30 दिसंबर 2019
रिज़र्व बैंक ने यूसीबी के लिए एकल और समूह उधारकर्ताओं / पार्टियों एवं बड़े एक्सपोजर के लिए
एक्सपोजर की सीमा तथा प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को ऋण लक्ष्यों में संशोधन पर मसौदा परिपत्र जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए एकल और समूह उधारकर्ताओं / पार्टियों एवं बड़े एक्सपोजर के लिए एक्सपोजर की सीमा तथा प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को ऋण के लक्ष्यों में संशोधन पर मसौदा परिपत्र फीडबैक / सुझावों के लिए जारी किया। परिपत्र में कहा गया है कि यूसीबी हेतु एकल उधारकर्ता/पार्टी और जुड़े हुए उधारकर्ताओं/ पार्टियों के समूह के लिए विवेकपूर्ण एक्सपोजर सीमाएं उनकी टीयर I पूंजी की क्रमशः 10% और 25% होगी बशर्तें उनके ऋण पोर्टफोलियो के कम से कम 50% हिस्से में प्रति उधारकर्ता/पार्टी के लिए ₹ 25 लाख से अधिक का ऋण शामिल नहीं होगा। इसके अलावा यह भी निर्धारित किया गया है कि 31 मार्च 2023 को यूसीबी के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के लिए ऋण और अग्रिम का लक्ष्य,समायोजित निवल बैंक ऋण का 75% या तुलन पत्र से इतर एक्सपोज़र की ऋण समतुल्य राशि, जो भी अधिक है, तक बढ़ जाएगा। यूसीबी को उपरोक्त मानदंडों / सीमाओं / लक्ष्यों के अनुपालन के लिए एक उपयुक्त ग्लाइड पथ प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
उपरोक्त उपायों से यूसीबी के ऋण संकेन्द्रण जोखिम के कम किए जाने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मसौदा परिपत्र पर टिप्पणियाँ 20 जनवरी 2020 तक निम्नलिखित पते पर प्रेषित की जा सकती हैं :
मुख्य महाप्रबंधक
विनियमन विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक
सी -7, पहली और दूसरी मंजिल
बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई – 400051
अथवा “यूसीबी के लिए एकल और समूह उधारकर्ताओं /पार्टियों एवं बड़े एक्सपोजर के लिए एक्सपोजर की सीमा तथा प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को ऋण के लक्ष्यों में संशोधन” विषय का उल्लेख करते हुए को ई-मेल द्वारा भेजी जा सकती हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1541 |