1 जनवरी 2020
रिज़र्व बैंक द्वारा मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर (मणि) का आरंभ किया गया
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर द्वारा आज "मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर (मणि)" नामक एक नए मोबाइल एप्लिकेशन का आरंभ किया गया जो भारतीय बैंकनोट के मूल्यवर्ग की पहचान करने में दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सहायता करता है।
भारतीय बैंकनोट में कई विशेषताएं हैं अर्थात् उत्कीर्ण मुद्रण (इंटैग्लियो प्रिंटिंग) और स्पर्शनीय (टैक्टाइल) चिह्न, बैंकनोटों के विभिन्न आकार, बड़े अंक, परिवर्तनीय रंग, मोनोक्रोमेटिक रंग और पैटर्न, जो दृष्टिबाधित (वर्णान्ध, आंशिक रूप से दृष्टिहीन और नेत्रहीन) लोगों को उसे पहचानने में सक्षम बनाती हैं। तकनीकी प्रगति ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए भारतीय बैंकनोटों के प्रयोग को अधिक सुलभ बनाने के नए अवसर खोले हैं, जिससे उन्हें दिन-प्रतिदिन के लेन-देन में आसानी होगी। जैसाकि 6 जून 2018 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया था, बैंक ने निम्नलिखित विशेषताओं के साथ एक मोबाइल एप्लिकेशन मणि विकसित किया है:
क. महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई श्रृंखला) के नोटों के मूल्यवर्ग की प्रकाश की विभिन्न स्थितियों (सामान्य प्रकाश, दिन का प्रकाश, कम प्रकाश आदि) में आधे मुड़े नोट के साथ नोट के अगले/ पिछले या किसी भी भाग की अलग-अलग कोणों से पकड़ कर जांच करने में सक्षमता।
ख. हिंदी / अंग्रेजी में श्रव्य सूचना और गैर-ध्वनि मोड जैसे कंपन (दृष्टि एवं श्रव्य बाधित लोगों के लिए उपयुक्त) के माध्यम से मूल्यवर्ग को पहचानने की क्षमता ।
ग. एप्लिकेशन इन्स्टाल करने के बाद इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह ऑफ़लाइन मोड में भी काम करता है।
घ. इसमें एप्लिकेशन की विशेषताओं तक पहुँचने के लिए वॉइस कंट्रोल द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन को नेविगेट करने की क्षमता है क्योंकि अंतर्निहित डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम संयोजन वॉइस सक्षम कंट्रोल द्वारा समर्थित है।
ङ. इस एप्लिकेशन को एंड्रॉइड प्ले स्टोर और आईओएस ऐप स्टोर से बिना किसी शुल्क / भुगतान के मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।.
च. यह मोबाइल एप्लिकेशन किसी नोट के वास्तविक या जाली होने को आधिप्रमाणित नहीं करता है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1570 |