवाहों द्वारा केवल अंगूठे के निशान को प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी।

5.1.3 लॉकर किराएदारों द्वारा बनाई गई अपनी बहियों में नामांकन, रद्दीकरण और/या नामांकन के बदलाव को दर्ज करने के लिए बैंकों के पास उपयुक्त प्रणालियां और प्रक्रियाएं होंगी।

5.1.4 नामांकन, रद्दीकरण और/या नामांकन में परिवर्तन संबंधी विधिवत भरे हुए फॉर्म की प्राप्ति को स्वीकार करने के लिए बैंक एक उचित प्रणाली तैयार करेंगे। इस तरह की पावती सभी ग्राहकों को दी जाएगी, भले ही ग्राहकों द्वारा इसकी मांग की गई हो या नहीं।

5.2 ग्राहक की मृत्यु के मामले में दावों का निपटान

5.2.1 दावों के निपटान के लिए बैंकों के पास बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होनी चाहिए। यह नीति मृत व्यक्ति के दावों के निपटान के लिए आईबीए द्वारा तैयार किए गए विनियामकीय अनुदेशों और मॉडल परिचालन प्रक्रिया (एमओपी) के अनुरूप होगी और राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के मामले में नाबार्ड द्वारा तैयार एमओपी का अनुपालन किया जाएगा।

5.2.2 बैंकों के पास बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 जेडसी से 45 जेडएफ के प्रावधानों और बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियम, 1985 / सहकारी बैंक (नामांकन) नियम, 1985 और भारतीय अनुबंध अधिनियम और भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार नामांकन और नामांकित व्यक्ति को सुरक्षा लॉकर / सुरक्षित अभिरक्षा लेख की सामग्री जारी करने और अन्य व्यक्तियों के दावों के नोटिस के प्रति सुरक्षा के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति होगी।

5.2.3 यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षित अभिरक्षा में छोड़ी गई वस्तुएं और लॉकर की सामग्री वास्तविक नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी गई है, साथ ही मृत्यु के प्रमाण को सत्यापित करने के लिए, बैंक लागू कानूनों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार अपने स्वयं का दावा प्रारूप तैयार करेंगे।

5.2.4 दावों के निपटान के लिए समय सीमा: बैंक मृत लॉकर किराएदारों के संबंध में जमाकर्ता की मृत्यु के प्रमाण की प्रस्तुति और नामांकन के संदर्भ में दावेदार (ओं) की उपयुक्त पहचान के अधीन दावे की प्राप्ति की तारीख से 15 दिनों से अधिक न होने की अवधि के भीतर दावों का निपटान करेंगे और लॉकर की सामग्री को उत्तरजीवी(यों)/नामित(यों) को, जैसा भी मामला हो, सौंप देंगे।

5.2.5 बैंक मृतक लॉकर-किराएदारों / सुरक्षित अभिरक्षा लेख खातों के जमाकर्ताओं और निर्धारित अवधि से परे लंबित दावों की संख्या का विवरण, उसके कारणों सहित बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति को उचित अंतराल पर, निरंतर आधार पर, रिपोर्ट करेंगे। बैंकों के बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति दावों के निपटान की समीक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देगी कि दावों का यथाशीघ्र निपटान किया जाता है जब तक कि न्यायालयों के समक्ष कोई मुकदमा लंबित न हो या नामांकन के संदर्भ में वास्तविक दावेदार की पहचान करने में कोई कठिनाई न हो।

5.3 सुरक्षित जमा लॉकरों में वस्तुओं तक पहुंच / सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए सामग्रियों की वापसी

5.3.1 यदि एकमात्र लॉकर किराएदार किसी व्यक्ति को लॉकर में सामग्री प्राप्त करने के लिए नामित करता है और उस एकमात्र लॉकर किराएदार की मृत्यु के मामले में, मृत्यु प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद और संपर्क किए गए ऐसे व्यक्ति की पहचान और वास्तविकता को संतुष्ट करने के बाद, बैंक ऐसे नामित व्यक्ति को निर्धारित तरीके से एक वस्तुसूची लेने के बाद, लॉकर की सामग्री को हटाने की स्वतंत्रता सहित लॉकर तक पहुंच प्रदान करेंगे। यदि लॉकर को उत्तरजीविता खंड के साथ संयुक्त रूप से किराए पर लिया गया था और किराएदारों ने निर्देश दिया था कि लॉकर की पहुंच "या तो या उत्तरजीवी", "कोई भी या उत्तरजीवी" या "पूर्व या उत्तरजीवी" या बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत अनुमतनीय किसी अन्य उत्तरजीविता खंड के अनुसार देनी चाहिए तो बैंक संयुक्त लॉकर किराए पर लेने वालों में से एक या अधिक की मृत्यु की स्थिति में इस अध्यादेश का पालन करेंगे।

5.3.2 हालांकि, बैंक नामिती /उत्तरजीवी को जमासामग्री तक ऐक्सेस देने से पहले निम्नलिखित सुनिश्चित करेंगे:

  1. उचित दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त करके उत्तरजीवी (ओं) /नामांकित व्यक्ति (ओं) की पहचान और लॉकर के किरायेदार की मृत्यु के तथ्य को स्थापित करने में पर्याप्त ध्यान और सावधानी बरतें;

  2. यह पता लगाने के लिए अथक प्रयास करें कि क्या अदालतों/फोरमों से कोई आदेश या निर्देश जारी हुआ है, जो इसे मृतक के लॉकर तक पहुंच देने से रोकता है; और

  3. उत्तरजीवी (उत्तरजीवियों) /नामित व्यक्ति (व्यक्तियों)को यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि लॉकर/सुरक्षित जमा वस्तुओं तक ऐक्सेस, उन्हें केवल लॉकर के मृतक किराएदार के विधिक उत्तराधिकारियों के न्यासी के रूप में दी जाती है अर्थात उन्हें दिया गया ऐक्सेस उस अधिकार या दावे को प्रभावित नहीं करेगी जो किसी भी व्यक्ति के पास उत्तरजीवी (उत्तरजीवियों) /नामित व्यक्ति (व्यक्तियों) को तब मिलता है, जब उन्हें ऐक्सेस दी जाती है।

बैंक की सुरक्षित अभिरक्षित समग्रियों को वापस लौटाने के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

5.3.3 बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि लॉकर की सामग्री, जब किसी नाबालिग नामित व्यक्ति की ओर से लौटाने की मांग की जाती है, तो उसे ऐसे व्यक्ति को सौंप दिया जाए, जो विधिक रूप से ऐसे नाबालिग की ओर से उक्त वस्तु को प्राप्त करने में सक्षम है । इसके अलावा, बैंक दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में वस्तुओं की एक सूची तैयार करेंगे, पहला बैंक का एक अधिकारी जो लॉकर सुविधा या वस्तुओं के सुरक्षित जमा से जुड़ा हुआ नहीं है और दूसरा दावेदार (दावेदारों), जो नामिती हो सकता है या नाबालिग की ओर से वस्तु प्राप्त करने के लिए नामित व्यक्ति हो सकता है।

5.3.4 बैंक नामिती (दावेदार) या नाबालिग की ओर से वस्तु प्राप्त करने के लिए सक्षम व्यक्ति से, जो भी स्थिति हो, अलग से यह वचनपत्र प्राप्त करेगा कि लॉकर में या बैंक की सुरक्षित जमा में रखी सभी सामग्री, जैसा भी लागू हो, उसने प्राप्त कर लिया है और लॉकर अब खाली है तथा बैंक द्वारा लागू मानदंडों के अनुसार किसी अन्य ग्राहक को लॉकर आवंटित करने में उसे कोई आपत्ति नहीं है।

5.3.5 सुरक्षित जमा वस्तुओं के लॉकर के मृतक किरायेदार /जमाकर्ता के उत्तरजीवी (उत्तरजीवियों)/नामांकित व्यक्ति (व्यक्तियों) तक ऐक्सेस प्रदान करते समय, जब तक नामांकन में कोई विसंगति न हो, बैंक उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, प्रशासन पत्र या प्रोबेट आदि जमा कराने या उत्तरजीवी (उत्तरजीवियों)/नामांकित व्यक्ति (व्यक्तियों) से क्षतिपूर्ति या जमानती का कोई बॉण्ड प्राप्त करने पर जोर देने से बचें । इस संबंध में, बैंक पैरा 5.3.2 के अंतर्गत शामिल हमारे निर्देशों पर ध्यान दें।

5.3.6 यदि लॉकर के मृतक किरायेदार ने कोई नामांकन नहीं किया था या जहां संयुक्त किरायेदारों ने किसी स्पष्ट उत्तरजीविता खंड के माध्यम से कोई अधिदेश नहीं दिया था कि जीवित बचे लोगों में से एक या अधिक लोगों तक ऐक्सेस दी जा सकती है, तो बैंक लॉकर के मृतक किरायेदार के विधिक उत्तराधिकारी /विधिक प्रतिनिधि तक ऐक्सेस को सुगम बनाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति अपनाएंगे । इस संबंध में, बैंक पैरा 5.3.2 के अंतर्गत शामिल हमारे निर्देशों पर ध्यान दें।

बैंक की सुरक्षित जमा वस्तुओं के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

भाग VI: लॉकर को बंद करना और उसमें रखे वस्तुओं का निपटान करना

6. यह भाग ग्राहक द्वारा अपनी मूल कुंजी अथवा पासवर्ड का प्रयोग करके सामान्य ऐक्सेस के माध्यम के आलवे किसी अन्य तरीके से लॉकर खोलने पर निम्नलिखित परिस्थितियों में से किसी स्थिति पर लागू होता है:

(i) यदि किरायेदार चाबी खो देता है और अपने खर्च पर लॉकर खोलने के लिए अनुरोध करता है; अथवा

(ii) यदि सरकारी प्रवर्तन एजेंसियों ने लॉकरों को जब्त करने के लिए न्यायालय या उपयुक्त सक्षम प्राधिकारी के आदेशों के साथ बैंक से संपर्क किया है और लॉकर तक ऐक्सेस का अनुरोध किया है; अथवा

(iii) यदि बैंक को लगता है कि लॉकर वापस लेने की जरूरत है; क्योंकि लॉकर का किरायेदार समझौते के नियम व शर्तों का पालन करने में सहयोग नहीं कर रहा है।

बैंक प्रासंगिक विधिक और संविदात्मक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सभी संभावित स्थितियों के लिए लॉकर खोलने के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ बोर्ड द्वारा अनुमोदित एक स्पष्ट नीति अपनाएंगे।

6.1 ग्राहक के अनुरोध पर लॉकर सामग्री का निपटान

6.1.1 यदि बैंक द्वारा दी गई लॉकर की कुंजी को लॉकर के किरायेदार द्वारा खो दी जाती है, तो ग्राहक (लॉकर का किरायेदार) इस संबंध में बैंक को तत्काल सूचित करेगा। ग्राहक से एक वचनपत्र भी प्राप्त किया जा सकता है कि जो कुंजी खो गई है, यदि भविष्य में मिली तो उसे बैंक को सौंप दिया जाएगा। लॉकर खोलने, ताला बदलने और खोई हुई कुंजी को बदलने के सभी खर्च किरायेदार से वसूल किए जा सकते हैं। खोई हुई कुंजियों को बदलने/नए पासवर्ड जारी करने के पर लागू शुल्कों की सूचना लॉकर के किरायेदार को दी जाएगी।

6.1.2 बैंक या उसके अधिकृत तकनीशियन द्वारा किरायेदार की उचित पहचान, लॉकर को खोलने के लिए गुमसुदगी के तथ्य की उचित रिकॉर्डिंग और ग्राहक द्वारा लिखित प्राधिकार के बाद ही लॉकर खोला जाना है।

6.1.3 यह कार्रवाई ग्राहक/ग्राहकों एवं बैंक के एक प्राधिकृत अधिकारी की उपस्थिति में की जाएगी । यह सुनिश्चित करना होगा कि आसपास के लॉकर ऐसे किसी भी परिचालन से प्रभावित न हों और लॉकर की सामग्री लॉकर तोड़ने या उसे पुनः ठीक करने की प्रक्रिया के दौरान लॉकर के किरायेदार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में न आए।

6.2 किसी भी विधिक प्रवर्तन प्राधिकरण द्वारा लॉकर में रखे सामग्री और बैंक की सुरक्षित अभिरक्षा में रखी सामग्रियों की कुर्की और वसूली

6.2.1 किसी ग्राहक के लॉकर में रखे सामग्री या बैंक की सुरक्षित जमा में रखी वस्तुओं की कुर्की और वसूली के मामले में किसी न्यायालय के आदेशों के अंतर्गत किसी अधिकारी द्वारा या ऐसे आदेश पारित करने की शक्तिप्राप्त किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश प्राप्त होने पर बैंक आदेशों के निष्पादन और कार्यान्वयन में सहयोग करेंगे।

6.2.2 बैंक लॉकर में रखे सामग्री या बैंक की सुरक्षित जमा में रखी वस्तुओं की कुर्की और वसूली के लिए प्राप्त आदेशों और संबन्धित दस्तावेजों को सत्यापित करेगा और इस संबंध में स्वयं को संतुष्ट करेगा। ग्राहक (लॉकर के किरायेदार) को पत्र के साथ-साथ पंजीकृत ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर पर ईमेल/एसएमएस द्वारा सूचित किया जाएगा कि सरकारी प्राधिकारियों ने लॉकर में रखे सामग्री या बैंक की सुरक्षित जमा में रखी वस्तुओं की कुर्की और वसूली या जब्ती के लिए उनसे संपर्क किया है। ऐसे सरकारी प्राधिकारियों, दो स्वतंत्र गवाहों और बैंक के एक अधिकारी की उपस्थिति में जब्त किए गए लॉकर में रखे सामग्री या बैंक की सुरक्षित जमा में रखी वस्तुओं की एक सूची तैयार की जाएगी और सभी द्वारा इसपर हस्ताक्षर किए जाएंगे । उक्त सूची की एक प्रति ग्राहक को बैंक के रिकॉर्ड में उपलब्ध पते पर भेजी जाएगी या पावती के पश्चात ग्राहक को हाथ में सौंपी जा सकती है।

6.2.3 बैंक विधिक रूप से अनुमति होने की स्थिति में लॉकर तोड़ने और सूची मूल्यांकन करने की प्रक्रिया का एक वीडियो भी रिकॉर्ड करेगा, और भविष्य में किसी भी विवाद या अदालत या धोखाधड़ी के मामले में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए वीडियो को संरक्षित करेगा।

6.3 लॉकर किराए का भुगतान न करने के कारण बैंकों द्वारा लॉकर सामग्री का निपटान

6.3.1 यदि ग्राहक द्वारा लगातार तीन वर्षों तक किराए का भुगतान नहीं किया गया है, तो बैंकों को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए किसी भी लॉकर को खोलने का विवेकाधिकार होगा। आवंटन में किसी भी बदलाव से पहले बैंक मौजूदा लॉकर-किराएदार को सूचित करना सुनिश्चित करेगा और उसे उसके द्वारा जमा की गई वस्तुओं को वापस लेने का उचित अवसर देगा। इस आशय का एक खंड लॉकर करार में शामिल किया जा सकता है।

6.3.2 बैंक लॉकर को तोड़ने से पहले, लॉकर-किराए पर लेने वाले को एक पत्र के माध्यम से और ईमेल और एसएमएस अलर्ट के माध्यम से पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल फोन नंबर पर उचित नोटिस देगा। यदि पत्र बिना सुपुर्दगी लौटा दिया जाता है या लॉकर-किराए पर लेने वाले का पता नहीं चलता है, तो बैंक लॉकर-किराए पर लेने वाले या किसी अन्य व्यक्ति को जो जवाब देने के लिए लॉकर की सामग्री में रुचि रखता है, उचित समय देते हुए दो समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में) में सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा। बैंक के एक अधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में लॉकर को तोड़ा जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित लॉकर (स्मार्ट वॉल्ट सहित) के मामले में, लॉकर खोलने के लिए 'वॉल्ट एडमिनिस्ट्रेटर' पासवर्ड का उपयोग एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा जाएगा और एक्सेस का पूरा ऑडिट ट्रेल संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, बैंक ब्रेक ओपन प्रक्रिया का एक वीडियो भी वस्तु-सूची मूल्यांकन और उसके सुरक्षित रख-रखाव के साथ रिकॉर्ड करेंगे और भविष्य में किसी भी विवाद या अदालती मामले की स्थिति में प्रमाण प्रदान करने के लिए इसे सुरक्षित रखेंगे। बैंक यह भी सुनिश्चित करें कि लॉकर को तोड़ने का विवरण सीबीएस या किसी अन्य कम्प्यूटरीकृत सिस्टम में दर्ज किया गया है जो लॉकर रजिस्टर के अलावा आरबीआई द्वारा जारी साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुरूप है। लॉकर को खोलने के बाद, सामग्री को सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए, जिसे ग्राहक द्वारा दावा किए जाने तक आग प्रतिरोधी तिजोरी के अंदर विस्तृत सूची के साथ छेड़छाड़ रहित तरीके से रखा जाएगा। अग्निरोधक तिजोरी तक पहुंच का रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से रखा जाएगा। लॉकर की सामग्री वापस करते समय, बैंक भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए वस्तु-सूची में ग्राहक की पावती प्राप्त करेगा।

6.3.3 बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि लॉकर को तोड़ने के बाद और दावों के निपटान के दौरान तैयार की गई वस्तु-सूची, इस परिपत्र के अंत में या परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार उसके निकटतम उपयुक्त रूपों में है। इसके अलावा, बैंक जब तक कि कानून द्वारा आवश्यक न हो अपने पास सुरक्षित अभिरक्षा के लिए छोड़े गए या लॉकर में पाए गए पैकेटों को नामिती (यों) और जीवित लॉकर किराएदारों / सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री के जमाकर्ता को जारी करते समय नहीं खोलेंगे।

6.4 लॉकर के लंबे समय तक निष्क्रिय रहने पर लॉकर सामग्री का निपटान

6.4.1 यदि लॉकर सात साल की अवधि के लिए निष्क्रिय रहता है और लॉकर के किरायेदार की अवस्थिति निश्चित नहीं है, यहां तक कि किराया नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है, तो बैंक को लॉकर की सामग्री को उनके नामिती/ कानूनी उत्तराधिकारी को अंतरित या एक पारदर्शी तरीके से सामग्रियों का निपटान, जैसा भी मामला हो, करने की स्वतंत्रता होगी। लॉकर को तोडकर खोलने से पहले, बैंक उक्त पैरा 6.3.2 और 6.3.3 में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेगा। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऊपर उल्लिखित उचित लंबी अवधि के लिए लावारिस छोड़ी गई वस्तुओं के निपटान के लिए उनके द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को उनके लॉकर समझौते में शामिल किया गया है।.

6.4.2 यदि लॉकर लंबे समय से परिचालन में नहीं है तो बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थिति को निर्दिष्ट करते हुए ग्राहक के साथ निष्पादित लॉकर करार में उपयुक्त शर्तें शामिल हैं। बैंक को दायित्व से मुक्त करने के लिए लॉकर करार में एक खंड भी शामिल किया जा सकता है कि यदि लॉकर चालू नहीं है और बैंक द्वारा लॉकर खोला जाता है और सामग्री को कानून के अनुसार और रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों और करार में निर्धारित नियम और शर्तों के अनुसार निर्मोचित किया जाता है।

भाग VII: बैंकों के लिए मुआवजा नीति/दायित्व

7. बैंकों का दायित्व

बैंक अपनी लापरवाही के कारण लॉकरों की सामग्री को किसी भी नुकसान या क्षति के लिए उनके द्वारा देय जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए एक विस्तृत बोर्ड अनुमोदित नीति तैयार करेंगे क्योंकि बैंकों को अपने लॉकर या सुरक्षा जमा प्रणाली को बनाए रखने और संचालित करने में उचित सावधानी अपनाते हुए उक्त के देखभाल का विशिष्ट कर्तव्य है। देखभाल के कर्तव्य में लॉकर सिस्टम के उचित कामकाज को सुनिश्चित करना, लॉकरों तक अनधिकृत पहुंच से बचाव करना और चोरी और डकैती के खिलाफ उचित सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, बैंक लूट, डकैती, चोरी और सेंधमारी की घटनाओं के बारे में रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के लिए धोखाधड़ी पर मास्टर निर्देशों का पालन करेंगे।

7.1 प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, आंधी, बिजली आदि से उत्पन्न होने वाली या ग्राहक की स्वयं की लापरवाही के कारण बैंकों की देयता

प्राकृतिक आपदाओं या ईश्वरीय कृत्यों जैसे भूकंप, बाढ़, बिजली और आंधी या किसी भी कार्य जो ग्राहक की एकमात्र गलती या लापरवाही के कारण होता है, से उत्पन्न होने वाले किसी भी नुकसान और/या लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा। तथापि, बैंक अपने परिसरों को ऐसी आपदाओं से बचाने के लिए अपने लॉकर सिस्टम की उचित देखभाल करेंगे।

7.2 आग, चोरी, सेंधमारी, लूट, डकैती, इमारत ढहने जैसी घटनाओं या बैंक के कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में उत्पन्न होने वाली बैंकों की देयता

बैंकों की यह जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिस परिसर में तिजोरी रखी जाती है, उसकी सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएं। बैंक परिसर में आग, चोरी/सेंधमारी /लूट/, डकैती, इमारत ढहने जैसी घटनाएं बैंक की अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक/कमीशन के कारण न हों। चूंकि बैंक यह दावा नहीं कर सकते हैं कि लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए वे अपने ग्राहकों के प्रति कोई दायित्व नहीं रखते हैं, ऐसे मामलों में जहां लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर वर्णित घटनाओं के कारण होता है या इसके कर्मचारी (कर्मचारियों) द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण होता है, बैंकों की देयता सुरक्षित जमा लॉकर के मौजूदा वार्षिक किराए के सौ गुना के बराबर राशि के लिए होगा।

भाग VIII: जोखिम प्रबंधन, पारदर्शिता और ग्राहक मार्गदर्शन

8.1 शाखा बीमा नीति

बैंक, अपने बोर्ड के अनुमोदन से, लॉकरों की सामग्री को प्रभावित करने वाली घटनाएं जैसे डकैती, आग, प्राकृतिक आपदाओं, शाखा के स्थानांतरण/विलय के दौरान हानि आदि के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक शाखा बीमा पॉलिसी रखेंगे।

8.2 ग्राहक द्वारा लॉकर सामग्री का बीमा

बैंक अपने लॉकर करार में स्पष्ट करेंगे कि चूंकि वे लॉकर की सामग्री या उसमें से हटाए गए या ग्राहक द्वारा रखी गई किसी भी वस्तु का रिकॉर्ड नहीं रखते हैं, इसलिए जोखिम जो भी हो, वे लॉकर की सामग्री का बीमा करने के लिए किसी भी दायित्व के अधीन नहीं होंगे। बैंक किसी भी परिस्थिति में लॉकर की सामग्री के बीमा के लिए अपने लॉकर किराएदारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई बीमा उत्पाद नहीं देंगे।

8.3 ग्राहक मार्गदर्शन और प्रचार

8.3.1 बैंक अपनी वेबसाइटों और/या शाखाओं (यदि आधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है) पर विभिन्न पहलुओं पर सभी नियमों और शर्तों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के साथ मॉडल लॉकर समझौते को प्रदर्शित करेंगे, जहां उनके द्वारा लॉकर सुविधा प्रदान की जा रही है। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहकों को उन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बैंक के नियमों और शर्तों से अवगत कराया जाए।

8.3.2 बैंक अपनी वेबसाइट पर सुरक्षित जमा लॉकरों और सुरक्षित अभिरक्षा लेखों के लिए सभी प्रकार के शुल्कों के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदर्शित करेंगे।

8.3.3 बैंक अपनी वेबसाइट पर, मृतक लॉकर किराएदार/ सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री के नामित/उत्तरजीवी/कानूनी वारिसों को लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा सामग्री तक पहुंच प्रदान करने के लिए निर्धारित नीतियों/प्रक्रियाओं के साथ अनुदेशों को प्रदर्शित करेंगे। इसके अलावा, उसी की एक मुद्रित प्रति नामांकित व्यक्ति/उत्तरजीवी/कानूनी उत्तराधिकारी को भी दी जाएगी।

8.4 बोर्ड अनुमोदित नीतियां और एसओपी

बैंक यहां उल्लिखित संशोधित अनुदेशों के अनुसार सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा/सुरक्षित अभिरक्षा लेख पर एक व्यापक संशोधित बोर्ड अनुमोदित नीति और एसओपी लागू करेंगे।


अनुबंध

हटाए गए परिपत्रों की सूची

क्र.सं. परिपत्र संख्या विवरण परिपत्र का दिनांक
1 यूबीडी.सीओ.बीपीडी.(पीसीबी).परि.सं.22/12.05.001/2009-10 सुरक्षित जमा लॉकर का विस्तार/सुरक्षित अभिरक्षा लेख सुविधा और सुरक्षित जमा लॉकरों तक पहुंच/बैंकों द्वारा सुरक्षित अभिरक्षा वस्तुओं की वापसी - शहरी सहकारी बैंक 16 नवम्बर 2009
2 आरपिसीडी.सीओ.आरएफ.बीसी.सं.42/07.38.01/2009-10 सुरक्षित जमा लॉकर 13 नवम्बर 2009
3 यूबीडी.सीओ.बिपिडी.सं.47/12.05.001/2006-07 सुरक्षित जमा लॉकर का विस्तार / सुरक्षित अभिरक्षा लेख सुविधा और सुरक्षित जमा लॉकर तक पहुंच / बैंकों द्वारा सुरक्षित अभिरक्षा वस्तुओं की वापसी। 21 जून 2007
4 आरपीसीडी.सीओ.आरएफ.बीसी.सं.95/07.38.01/2006-07 सुरक्षित जमा लॉकर का विस्तार / सुरक्षित अभिरक्षा लेख सुविधा और सुरक्षित जमा लॉकर तक पहुंच / बैंकों द्वारा सुरक्षित अभिरक्षा वस्तुओं की वापसी। 18 मई 2007
5 डीओबीडी.सं.एलईजी.बीसी.78/09.07.005/2006-07 सुरक्षित जमा लॉकर/वस्तु सुरक्षित अभिरक्षा में 17 अप्रैल 2007
6 डीओएस.सं.एफजीवी[एफ].बीसी.9/23.04.086/2000-2001 सुरक्षित जमा तिजोरी/लॉकर सुविधाएं 9 मार्च 2001
7 आरपीसीडी.सं.बीसी.36/07.38.01/96-97 ग्राहकों द्वारा सुरक्षित जमा लॉकरों का संचालन 10 सितम्बर 1996
8 डीओएस.सं.एफजीवी.बीसी.14/23.07.01/96-97 ग्राहकों द्वारा सुरक्षित जमा लॉकरों का संचालन 9 जुलाई 1996
9 डीओबीडी.सं.जीसी.बीसी.63/सी.408.सी(एल)-90 सुरक्षित जमा तिजोरी/लॉकर सुविधाएं 2 जनवरी 1990
10 डीओबीडी.सं.जीसी.बीसी.3/सी.408.सी(एल)-88 अनुमान समिति की रिपोर्ट - सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा 13 जुलाई 1988
11 डीओबीडी.सं.जीसी.बीसी.27/सी.408.सी(एल)-84 सुरक्षित जमा लॉकर सुविधा 27 मार्च 1984

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