31 मार्च 2022
2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान
संतुलन की गतिविधियां
तीसरी तिमाही (क्यू2) अर्थात् अक्तूबर-दिसंबर 2021 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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2021-22 की तीसरी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़कर 23.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.7 प्रतिशत) हो गया, जोकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में 9.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) और एक वर्ष पहले [अर्थात् 2020-21 की तीसरी तिमाही] 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.3 प्रतिशत) था।
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2021-22 की तीसरी तिमाही में सीएडी में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण उच्च व्यापार घाटा है।
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कंप्यूटर और कारोबार सेवाओं के निवल निर्यात के मजबूत प्रदर्शन के आधार पर निवल सेवाओं की प्राप्तियों में, दोनों क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, वृद्धि हुई।
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निजी अंतरण प्राप्तियों, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, की राशि 23.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही, जिसमें एक वर्ष पहले के उनके स्तर से 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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प्राथमिक आय खाते से निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवल विदेशी निवेश आय भुगतानों को दर्शाता है, में क्रमिक रूप से और साथ ही वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई।
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वित्तीय खाते में, निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश ने 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया, जो एक वर्ष पहले के 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम है।
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पोर्टफोलियो निवेश में 2020-21 की तीसरी तिमाही में 21.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतर्वाह की तुलना में 5.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया।
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2021-22 की तीसरी तिमाही में भारत के लिए निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार में एक वर्ष पहले के 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया।
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अनिवासी जमाराशियों में 2020-21 की तीसरी तिमाही में 3.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया।
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विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 2020-21 की तीसरी तिमाही में 32.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (तालिका 1)।
अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान बीओपी
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व्यापार घाटा में तेज बढ़ोत्तरी के कारण भारत ने अप्रैल-दिसंबर 2020 में 1.7 प्रतिशत के अधिशेष की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2021 में जीडीपी का 1.2 प्रतिशत चालू खाता घाटा दर्ज किया।
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निवल अदृश्य प्राप्तियाँ अप्रैल-दिसंबर 2021 में बढ़ी हुई थी, जिसका मुख्य कारण सेवाओं की उच्च निवल प्राप्तियाँ और निजी अंतरण है।
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अप्रैल-दिसंबर 2021 में 26.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल एफ़डीआई अंतर्वाह, अप्रैल-दिसंबर 2020 में 41.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम है।
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पोर्टफोलियो निवेश ने एक वर्ष पहले के 28.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया।
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अप्रैल-दिसंबर 2021 में, विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 63.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई।
सारणी 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
|
अक्तूबर-दिसंबर 2021 प्रा |
अक्तूबर-दिसंबर 2020 |
अप्रैल-दिसंबर 2021 प्रा |
अप्रैल-दिसंबर 2020 |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
205.4 |
228.4 |
-23.0 |
157.0 |
159.2 |
-2.2 |
579.4 |
605.9 |
-26.5 |
430.2 |
398.0 |
32.1 |
1. वस्तु |
109.0 |
169.4 |
-60.4 |
77.2 |
111.8 |
-34.6 |
311.2 |
446.8 |
-135.6 |
205.0 |
265.4 |
-60.4 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
पीओएल |
17.7 |
43.7 |
-26.0 |
5.5 |
21.9 |
-16.5 |
46.3 |
113.3 |
-67.0 |
17.6 |
53.9 |
-36.4 |
2. सेवा |
67.0 |
39.2 |
27.8 |
53.3 |
30.1 |
23.2 |
184.7 |
105.5 |
79.2 |
150.1 |
85.0 |
65.1 |
3. प्राथमिक आय |
5.9 |
17.6 |
-11.7 |
5.7 |
15.8 |
-10.1 |
18.0 |
47.4 |
-29.4 |
15.7 |
42.9 |
-27.2 |
4. द्वितीयक आय |
23.5 |
2.2 |
21.3 |
20.8 |
1.5 |
19.3 |
65.6 |
6.2 |
59.4 |
59.4 |
4.7 |
54.7 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
221.3 |
198.6 |
22.7 |
171.2 |
169.5 |
1.6 |
595.2 |
569.4 |
25.7 |
436.3 |
468.9 |
-32.5 |
जिसमें से: |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मुद्रा भंडार में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
0.5 |
-0.5 |
0.0 |
32.5 |
-32.5 |
0.0 |
63.5 |
-63.5 |
0.0 |
83.9 |
-83.9 |
ग. भुल-चूक |
0.3 |
|
0.3 |
0.6 |
|
0.6 |
0.8 |
|
0.8 |
0.4 |
|
0.4 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1937 |