28 सितंबर 2023
2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत के भुगतान
संतुलन की गतिविधियां
पहली तिमाही अर्थात् अप्रैल-जून 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण I (बीपीएम6 फॉर्मेट) और II (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
2023-24 की पहली तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
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भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2022-23 की पहली तिमाही में 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.1 प्रतिशत) से घटकर 2023-24 की पहली तिमाही में 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) हो गया, लेकिन यह पिछली तिमाही के 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.2 प्रतिशत) से अधिक था।1
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तिमाही-दर-तिमाही आधार पर सीएडी का बढ़ना मुख्य रूप से उच्च व्यापार घाटे के साथ-साथ निवल सेवाओं में न्यूनतर अधिशेष और निजी अंतरण प्राप्तियों में कमी के कारण था।
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मुख्य रूप से कंप्यूटर, यात्रा और व्यापार सेवाओं के निर्यात में कमी के कारण निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से कमी आई, तथापि यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर अधिक रही।
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निजी अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, 2022-23 की चौथी तिमाही में 28.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम होकर 2023-24 की पहली तिमाही में 27.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं, लेकिन वर्ष-दर-वर्ष आधार पर इसमें वृद्धि दर्ज की गई।
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आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, 2023-24 की पहली तिमाही में घटकर 10.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022-23 की चौथी तिमाही में 12.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, तथापि यह एक वर्ष पहले की तुलना में अधिक था।
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वित्तीय खाते में, निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश एक वर्ष पहले के 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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2022-23 की पहली तिमाही में 14.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शुद्ध बहिर्वाह के सापेक्ष निवल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया।
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2023-24 की पहली तिमाही में भारत में निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार में 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि इसमें एक वर्ष पहले 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया था।
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अनिवासी जमा में 2022-23 की पहली तिमाही में 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
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2023-24 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी के आधार पर) में 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि 2022-23 की पहली तिमाही में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी (तालिका 1)।
तालिका 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें |
(बिलियन अमेरिकी डॉलर) |
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अप्रैल-जून 2023 प्रा |
अप्रैल-जून 2022 |
|
जमा |
नामे |
निवल |
जमा |
नामे |
निवल |
क. चालू खाता |
221.4 |
230.6 |
-9.2 |
231.0 |
249.0 |
-17.9 |
1. वस्तु |
105.0 |
161.6 |
-56.6 |
122.8 |
185.9 |
-63.1 |
जिसमें से: |
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|
पीओएल |
19.1 |
43.3 |
-24.3 |
26.9 |
53.2 |
-26.3 |
2. सेवाएं |
80.6 |
45.4 |
35.1 |
76.1 |
45.0 |
31.1 |
3. प्राथमिक आय |
8.7 |
19.3 |
-10.6 |
6.5 |
15.3 |
-8.9 |
4. द्वितीयक आय |
27.1 |
4.2 |
22.9 |
25.6 |
2.8 |
22.9 |
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा |
181.8 |
171.9 |
9.9 |
192.8 |
175.4 |
17.4 |
जिसमें से: |
|
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|
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आरक्षित निधि में परिवर्तन (वृद्धि (-)/कमी (+)) |
0.0 |
24.4 |
-24.4 |
0.0 |
4.6 |
-4.6 |
ग. भूल-चूक (-) (क+ख) |
0.0 |
0.7 |
-0.7 |
0.5 |
0.0 |
0.5 |
प्रा : प्रारंभिक |
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है। |
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1008
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