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विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

5 अप्रैल 2024

विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार; (ii) विनियमन; तथा (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

I. वित्तीय बाज़ार

1. आईएफएससी में सॉवरेन हरित बॉण्ड की ट्रेडिंग

वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में एक घोषणा के आधार पर, भारत सरकार ने जनवरी 2023 में सॉवरेन हरित बॉण्ड (एसजीआरबी) जारी किए थे। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी उधार कैलेंडर के भाग के रूप में भी एसजीआरबी जारी किए गए थे। वर्तमान में, सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई द्वारा निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न मार्गों के अंतर्गत एसजीआरबी में निवेश करने की अनुमति है। एसजीआरबी में व्यापक अनिवासी सहभागिता को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में पात्र विदेशी निवेशकों को भी ऐसे बॉण्ड में निवेश करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। सरकार और आईएफएससी प्राधिकरण के परामर्श से आईएफएससी में पात्र विदेशी निवेशकों द्वारा एसजीआरबी में निवेश और ट्रेडिंग के लिए एक योजना अलग से अधिसूचित की जा रही है।

2. आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना - मोबाइल ऐप की शुरुआत

नवंबर 2021 में शुरू की गई आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना, व्यक्तिगत निवेशकों को भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ गिल्ट खाते रखने और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की सुविधा प्रदान करती है। यह योजना निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में प्रतिभूतियां खरीदने के साथ-साथ एनडीएस-ओएम प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रतिभूतियां खरीदने/ बेचने में सक्षम बनाती है। एक्सेस में आसानी को और बेहतर बनाने के लिए, रिटेल डायरेक्ट पोर्टल का एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है। यह ऐप निवेशकों को अपनी सुविधानुसार,लिखतों को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाएगा। ऐप शीघ्र ही उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।

II. विनियमन

3. एलसीआर ढांचे की समीक्षा

चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) ढांचे के अंतर्गत आने वाले बैंकों को अगले 30 कैलेंडर दिनों में अपेक्षित निवल नकदी बहिर्वाह को शामिल करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली अर्थसुलभ आस्तियों (एचक्यूएलए) का स्टॉक बनाए रखना आवश्यक है। तथापि, हाल के प्रकरणों में कतिपय क्षेत्रों में जमाकर्ताओं द्वारा दबाव के समय में डिजिटल बैंकिंग चैनलों का उपयोग करके जमाराशि के त्वरित आहरण या अंतरित करने की बढ़ी हुई क्षमता देखी गई है। ऐसे उभरते जोखिमों के लिए एलसीआर ढांचे के अंतर्गत कतिपय धारणाओं पर पुनः ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है। अतः, बैंकों द्वारा चलनिधि जोखिम के बेहतर प्रबंधन की सुविधा के लिए एलसीआर ढांचे में कतिपय संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे हैं। इस संबंध में सभी हितधारकों की टिप्पणियों के लिए एक मसौदा परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा।

4. रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव उत्पादों में लेनदेन - लघु वित्त बैंक

मौजूदा दिशानिर्देश लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को स्वपूंजी की हेजिंग के उद्देश्य से केवल ब्याज दर वायदा (आईआरएफ) का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। एसएफबी को अपने तुलन-पत्र और वाणिज्यिक परिचालन में ब्याज दर जोखिम से हेजिंग के लिए उपलब्ध अवसरों को अधिक प्रभावी ढंग से विस्तारित करने के साथ-साथ उन्हें अधिक लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से, अब उन्हें रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2019 के संदर्भ में अनुमेय रुपया ब्याज डेरिवेटिव उत्पाद में लेनदेन करने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा।

III. भुगतान प्रणाली और फिनटेक

5. नकदी जमा सुविधा के लिए यूपीआई को सक्षम करना

बैंकों द्वारा नियोजित नकदी जमा मशीनें (सीडीएम), बैंक शाखाओं पर नकदी-प्रबंधन भार को कम करते हुए ग्राहक सुविधा को बढ़ाती हैं। नकदी जमा की सुविधा वर्तमान में केवल डेबिट कार्ड के उपयोग के माध्यम से उपलब्ध है। यूपीआई की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखते हुए, साथ ही एटीएम पर कार्ड-रहित नकदी निकासी के लिए यूपीआई की उपलब्धता से देखे गए लाभों को देखते हुए, अब यूपीआई के उपयोग के माध्यम से नकदी जमा सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है। परिचालन संबंधी निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

6. तृतीय-पक्ष एप्लिकेशन के माध्यम से प्रिपैड पेमेंट लिखत (पीपीआई) के लिए यूपीआई एक्सेस

वर्तमान में, बैंक खातों से यूपीआई भुगतान, बैंक के यूपीआई ऐप के माध्यम से बैंक खाते को लिंक करके या किसी तृतीय पक्ष के यूपीआई एप्लिकेशन का उपयोग करके किया जा सकता है। तथापि, पीपीआई के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में केवल पीपीआई जारीकर्ता द्वारा प्रदान किए गए एप्लिकेशन का उपयोग करके यूपीआई लेनदेन करने के लिए पीपीआई का उपयोग किया जा सकता है। पीपीआई धारकों को अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, अब तृतीय पक्ष के यूपीआई एप्लिकेशनों के माध्यम से पीपीआई को लिंक करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। इससे पीपीआई धारक, बैंक खाताधारकों की तरह यूपीआई भुगतान करने में सक्षम होंगे। इस संबंध में शीघ्र ही निर्देश जारी किये जायेंगे।

7. गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों के माध्यम से सीबीडीसी का वितरण

अधिक उपयोग मामलों और अधिक सहभागी बैंकों के साथ खुदरा और थोक क्षेत्रों में सीबीडीसी पायलट जारी है। इस दृष्टिकोण को जारी रखते हुए, गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को सीबीडीसी वॉलेट को प्रदान करने में सक्षम बनाकर, सीबीडीसी-रिटेल को उपयोगकर्ताओं के व्यापक वर्ग के लिए धारणीय तरीके से सुलभ बनाने का प्रस्ताव है। इससे बहु-चैनल लेनदेन को संभालने के लिए सीबीडीसी प्लेटफॉर्म की आघात सहनीयता के परीक्षण के अतिरिक्त उपयोगकर्ताओं के लिए एक्सेस बढ़ने और विकल्पों के विस्तार की आशा है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए प्रणाली में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/43


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