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प्रेस प्रकाशनी

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आरबीआई द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2021 तिमाही के लिए सांख्यिकी’ का प्रकाशन

26 नवंबर 2021

आरबीआई द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2021 तिमाही के
लिए सांख्यिकी’ का प्रकाशन

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (DBIE) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2021 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल ऋण और जमाराशियों संबंधी डेटा को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों सहित) से एकत्र किए गए हैं।1

विशेष:

  • बैंक ऋण वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) पिछले वर्ष के 5.8 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2021 में 7.0 प्रतिशत हो गई।

  • चालू वित्त वर्ष के दौरान ऋण वृद्धि में बढ़त महानगरीय केंद्रों में बैंक शाखाओं द्वारा उधार में वृद्धि के क्रमिक सुधार के कारण हुआ है, जो बैंक ऋण का 60 प्रतिशत से अधिक है - उनकी वार्षिक ऋण वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2021 के 1.7 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2021 में 4.6 प्रतिशत हो गई; शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।

  • सकल जमा वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) सितंबर 2021 में आंशिक रूप से घटकर 10.1 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 11.0 प्रतिशत थी; महानगरीय केंद्रों की बैंक शाखाएँ, जिनकी कुल जमाराशि में आधे से अधिक हिस्सेदारी है, बैंकों द्वारा जमा राशि जुटाने में अग्रणी रहे।

  • सितंबर 2021 में निजी क्षेत्र के बैंकों ने ऋण और जमा राशियों में क्रमशः 10.9 प्रतिशत और 16.0 प्रतिशत की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की; सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में तदनुरूपी वृद्धि क्रमशः 3.7 प्रतिशत और 7.4 प्रतिशत पर बहुत कम रही।

  • कुल जमा राशि में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमा की भागीदारी धीमी गति से बढ़ रही है, जो सितंबर 2021 में 44.3 प्रतिशत रही।

  • जमा संग्रहण के द्वारा ऋण वृद्धि को पीछे छोड़ देने के कारण, अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात सितंबर 2021 में घटकर 70.0 प्रतिशत हो गया, जो एक वर्ष पहले 72.0 प्रतिशत था; महानगरीय शाखाओं, जिनकी बैंकिंग कारोबार में सर्वाधिक हिस्सेदारी है, के लिए सी-डी अनुपात सितंबर 2021 में 82.8 प्रतिशत (एक साल पहले 88.4 प्रतिशत) रहा।

अजीत प्रसाद 
निदेशक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1257


1 सितंबर 2021 के रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन पहले ही हमारी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक- भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर किया जा चुका है और चयनित बैंकों के आधार पर सितंबर 2021 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा का मासिक सकल स्तरीय क्षेत्रीय विनियोजन भी हमारी वेबसाइट (होम> सांख्यिकी>जारी आंकड़े >माह>बैंक ऋण के क्षेत्रवार विनियोजन संबंधी डेटा) पर प्रकाशित की जा चुकी है।


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