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प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी’ का प्रकाशन

25 नवंबर 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों
पर सितंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी’ का प्रकाशन

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था का डेटाबेस (DBIE) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल ऋण और जमा संबंधी डेटा को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर) -7 प्रणाली1 के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को भी सम्मिलित करते हुए) से एकत्र किए गए हैं।

विशेष:

  • सितंबर 2020 की तिमाही में बैंक ऋण वृद्धि दर (वर्षानुवर्ष) एक वर्ष पूर्व के 8.9 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत हो गई। यह गिरावट सभी जनसंख्या समूहों (अर्थात ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी, शहरी और महानगर) में देखी गई।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों में ऋण वृद्धि (वर्षानुवर्ष) एक वर्ष पूर्व के 14.4 प्रतिशत से काफी हद तक घटकर सितंबर 2020 में 6.9 प्रतिशत हो गई लेकिन सरकारी क्षेत्र के बैंकों में इसी अवधि में मामूली वृद्धि 5.2 प्रतिशत से बढ़कर 5.7 प्रतिशत हो गई।

  • एक वर्ष पूर्व के 10.1 प्रतिशत की तुलना में बैंकों की सकल जमा राशियों में वार्षिक वृद्धि (वर्षानुवर्ष) सितंबर 2020 में बढ़कर 11.0 प्रतिशत हो गईः यह वृद्धि सभी जनसंख्या समूहों में पायी गई।

  • कुल जमाराशियों में चालू और बचत खाते (सीएएसए) की हिस्सेदारी में क्रमिक वृद्धि दर्ज़ हुई। एक वर्ष पूर्व के 41.2 प्रतिशत और तीन वर्ष पूर्व 40.8 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 2020 में चालू और बचत खातों (सीएएसए) की हिस्सेदारी 42.3 प्रतिशत थी।

  • ऋण वृद्धि की तुलना में जमा वृद्धि अधिक रहने के कारण अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात (सी-डी) अनुपात पिछली तिमाही के 73.1 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2020 में 72.0 प्रतिशत था।

  • समीक्षाधीन तिमाही में महानगरीय शाखाओं, जिनकी बैंक जमा और ऋण में सर्वाधिक हिस्सेदारी होती है, में ऋण-जमा अनुपात (सी-डी अनुपात) 88.4 प्रतिशत (पिछली तिमाही में 90.9 प्रतिशत) था। तमिलनाडु, आंध्र-प्रदेश और चंडीगढ़ में 100 प्रतिशत से ऊपर रहा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/685


1 सितंबर 2020 के रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (भारिबैं अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन पहले हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज> फोर्टनाइटली - शेडयूल्ड बैंक'स स्टेटमेंट ऑफ पोजीशन इन इंडिया) पर किया गया था और चयनित बैंकों के आधार पर सितंबर 2020 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा का मासिक सकल स्तरीय क्षेत्रीय विनियोजन भी हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज> मंथली> बैंक क्रेडिट का क्षेत्रीय विनियोजन पर डेटा) पर प्रकाशित की गई थी।


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