25 अगस्त 2022
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर जून 2022
तिमाही के लिए सांख्यिकी’ जारी की
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर जून 2022 तिमाही के लिए सांख्यिकी जारी की। ऋण और जमाराशियों संबंधी डेटा को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) और भुगतान बैंकों (पीबी) सहित} से एकत्र किए गए हैं।1
मुख्य बिंदु:
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ऋण वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) जून 2022 में बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 6.0 प्रतिशत और एक तिमाही पहले 10.8 प्रतिशत थी।
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ऋण वृद्धि वैविध्यपूर्ण रही है: सभी जनसंख्या समूह (अर्थात्, ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय), सभी बैंक समूह (अर्थात्, सार्वजनिक/ निजी क्षेत्र के बैंक, विदेशी बैंक, आरआरबी और एसएफबी) और देश के सभी क्षेत्रों (अर्थात्, मध्य, पूर्वी, उत्तर-पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी) ने जून 2022 में दोहरे अंकों की वार्षिक ऋण वृद्धि दर्ज की।
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पिछली पांच तिमाहियों के दौरान कुल जमा वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) 9.5-10.2 प्रतिशत की श्रेणी में रही है: बैंक जमाओं का आधे से अधिक जमा महानगरीय शाखाओं में हैं और पिछले एक वर्ष में उनकी हिस्सेदारी में मामूली वृद्धि हुई है।
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कुल जमाराशियों में चालू खाता और बचत खाता (सीएएसए) जमाराशियों की हिस्सेदारी पिछले तीन वर्षों (2020, 2021 और 2022 जून के दौरान क्रमशः 42.0 प्रतिशत, 43.8 प्रतिशत और 44.5 प्रतिशत) से बढ़ रही है।
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चूंकि ऋण वृद्धि हाल की अवधि में जमा वृद्धि से अधिक रही है, इसलिए ऋण-जमा (सी-डी) का अनुपात भी बढ़ रहा है: जून 2022 में, सी-डी अनुपात अखिल भारतीय स्तर पर 73.5 प्रतिशत (जो एक वर्ष पहले 70.5 प्रतिशत था) और बैंकों की महानगरीय शाखाओं के लिए 86.2 प्रतिशत था (जो एक वर्ष पहले 84.3 प्रतिशत था)।
रूपांबरा
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/760
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