भारिबै/2023-24/42
विवि.सीआरई.आरईसी.18/07.10.002/2023-24
08 जून 2023
वेतन अर्जक बैंकों के अलावा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया / महोदय,
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्य / उप-लक्ष्य और पीएसएल लक्ष्यों को प्राप्त करने में कमी के प्रति अंशदान – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) – समयावधि में विस्तार
कृपया दिनांक 13 मार्च 2020 के परिपत्र डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि. सं.10/13.05.000/2019-201 के पैरा 3 और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) – लक्ष्य और वर्गीकरण पर दिनांक 4 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश का पैरा 5 देखें, जिसके अनुसार समग्र पीएसएल लक्ष्य और कमजोर वर्गों को अग्रिम संबंधी उप-लक्ष्य, प्राप्त करने के लिए 31 मार्च 2024 तक ग्लाइड पथ निर्धारित किया था।
2. जैसा कि विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य (पैरा सं. 4 संलग्न) में घोषणा की गई है, यूसीबी द्वारा सामना की जाने वाली कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियों का समाधान करने और परिवर्तन को गैर-विघटनकारी बनाने के लिए, इन पीएसएल लक्ष्यों के लिए ग्लाइड पथ को निम्ननुसार दो वर्षों की अतिरिक्त अवधि तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है:
को समाप्त वित्त वर्ष |
31 मार्च 2024 |
31 मार्च 2025 |
31 मार्च 2026 |
समग्र पीएसएल लक्ष्य @ |
एएनबीसी2 या सीईओबीएसई3, जो भी अधिक हो, का 60% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 65% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 75% |
कमजोर वर्गों को अग्रिम के लिए उप-लक्ष्य#,4 |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 11.50%, |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो, का 11.75% |
एएनबीसी या सीईओबीएसई, जो भी अधिक हो का 12.00% |
@ 31 मार्च 2023 के लिए लक्ष्य (60% पर) 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगा।
# 31 मार्च 2023 (11.50% पर) के लिए निर्धारित उप-लक्ष्य 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगा। |
3. प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) – लक्ष्य और वर्गीकरण पर दिनांक 4 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश के पैरा 28 और दिनांक 24 अप्रैल 2020 के परिपत्र विवि(पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.12/09.09.002/2019-205 के पैरा 2 के अनुसार सभी यूसीबी (सर्वसमावेशी निदेशाधीन यूसीबी को छोड़कर) को सूचित किया गया था कि वे 31 मार्च 2021 से पीएसएल संबंधी निर्धारित लक्ष्य / उप-लक्ष्यों की प्राप्ति में कमी के एवज में नाबार्ड में स्थापित ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और नाबार्ड / एनएचबी / सिडबी / मुद्रा लिमिटेड के साथ अन्य निधियों में अंशदान दें।
4. कार्यान्वयन चुनौतियों को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि:
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यूसीबी को वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पीएसएल लक्ष्य/उप-लक्ष्यों में कमी के लिए आरआईडीएफ या अन्य पात्र निधियों में अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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यूसीबी 31 मार्च 2023 से निर्धारित लक्ष्यों की तुलना में पीएसएल लक्ष्य/उप-लक्ष्यों में अपनी कमी के लिए आरआईडीएफ और अन्य पात्र निधियों में अंशदान देंगे।
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इसके अलावा, यदि वित्त वर्ष 2020-21 और/या वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उपरोक्त पीएसएल की कमी के लिए किसी यूसीबी द्वारा अंशदान दिया गया है, तो उस अंशदान का उपयोग वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान हुई किसी भी कमी को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान पीएसएल की कमी को पूरा करने के बाद अतिरिक्त जमा, यदि कोई हो, वापस कर दिया जाएगा।
5. पीएसएल लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को प्रोत्साहन की घोषणा अलग से की जाएगी।
भवदीय
(मनोरंजन मिश्र)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य 8 जून 2023
4. प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के लक्ष्य
यूसीबी के लिए पीएसएल लक्ष्यों को 2020 में संशोधित किया गया था। एक गैर-विघटनकारी परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए, संशोधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 31 मार्च 2024 तक एक ग्लाइड पथ प्रदान किया गया था। यूसीबी के समक्ष आने वाली कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियों को कम करने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि उक्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए चरणबद्ध समय को दो वर्ष, अर्थात 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया जाए। इसके अलावा, 31 मार्च 2023 तक लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को उचित प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत परिपत्र अलग से जारी किया जाएगा।
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