27 फरवरी 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी:
दिसम्बर 2022' का प्रकाशन
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने भारतीय अर्थव्यवस्था के डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की जमा और ऋण राशियों पर दिसंबर 2022 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन जारी किया। यह डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर)-7 प्रणाली1 के अंतर्गत सभी एससीबी से एकत्र किये गए है, और बैंक क्रेडिट और जमा राशि पर आंकड़े भूगोल, जनसंख्या समूह और बैंक समूह स्तर के अनुसार जारी किए जा रहे हैं।
प्रमुख निष्कर्ष:
-
बैंक ऋण वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दिसंबर 2022 में 16.8 प्रतिशत रही, जबकि एक तिमाही पहले यह 17.2 प्रतिशत और एक वर्ष पहले 8.4 प्रतिशत थी।
-
ऋण वृद्धि में महानगरीय केंद्रों की बैंक शाखाओं का योगदान सबसे अधिक रहा, जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कुल ऋण का लगभग 60 प्रतिशत है और ऋण देने में 17.2 प्रतिशत वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) दर्ज की गई; शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण केंद्रों में भी दो अंकों की ऋण वृद्धि दर्ज की गई।
-
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान अपने ऋण पोर्टफोलियो में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की (वर्ष 2021 में 4.7 प्रतिशत); तथापि, निजी क्षेत्र के बैंकों की तदनुरूपी वृद्धि 19.1 प्रतिशत (एक वर्ष पहले 13.1 प्रतिशत) के साथ अधिक रही।
-
दिसंबर 2022 में सकल जमा राशियों में 10.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि (एक वर्ष पहले 9.6 प्रतिशत) सावधि जमाओं में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई; चालू और बचत जमा राशियों में क्रमश: 4.6 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
-
दिसंबर 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जमा संग्रहण में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) (एक वर्ष पहले 6.9 प्रतिशत) तक सुधार हुआ, तथापि यह निजी क्षेत्र के बैंकों में जमा राशियों में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि से कम रहा।
-
अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात दिसंबर 2022 में और बढ़ कर 75.9 प्रतिशत हो गया (पिछली तिमाही में 74.8 प्रतिशत और दिसंबर 2021 में 71.6 प्रतिशत); यह आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना के लिए 100 प्रतिशत से ऊपर रहा।
अजीत प्रसाद
निदेशक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1794
|