17 जून 2020
रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए आवास वित्त कंपनियों (एचएफ़सी)
पर लागू विनियमनों में प्रस्तावित परिवर्तन जारी किए
09 अगस्त 2019 से एचएफ़सी का विनियमन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से रिजर्व बैंक के पास अंतरित हो जाने के बाद 13 अगस्त 2019 को एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गई जिसमें यह कहा गया था कि रिज़र्व बैंक एचएफ़सी पर लागू मौजूदा विनियामक ढांचे की समीक्षा करेगा और यथा समय एक संशोधित विनियमन तैयार करेगा और तब तक एचएफ़सी, एनएचबी द्वारा जारी निदेशों और अनुदेशों का पालन करना जारी रखेगा।
2. रिज़र्व बैंक ने उक्त समीक्षा कर ली है और एचएफ़सी के लिए निर्धारित करने हेतु निम्नानुसार कुछ परिवर्तन प्रस्तावित किए हैं:
-
एचएफ़सी के लिए मुख्य व्यवसाय और अर्हक परिसंपत्ति को परिभाषित किया जाए;
-
‘आवास वित्त’ या ’आवास के लिए वित्त प्रदान करना’ वाक्यांश को परिभाषित किया जाए;
-
एचएफ़सी को प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण (₹500 करोड़ और उससे अधिक की परिसंपत्ति वाले) और गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण (₹500 करोड़ से कम के परिसंपत्ति वाले) के रूप में वर्गीकृत किया जाए; और
-
एनबीएफ़सी के लिए चलनिधि जोखिम ढांचे एवं एलसीआर, प्रतिभूतिकरण इत्यादि पर रिज़र्व बैंक के निदेश एचएफ़सी के लिए लागू किए जाएं।
3. रिज़र्व बैंक ने आज उपरोक्त प्रस्तावित परिवर्तनों का एक प्रारूप अपनी वेबसाइट पर रखा है। रिज़र्व बैंक अंतिम दिशानिर्देश जारी करने से पहले विचार हेतु मसौदा ढांचे पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित करता है। एचएफ़सी, बाजार प्रतिभागियों और अन्य हितधारकों के फीडबैक 15 जुलाई 2020 तक ईमेल पर ‘फीडबैक- एचएफ़सी पर लागू विनियमन के लिए प्रस्तावित परिवर्तन’ विषय के उल्लेख के साथ भेजी जा सकती हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2510
|