26 सितंबर 2022
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हिसार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., हिसार पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 23 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा हिसार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., हिसार (बैंक) पर, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए और धारा 36(1) का उल्लंघन करने के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए और धारा 36(1) का उल्लंघन का पता चला। बैंक, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे के अंतर्गत जारी आरबीआई के निदेशों का पालन करने में विफल रहा था, क्योंकि बैंक ने बचत जमा पर जो ब्याज दर लगाई थी वह निदेशों के अनुरूप नहीं थी। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए और धारा 36(1) के उल्लंघन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/930 |