28 नवंबर 2022
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी:
सितंबर 2022' का प्रकाशन
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3 पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की जमा और ऋण राशियों पर सितंबर 2022 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया। यह डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली1 के अंतर्गत सभी एससीबी से एकत्र किए गए हैं, और बैंक ऋण और जमाराशि पर आंकड़े भूगोल, जनसंख्या समूह और बैंक समूह स्तर के अनुसार जारी किए जा रहे हैं।
प्रमुख निष्कर्ष:
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ऋण वृद्धि व्यापक आधार पर बनी रही: सभी जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों ने दोहरे अंकों में वार्षिक वृद्धि दर्ज की।
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सकल जमा वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष), जो जून 2021 से 9.5-10.2 प्रतिशत के करीब की श्रेणी में थी, सितंबर 2022 में 9.8 प्रतिशत रही; दिसंबर 2020 से, महानगरीय केंद्रों की बैंक शाखाएं, ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक वार्षिक वृद्धि दर्ज कर रही हैं।
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जमाराशि जुटाने में निजी क्षेत्र के बैंक समूह, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पीछे छोड़ रहे हैं।
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सावधि जमाराशियों में वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) सितंबर 2022 में बढ़कर 10.2 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले 6.4 प्रतिशत थी, जबकि चालू और बचत जमाराशियों की वृद्धि, एक वर्ष पहले के 17.5 प्रतिशत और 14.5 प्रतिशत से घटकर क्रमशः 8.8 प्रतिशत और 9.4 प्रतिशत हो गई।
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कुल जमाराशियों में बचत जमाराशि का हिस्सा, जो जून 2019 में 32.4 प्रतिशत से बढ़कर जून 2022 में 35.2 के शिखर पर पहुंच गया था, नवीनतम तिमाही में आंशिक रूप से घटकर 34.7 हो गया।
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अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात सितंबर 2022 में बढ़कर 74.8 प्रतिशत हो गया, जो एक तिमाही पहले 73.5 प्रतिशत और एक वर्ष पहले 70.0 प्रतिशत था; महानगरीय बैंक शाखाओं के लिए सी-डी अनुपात, जिनकी बैंकिंग कारोबार में सर्वाधिक हिस्सेदारी है, सितंबर 2022 में 87.6 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 82.8 प्रतिशत) बहुत अधिक रहा।
रूपांबरा
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1264
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