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प्रेस प्रकाशनी

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आरबीआई ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2021 तिमाही के लिए सांख्यिकी’ जारी की

25 फरवरी 2022

आरबीआई ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2021 तिमाही के लिए
सांख्यिकी’ जारी की

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2021 तिमाही के लिए सांख्यिकी” जारी की। ऋण और जमाराशियों संबंधी आंकड़ों को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जन समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। इन आंकड़ों को मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों सहित) से एकत्र किया गया है1

मुख्य बातें:

  • चालू वित्त वर्ष की अनुक्रमिक तिमाहियों के दौरान बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में सुधार हुआ और दिसंबर 2021 में यह 8.4 प्रतिशत (मार्च 2021 में 5.6 प्रतिशत) रहा।

  • उच्च ऋण संवृद्धि का मुख्य कारण बैंकों की शहरी शाखाओं द्वारा दिये जाने वाले उधार में बढ़ोत्तरी है, जो एससीबी के कुल बैंक ऋण का 60 प्रतिशत से अधिक है और इसने दिसंबर 2021 में 6.4 प्रतिशत (मार्च 2021 में 1.7 प्रतिशत) की संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की; शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण शाखाओं में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।

  • दिसंबर 2021 में कुल जमाराशियों में संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) घटकर 9.6 प्रतिशत (मार्च 2021 में 12.3 प्रतिशत) हो गई क्योकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों दोनों में अल्प वृद्धि दर्ज की गई।

  • ऋण और जमाराशियों की संवृद्धि में निजी क्षेत्र के बैंकों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पीछे छोड़ दिया।

  • एससीबी की कुल जमाराशियों में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमाराशियों की हिस्सेदारी दिसंबर 2021 में और बढ़कर 44.7 प्रतिशत (मार्च 2021 में 44.1 प्रतिशत) हो गया; चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान वृद्धिशील जमाराशियों में सीएएसए जमाराशियों की हिस्सेदारी 57.1 प्रतिशत रही।

  • अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात दिसंबर 2021 में 71.6 प्रतिशत रहा, जोकि इसके मार्च 2021 के स्तर के काफी करीब है; आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्ट्र के साथ-साथ संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए यह अनुपात 90 प्रतिशत से अधिक है।

अजीत प्रसाद  
निदेशक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1773


1 दिसंबर 2021 के रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन पहले ही हमारी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक- भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर किया जा चुका है और चयनित बैंकों के आधार पर दिसंबर 2021 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा का मासिक सकल स्तरीय क्षेत्रीय विनियोजन भी हमारी वेबसाइट (होम> सांख्यिकी>जारी आंकड़े >माह>बैंक ऋण के क्षेत्रवार विनियोजन संबंधी डेटा) पर प्रकाशित की जा चुकी है।


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