भारिबैं/2017-18/132
डीसीएम (आरएमएमटी) सं.2945/11.37.01/2017-18
15 फरवरी, 2018
अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक /
प्रबंध निदेशक /
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
समस्त बैंक
प्रिय महोदय,
सिक्कों को स्वीकार करना
हम नोटों तथा सिक्कों की विनिमय सुविधा विषय पर दिनांक 03 जुलाई, 2017 के हमारे मास्टर परिपत्र डीसीएम (एनई) सं.जी-1/08.07.18/2017-18 के पैराग्राफ 1(डी) का संदर्भ लेते हैं जिसमें यह सूचित किया गया था कि कोई भी बैंक शाखा उनके काउंटर पर प्रस्तुत किए गए छोटे मूल्यवर्ग के नोट तथा/अथवा सिक्के स्वीकार करने के लिए मना नहीं कर सकती। यद्यपि, बैंक शाखाओं द्वारा सिक्के स्वीकार नहीं करने के बारे में रिजर्व बैंक को निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। सेवा में इस तरह की अस्वीकृति, कथित रूप से, दुकानदारों तथा छोटे व्यापारियों आदि को उनके द्वारा बेची गई वस्तुओं तथा प्रदान की गई सेवाओं के भुगतान के रूप में सिक्कों को अस्वीकार करने के लिए बढ़ावा देती है जिसके परिणामस्वरूप जनता को बड़े पैमाने पर असुविधा होती है। अत: आपको पुन: सूचित किया जाता है कि आप तुरंत अपनी समस्त शाखाओं को उनके काउंटर पर विनिमय अथवा खाते में जमा करने हेतु प्रस्तुत किए जाने वाले सभी मूल्यवर्ग के सिक्के स्वीकार करने हेतु निर्देश दें।
2. आगे आपको सूचित किया जाता है कि सिक्के, विशेष रूप से रू. 1 तथा 2 मूल्यवर्ग के सिक्के, भार के हिसाब से स्वीकार करना बेहतर होगा। यद्यपि, पोलीथीन की प्रत्येक थैली 100 सिक्के पैक कर स्वीकार करना शायद खजांची की साथ साथ ग्राहक के लिए भी अधिक सुविधाजनक होगा। इस प्रकार की पोलीथीन की थैलियाँ काउंटर पर भी रखी जाएँ तथा ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध करवाई जाएँ। इस आशय की एक सूचना भी आम जनता के सूचना हेतु शाखा परिसर के बाहर तथा अंदर उपयुक्त स्थान पर प्रदर्शित की जाए।
3. शाखाओं में सिक्कों के भण्डारण की समस्या का निराकरण करने के क्रम में, वर्तमान प्रक्रिया के अनुसार मुद्रा तिजोरियों को सिक्कों का विप्रेषण किया जा सकता है। इस प्रकार से मुद्रा तिजोरी में सिक्कों के भण्डारण का उपयोग पुन: परिचालन के उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। मांग की कमी के कारण मुद्रा तिजोरी की धारण क्षमता से अधिक सिक्कों का भण्डारण हो जाने के मामले में, सिक्कों के विप्रेषण हेतु क्षेत्र के निर्गम कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
4. नियंत्रक कार्यालयों को शाखाओं का औचक दौरा करने तथा इस संबंध में अनुपालन की स्थिति की रिपोर्ट प्रधान कार्यालय को देने हेतु सूचित किया जाता है। रिपोर्ट की प्रधान कार्यालय में समीक्षा की जाए तथा जहां आवश्यक हो, तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जाए।
5. इस संबंध में किसी भी गैर अनुपालन को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों का उल्लंघन माना जाएगा तथा समय समय पर लागू दण्डात्मक कदमों सहित कार्रवाई की जा सकती है।
6. कृपया प्राप्ति सूचना दें।
भवदीय
(उमा शंकर)
कार्यपालक निदेशक
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