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अधिसूचनाएं

जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाएँ – इंडियन इन्टरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफ़एससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) के प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य (पीसीएम) के रूप में कार्यरत

आरबीआई/2022-23/62
विवि.एयूटी.आरईसी.41/24.01.001/2022-23

07 जून, 2022

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक

महोदया/महोदय

जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाएँ – इंडियन इन्टरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफ़एससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) के प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य (पीसीएम) के रूप में कार्यरत

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया है कि जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाओं को आईआईबीएक्स के पीसीएम के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए।

2. तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, एतत्द्वारा, अनुदेश जारी करता है जो इसके बाद निर्दिष्ट है।

3. प्रयोज्यता

ये अनुदेश घरेलू अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (इसमें विदेशी बैंकों की भारत में निगमित पूर्ण रूप से स्वाधिकृत सहायक बैंकिंग कंपनी भी शामिल हैं) पर लागू है जिनकी जीआईएफ़टी- आईएफ़एससी में शाखा कार्यरत है और वे विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत है।

4. आवेदन की प्रक्रिया

मूल बैंक ('बैंक') जो दिनांक 26 मई 2016 के मास्टर निदेश डीबीआर.एफ़एसडी.सं.101/24.01.041/2015-16 के पैरा 21 में निर्धारित विवेकपूर्ण अपेक्षाओं को पूरा करते है, जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में कार्यरत अपनी शाखा के आईआईबीएक्स की प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्यता लेने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए आवेदन करें। पात्र बैंक, अपने बोर्ड के पूर्व अनुमोदन से, भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन विभाग को पीसीएम के रूप में अपनी प्रस्तावित व्यवसाय योजना के विवरण के साथ जीआईएफ़टी-आईएफ़एससी में अपनी शाखा में स्थापित जोखिम प्रबंधन व्यवस्था के विवरण के साथ आवेदन करें।

5. नियम और शर्तें

आईआईबीएक्स के पीसीएम के रूप में परिचालन करते समय, बैंक निरंतर आधार पर निम्नलिखित शर्तों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें:

क) बैंक जीआईएफ़टी-आईएफएससी में अपनी शाखा के आईआईबीएक्स पर पीसीएम के रूप में कार्यरत होने से उत्पन्न होने वाले एक्सपोजर (जिसमें डिफॉल्ट फंड योगदान, पोस्टेड कोलैटरल, ग्राहक संबंधित एक्सपोजर, सीसीपी संबंधित व्यापार एक्सपोजर शामिल है, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं है) के लिए पूंजी आवश्यकताओं पर मौजूदा आरबीआई दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। बैंक मेजबान या गृह विनियामक की नियामक पूंजी आवश्यकता, जो भी अधिक कड़ी हो, का अनुपालन करें।

ख) बैंक आरबीआई द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट तरलता जोखिम (आईआईबीएक्स के पीसीएम के रूप में कार्यरत होने से उत्पन्न शामिल जोखिम सहित) के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।

ग) बैंक सुनिश्चित करें कि जीआईएफ़टी -आईएफएससी में उसकी शाखा द्वारा लिए गए सभी एक्सपोजर आरबीआई द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट बड़े एक्सपोजर ढांचे संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुपालन में है।

घ) बैंक पर लागू मौजूदा विवेकपूर्ण विनियमों के अनुरूप, जीआईएफ़टी -आईएफएससी में बैंक की शाखा, बैंक के बोर्ड के अनुमोदन से, अपने प्रत्येक ट्रेडिंग क्लाइंट के संबंध में उनकी निवल मालियत, कारोबार पण्यावर्त, और बैंक के मूल्यांकन के अनुसार अन्य संबंधित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए विवेकपूर्ण सीमाओं सहित एक प्रभावी जोखिम प्रबंधन ढांचा तैयार करेगी। ढांचे के तहत निर्धारित जोखिम नियंत्रण प्रणाली मेजबान या गृह नियामक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/निदेशों, जो भी अधिक कड़े हो, का अनुपालन करे।

च) जीआईएफ़टी-आईएफएससी में बैंक की शाखा, आईआईबीएक्स के पीसीएम के रूप में, अपने ग्राहकों द्वारा एक्सचेंज के व्यापारिक सदस्यों के रूप में निष्पादित ट्रेडों को इस शर्त के अधीन क्लियर एंड सेटल कर सकती है कि शाखा द्वारा अपने ग्राहकों के कुल एक्सपोजर का निर्धारण बोर्ड द्वारा बैंक की टियर-1 पूंजी के साथ-साथ जीआईएफ़टी-आईएफएससी में अपनी शाखा की पूंजी के संबंध में किया जाना चाहिए और इसकी निरंतर आधार पर निगरानी की जानी चाहिए। बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि गिफ्ट-आईएफएससी में उसकी शाखा, पीसीएम के रूप में अपनी भूमिका से अन्य कोई लेनदेन/गतिविधि नहीं करती है, जो एक प्रोफेशनल क्लियरिंग सदस्य के रूप में आवश्यक नहीं है।

छ) बैंक अपने बोर्ड द्वारा निर्धारित विभिन्न मार्जिन आवश्यकताओं का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

ज) बैंक अपनी पीसीएम की भूमिका के लिए प्रासंगिक किसी अन्य विनियामक द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का पालन करेगा।

झ) अगर मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन न हो, अथवा यदि भारतीय रिज़र्व बैंक संतुष्ट है कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समीचीन है, तो रिज़र्व बैंक आगे भी आवश्यक निदेश (अनुमोदन के निरसन सहित) जारी कर सकता है और/या अगर उचित हो, तो अतिरिक्त शर्तें लागू कर सकता है।

भवदीया

(सेन्टा जॉय)
मुख्य महाप्रबंधक


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