22 सितंबर 2020
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - नए प्रशासक की नियुक्ति
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) के अंतर्गत पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव(पीएमसी) बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र, एक बहु-राज्य शहरी को-आपरेटिव बैंक को दिनांक 23 सितंबर 2019 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-1/12.22.183/19-20 के माध्यम से 23 सितंबर 2019 को कारोबार की समाप्ति पर सर्व-समावेशी निदेशों के अधीन रखा गया था। वर्तमान में उक्त निदेश 22 दिसंबर 2020 तक वैद्य है।
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए की उपधारा 1 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आवश्यक माना जा रहा था कि जमाकर्ताओं का हित और बैंक के उचित प्रबंधन को सुरक्षित करने हेतु बैंक के निदेशक मंडल का अधिक्रमण किया जाए। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए की उप-धारा 1 और 2 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक प्रशासक नियुक्त किया गया था। प्रशासक की सहायता के लिए वरिष्ठ बैंकरों / सनदी लेखाकार से युक्त एक सलाहकार समिति भी नियुक्त की गई।
वर्तमान प्रशासक श्री जे.बी. भोरिया स्वास्थ्य कारणों से 22 सितंबर 2020 को पद छोड़ रहे हैं। श्री ए.के. दीक्षित, पूर्व महाप्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 23 सितंबर 2020 से बैंक के नए प्रशासक के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
जबकि पीएमसी बैंक के प्रशासक और आरबीआई, बैंक के समाधान (रिज़ॉल्यूशन) के लिए विभिन्न विकल्पों की खोज कर रहे हैं, बैंक को हुए कई बड़े नुकसान जिससे कि इसका पूर्ण शुद्ध मूल्य मिट गया, जमा में भारी गिरावट आदि जैसे कारण, बैंक के पुनरुद्धार के लिए एक व्यावहारिक योजना खोजने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंक एनपीए की वसूली के लिए भी प्रयास कर रहा है, हालांकि कोविड-19 महामारी और कानूनी जटिलताओं के कारण प्रगति बाधित हुई है। तथापि, जमाकर्ताओं के हित में, बैंक के समाधान के लिए एक व्यवहार्य और व्यावहारिक उपाय खोजने की संभावना तलाशने के लिए, पीएमसी बैंक और आरबीआई हितधारकों के साथ कार्यरत हैं।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/370 |