आरबीआई/2022-23/130
विवि.एसीसी.आरईसी.सं.74/21.04.018/2022-23
अक्टूबर 11, 2022
महोदया / महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 – आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान में विचलन का प्रकटीकरण
भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण-प्रस्तुति और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 के अनुबंध III के पैरा सी.4 (ई) के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर) के लिए यह आवश्यक है कि वे आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान में विचलन के विवरणों का प्रकटीकरण करें जहां भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मूल्यांकन किया गया ऐसा विचलन निर्दिष्ट सीमाओं से अधिक है। आय की पहचान, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंडों के अनुपालन को मजबूत करने के लिए, अब प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए समान प्रकटीकरण आवश्यकताओं को शुरू करने और वाणिज्यिक बैंकों के लिए निर्दिष्ट सीमाओं को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।
2. तदनुसार, मार्च 31, 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के वित्तीय विवरणों के लिए, यदि बैंक द्वारा निम्नलिखित में से किसी एक या दोनों शर्तों को पूर्ण किया जाता है, तो उनको उपर्युक्त निदेशों के अनुबंध III के पैरा सी.4(ई) में निर्दिष्ट तरीके से उपयुक्त प्रकटीकरण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा:
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आरबीआई द्वारा मूल्यांकन किए गए गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए अतिरिक्त प्रावधान संदर्भ अवधि के प्रावधानों और आकस्मिकताओं1 से पहले रिपोर्ट किए गए लाभ के 10 प्रतिशत से अधिक है; तथा
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आरबीआई द्वारा पहचान किए गए अतिरिक्त सकल एनपीए संदर्भ अवधि के लिए रिपोर्ट 2 किए गए वृद्धिशील सकल एनपीए के 10 प्रतिशत से अधिक हैं।
बशर्ते कि यूसीबी के मामले में उपर्युक्त पैरा 2(ख) में निर्दिष्ट वृद्धिशील सकल एनपीए की सीमा 15 प्रतिशत होगी, जिसे समीक्षा के बाद चरणबद्ध तरीके से उत्तरोत्तर कम किया जाएगा।
3. उपरोक्त पैरा (2) में निर्दिष्ट सीमा को 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वर्ष और उसके बाद के वार्षिक वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण के लिए संशोधित किया जाएगा:
संदर्भ. |
से सम्बद्ध न्यूनतम सीमा |
वाणिज्यिक बैंक (%) |
यूसीबी
(%) |
2(क) |
प्रावधानों और आकस्मिकताओं से पहले रिपोर्ट किया गया लाभ |
5 |
5 |
2(ख) |
रिपोर्ट किया गया वृद्धिशील सकल एनपीए |
5 |
15* |
* समीक्षा के अधीन कम किया जा सकता है |
प्रयोज्यता
4. ये अनुदेश सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों पर लागू हैं। ये अनुदेश मार्च 31, 2023 और उसके बाद समाप्त होने वाले वर्ष के वार्षिक वित्तीय विवरणों की टिप्पणियों में प्रकटीकरण के लिए प्रभावी होंगे।
5. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण) निदेश, 2021 को अद्यतन किया जा रहा है।
भवदीया,
(उषा जानकीरामन)
मुख्य महाप्रबंधक
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