25 मई 2022
आरबीआई ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर मार्च 2022 तिमाही के लिए
सांख्यिकी’ जारी की
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर मार्च 2022 तिमाही के लिए सांख्यिकी” जारी की। ऋण और जमाराशियों संबंधी आंकड़ों को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जन समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। इन आंकड़ों को मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों सहित) से एकत्र किया गया है1।
मुख्य बातें:
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बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) वित्तीय वर्ष 2021-22 की अनुक्रमिक तिमाहियों में तेजी से बढ़ी और मार्च 2022 में दोहरे अंकों में पहुंच गई।
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महानगर केंद्रों, जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कुल बैंक ऋण में एक प्रमुख हिस्सा है, ने मार्च 2022 में 9.7 प्रतिशत ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की (एक वर्ष पहले 1.7 प्रतिशत); वर्ष 2021-22 की सभी तिमाहियों में शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण केंद्रों में ऋण संवृद्धि दोहरे अंकों में रही।
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निजी क्षेत्र के बैंकों ने ऋण (वर्ष-दर-वर्ष) में दोहरे अंकों की संवृद्धि को बनाए रखा जो अनुक्रमिक तिमाहियों में बढ़कर मार्च 2022 में 15.1 प्रतिशत तक पहुंच गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा उधार में संवृद्धि, मार्च 2022 में एक वर्ष पहले के 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई।
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समग्र जमाराशि संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) मार्च 2022 में कम होकर 10.2 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 12.3 प्रतिशत) रही; सभी बैंक समूहों में जमाराशि संवृद्धि में गिरावट देखी गई।
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कुल जमाराशियों में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमाओं का हिस्सा मामूली रूप से बढ़ा और मार्च 2022 में यह 45.1 प्रतिशत रहा; वर्ष 2021-22 के दौरान सीएएसए जमाराशियों की वृद्धिशील जमाराशियों में 55.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
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अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात मार्च 2022 में मामूली रूप से बढ़कर 71.9 प्रतिशत हो गया (एक वर्ष पहले 71.5 प्रतिशत)।
रूपांबरा
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/263
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