भारिबै/2021-22/105
विवि.एसीसी.आरईसी.57/21.04.018/2021-22
04 अक्टूबर 2021
दिनांक 11 नवंबर, 2020 के 11 वें द्विपक्षीय समझौते
और संयुक्त नोट के तहत शामिल भारतीय बैंक संघ
के सभी सदस्य बैंक
महोदया/महोदय,
बैंकों के कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन में वृद्धि - अतिरिक्त देयता का समाधान
भारतीय बैंक संघ ने 11 नवंबर 2020 के 11वें द्विपक्षीय समझौते और संयुक्त नोट के तहत आने वाले अपने सदस्य बैंकों के कर्मचारियों के लिए पारिवारिक पेंशन में संशोधन के परिणामस्वरूप बढ़े हुए खर्च के परिशोधन के लिए हमसे संपर्क किया है।
2. उपरोक्त समझौते के परिणामस्वरूप पारिवारिक पेंशन में संशोधन के कारण अतिरिक्त देयता को पूरी तरह से मान्यता दी जानी चाहिए और चालू वित्तीय वर्ष में लाभ और हानि खाते में प्रभारित किया जाना चाहिए। परंतु, भारतीय बैंक संघ ने सूचित किया है कि कुछ बैंकों के लिए एक वर्ष में शामिल बड़ी राशि को अवशोषित करना कठिन होगा।
3. हमने विनियामकीय दृष्टिकोण से मुद्दों की जांच की है। एक आपवादिक मामले के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त समझौते के अंतर्गत आने वाले बैंक इस मामले में निम्नलिखित कार्रवाई कर सकते हैं:
क. पारिवारिक पेंशन में वृद्धि की देयता को लागू लेखा मानकों के अनुसार पूरी तरह से मान्यता दी जानी चाहिए ।
ख. यदि यह व्यय, जिसे उपरोक्त पैराग्राफ 2 में उल्लिखित किया गया है, वित्तीय वर्ष 2021-22 की अवधि में लाभ और हानि खाते में पूरी तरह से प्रभारित नहीं किया जाता है, तो 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष से अधिकतम पांच वर्षों की अवधि में परिशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि प्रत्येक वर्ष कुल राशि का कम से कम 1/5 भाग परिशोधित किया जाए।
ग. इस संबंध में अपनाई जाने वाली लेखा नीति का उचित प्रकटन वित्तीय विवरणों के लिए 'लेखांकन की टिप्पणी' में किया जाना चाहिए। 'लेखांकन की टिप्पणी'में परिशोधित व्यय की राशि का भी प्रकटन होना चाहिए। यदि परिशोधित व्यय को लाभ-हानि खाते में पूर्ण रूप से मान्यता दी गई होती, तो शुद्ध लाभ क्या होता, इसका भी प्रकटन किया जाना चाहिए।
4. भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण - प्रस्तुतीकरण और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 को तदनुसार अद्यतन किया जाएगा।
भवदीय,
(नीरज निगम)
प्रभारी - मुख्य महाप्रबंधक |