Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

अधिसूचनाएं

वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना

आरबीआई/2022-23/35
विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.3/05.02.001/2022-23

28 अप्रैल 2022

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी सरकारी क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक और
लघु वित्त बैंक

महोदया/महोदय,

वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना

कृपया दिनांक 16 अक्टूबर 2020 के हमारे पत्र विसविवि.केंका.एफएसडी.सं.342/05.02.001/2020-21 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें अंतरिम आधार पर वर्ष 2020-21 के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु ब्याज सबवेंशन योजना (संशोधित) को जारी रखने के लिए भारत सरकार के निर्णय से अवगत कराया गया है।

2. इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि भारत सरकार ने निम्नलिखित शर्तों के साथ वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संशोधनों सहित ब्याज सबवेंशन योजना (आईएसएस) को जारी रखने की अनुमति दी है:

  1. वर्ष 2021-22 के दौरान रियायती ब्याज दर पर केसीसी के माध्यम से किसानों को 3 लाख की समग्र सीमा तक, अल्पावधि फसल ऋण और पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण प्रदान करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि उधारदात्री संस्थाओं अर्थात सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और निजी क्षेत्र के बैंकों (केवल उनकी ग्रामीण और अर्ध-शहरी शाखाओं द्वारा दिए गए ऋणों के संबंध में), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के साथ जुड़े कम्प्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाइटी (पीएसीएस) को उनके स्वयं के संसाधनों के उपयोग पर 2% प्रति वर्ष की ब्याज सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। प्रति वर्ष 2% के इस ब्याज सबवेंशन की गणना, ऋण राशि पर संवितरण/आहरण की तारीख से किसान द्वारा ऋण की वास्तविक चुकौती की तारीख तक या बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की देय तिथि तक, जो भी पहले हो, एक वर्ष की अधिकतम अवधि के अधीन, की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु किसानों के लिए लागू उधार दर और ब्याज सबवेंशन की दर इस प्रकार होगी:

वित्तीय वर्ष किसानों के लिए उधार दर ब्याज सबवेंशन हेतु दर
2021-22 7% 2%
  1. ऐसे किसानों को जो समय पर अर्थात ऋण/ऋणों के संवितरण की तारीख से भुगतान की वास्तविक तारीख तक या बैंक द्वारा ऐसे ऋण/ऋणों की चुकौती के लिए निर्धारित नियत तारीख तक, इनमें से जो भी पहले हो, संवितरण की तारीख से अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन, अपने फसल ऋण को चुकाते हैं उन्हें प्रति वर्ष 3% का अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाएगा। इसका तात्पर्य यह भी है कि उपरोक्त के अनुसार शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों को वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 4% प्रति वर्ष की दर से अल्पावधि फसल ऋण और / या पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण मिलेगा।

  2. अल्पावधि फसल ऋण और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण पर ब्याज सबवेंशन और त्वरित चुकौती प्रोत्साहन लाभ प्रति वर्ष 3 लाख की समग्र सीमा पर तथा केवल पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि से संबंधित गतिविधियों में शामिल किसानों के संबंध में प्रति किसान 2 लाख की अधिकतम उप-सीमा के अधीन उपलब्ध होंगे। ब्याज सबवेंशन और त्वरित चुकौती प्रोत्साहन लाभ के लिए फसल ऋण घटक की सीमा को प्राथमिकता होगी और शेष राशि को पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए ऊपर उल्लिखित उच्चतम सीमा के अधीन माना जाएगा। (उदाहरण)

  3. किसानों द्वारा मजबूरन बिक्री को हतोत्‍साहित करने और अपने उत्‍पाद गोदाम में रखने हेतु उन्‍हें प्रोत्‍साहित करने की दृष्टि से केसीसी के तहत ब्याज सबवेंशन का लाभ लघु और सीमांत किसानों को फसल की कटाई के बाद छह महीने तक की अवधि के लिए भण्डारण विकास और विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा अधिकृत गोदामों में अपने उत्‍पाद रखने पर परक्राम्य गोदाम रसीदों के बदले कृषि ऋण के लिए उपलब्‍ध दर की समान दर पर उपलब्ध होगा।

  4. प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की दृष्टि से बैंकों को पुन: संरचित ऋण राशि पर पहले वर्ष के लिए 2% वार्षिक ब्याज सबवेंशन, जैसा कि ऊपर पैरा 2(i) में दी गई तालिका में बताया गया है, उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे पुन: संरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्‍य ब्याज दर लागू होगी।

  5. हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के मामले में, पहले तीन वर्षों / संपूर्ण अवधि (अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि के अधीन) के लिए पुन: संरचित ऋण राशि पर बैंकों को प्रति वर्ष 2% का ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, ऐसे सभी मामलों में, प्रभावित किसानों को प्रति वर्ष 3% की दर से त्वरित चुकौती प्रोत्साहन का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में, ऐसे लाभों की स्वीकृति अंतर-मंत्रालय केंद्रीय समूह (आईएमसीटी) और राष्ट्रीय कार्यपालक समिति की उप-समिति (एससी-एनईसी) की सिफ़ारिश के आधार पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा तय की जाएगी।

  6. ब्याज सबवेंशन योजना के तहत किसानों को झंझट रहित लाभ सुनिश्चित करने के लिए, 2021-22 में उपर्युक्त अल्पावधि ऋण प्राप्त करने के लिए आधार लिंकेज अनिवार्य बना रहेगा।

  7. 2021-22 में प्रसंस्कृत किए गए उपरोक्त सभी अल्पावधि ऋणों को आईएसएस पोर्टल / डीबीटी प्लेटफॉर्म पर लाया जाना आवश्यक है। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के श्रेणीवार आंकड़े कैप्चर तथा प्रस्तुत करें और 2021-22 से उत्पन्न होने वाले ऑडिट किए गए दावों को निपटाने के लिए आईएसएस पोर्टल पर, व्यक्तिगत किसान-वार, इसकी रिपोर्ट करें।

3. ऋण देने वाले सभी बैंक पिछले योजना वर्षों के साथ-साथ 2021-22 के लिए अपने पात्र लंबित लेखा-परीक्षित दावे, यदि कोई हों, हमें 30 जून 2022 तक प्रस्तुत करें।

4. इसके अलावा, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित शर्तों का पालन करें:

  1. ब्याज सबवेंशन के संबंध में, बैंकों को वर्ष की समाप्ति से एक तिमाही के भीतर अपने दावों को उनके सांविधिक लेखा-परीक्षकों द्वारा सही और सटीक रूप में विधिवत प्रमाणित किए जाने के पश्चात वार्षिक आधार पर प्रस्तुत करना आवश्यक है। वर्ष 2021-22 के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित कोई भी शेष दावे और जो 31 मार्च 2022 तक के दावे में शामिल नहीं है, को अलग से समेकित किया जाये और एक 'अतिरिक्त दावे' के रूप में चिह्नित कर, अधिकतम 30 जून 2023 तक प्रस्तुत किया जाए, जो सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा सही और सटीक के रूप में प्रमाणित हो।

  2. त्वरित चुकौती प्रोत्साहन के संबंध में, बैंक वर्ष 2021-22 के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित अपने एकबारगी समेकित दावे को सांविधिक लेखापरीक्षकों द्वारा परिशुद्धता प्रमाणित करने वाले प्रमाण पत्र के साथ वित्तीय वर्ष की समाप्ति से एक तिमाही के भीतर प्रस्तुत करें। वर्ष 2021-22 के दौरान किए गए संवितरण और 2022-23 के दौरान त्वरित चुकाए गए किसी भी शेष दावे को अलग से समेकित किया जाए और एक 'अतिरिक्त दावे' के रूप में चिह्नित कर अधिकतम 30 जून 2023 तक प्रस्तुत किया जाए, जिसे सांविधिक लेखा-परीक्षकों द्वारा सही और सटीक के रूप में प्रमाणित किया गया हो।

  3. परक्राम्य गोदाम रसीदों के बदले फसलोत्तर ऋण के लिए 2% ब्याज सबवेंशन दावों, प्राकृतिक आपदा के कारण पुन: संरचित ऋण पर 2% दावों और गंभीर प्राकृतिक आपदा के कारण 2% या 3% दावों के संबंध में, बैंक वर्ष के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित प्रत्येक शीर्ष के लिए अलग से अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं, जो सांविधिक लेखापरीक्षकों द्वारा सही और सटीक रूप में विधिवत प्रमाणित हों।

  4. एससीबी के साथ जुड़े कम्प्यूटरीकृत पीएसीएस के संबंध में दावे संबंधित बैंकों द्वारा इस प्रमाणीकरण के साथ कि जिन पर ब्याज सबवेंशन/शीघ्र चुकौती प्रोत्साहन का दावा किया जा रहा है, उन ऋणों के लिए नाबार्ड से कोई पुनर्वित्त नहीं लिया गया है, अलग से प्रस्तुत किए जाए, और जो बैंकों के सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो।

  5. उपरोक्त दावे प्रारूप I, II, III और IV (इस परिपत्र के साथ संलग्न) में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई - 400 001 को प्रस्तुत किया जाए।

भवदीया,

(निशा नम्बियार)
मुख्य महाप्रबंधक


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष