31 अगस्त 2021
आरबीआई द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर
तिमाही सांख्यिकी का प्रकाशन: जून 2021’
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (DBIE) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर जून 2021 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया । ऋण और जमा राशियों से संबंधी आंकड़ो को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों सहित) से एकत्र किए गए हैं1।
मुख्य बातें:
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जून 2021 में बैंक ऋण में 6.0 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 6.4 प्रतिशत की वृद्धि) की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की गई: शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण केंद्रों में बैंक शाखाओं ने दोहरे अंकों में ऋण वृद्धि दर्ज की, लेकिन यह महानगरीय शाखाओं के लिए 2.7 प्रतिशत (एक साल पहले 5.1 प्रतिशत) तक कम हो गई।
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निजी क्षेत्र के बैंकों (10.1 प्रतिशत) द्वारा ऋण में वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (3.1 प्रतिशत) की तुलना में काफी अधिक है।
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जून 2021 में कुल जमा वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) 10.0 प्रतिशत (एक साल पहले 11.5 प्रतिशत) थी: निजी क्षेत्र के बैंकों में जमा अभिवृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में तेज गति से बढ़ी।
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कुल जमा राशि में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमा की भागीदारी जून 2021 में और बढ़कर 43.8 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 42.0 प्रतिशत) हो गई।
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चूंकि जमा राशि में वृद्धि ने ऋण वृद्धि को पीछे छोड़ दिया, अखिल भारतीय ऋण-जमाराशि (सी-डी) अनुपात जून 2021 में 70.5 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 73.1 प्रतिशत) तक मंद हो गई: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी बैंक समूहों के लिए सी-डी अनुपात में गिरावट आई।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/786
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