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प्रेस प्रकाशनी

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रिज़र्व बैंक द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन

25 फरवरी 2021

रिज़र्व बैंक द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर
दिसंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (DBIE) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल ऋण और जमाराशि संबंधी डेटा को, उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिलों, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को भी सम्मिलित करते हुए) से एकत्र किए गए हैं।1

विशेष:

  • बैंक ऋण वृद्धि (वर्षानुवर्ष) पिछली तिमाही के 5.8 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2020 की तिमाही में 6.2 प्रतिशत हो गई लेकिन एक वर्ष पूर्व दर्ज़ हुई 7.4 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में यह कम थी। एक वर्ष पूर्व की तुलना में सभी जनसंख्या समूहों (अर्थात ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी, शहरी और मेट्रोपोलिटन) में कम वृद्धि दर्ज़ हुई।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों में ऋण वृद्धि (वर्षानुवर्ष) दिसंबर 2020 (एक वर्ष पूर्व 13.1 प्रतिशत) में तेजी से घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई, जबकि सरकारी क्षेत्र के बैंकों में इसी अवधि में यह बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गई (दिसंबर 2019 में 3.7 प्रतिशत)।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल जमा राशि वृद्धि (वर्षानुवर्ष) दिसंबर 2020 (एक वर्ष पूर्व 10.0 प्रतिशत) में बढ़कर 11.1 प्रतिशत हो गईः यह वृद्धि सभी जनसंख्या समूहों में दो अंकों में पायी गई।

  • दिसंबर 2020 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के चालू, बचत और सावधि जमा राशियों में क्रमशः13.0 प्रतिशत, 15.8 प्रतिशत और 8.2 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज़ हुई; चालू और बचत खाते (सीएएसए) में उच्च वृद्धि होने के कारण कुल जमा राशियों में उनकी 42.8 प्रतिशत की उच्च भागीदारी रही (एक वर्ष पूर्व 41.2 प्रतिशत)।

  • समीक्षाधीन तिमाही में अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात (सी-डी) अनुपात सुधर कर पिछली तिमाही के 72.0 प्रतिशत से बढ़कर 72.5 प्रतिशत हो गया; महानगरीय शाखाओं, जिनकी भारत में बैंकिंग कारोबार में जमा एवं ऋण में आधे से अधिक भागीदारी होती है, का सी-डी अनुपात 87.5 प्रतिशत था।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1152


1 दिसंबर 2020 के रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (भारिबैं अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन पहले हमारी वेबसाइट (होम>स्टैटिस्टिक्स>डेटा रिलीज>फोर्टनाइटली - शेडयूल्ड बैंक'स स्टेटमेंट ऑफ पोजीशन इन इंडिया) पर किया गया था और चयनित बैंकों के आधार पर दिसंबर 2020 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा का मासिक सकल स्तरीय क्षेत्रीय विनियोजन भी हमारी वेबसाइट (होम>स्टैटिस्टिक्स>डेटा रिलीज>मंथली>बैंक क्रेडिट का क्षेत्रीय विनियोजन पर डेटा) पर प्रकाशित की गई थी।


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