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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशियां – मार्च 2024 (वार्षिक बीएसआर-2)

4 जून 2024

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशियां – मार्च 2024 (वार्षिक बीएसआर-2)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि1 – मार्च 20242’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल3 (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी4 किया।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित)}, वार्षिक ‘आधारभूत सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह5, बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।

मुख्य बातें:

  • 2023-24 के दौरान बैंक की जमाराशियों में विलय के बाद 13.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई (विलय के प्रभाव सहित 13.5 प्रतिशत), जबकि पिछले वर्ष 10.2 प्रतिशत की संवृद्धि हुई थी; नवीनतम वर्ष में सभी जनसंख्या समूहों (अर्थात ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय) की जमाराशियों में वृद्धि हुई।

  • घरेलू क्षेत्र6 61.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जमाकर्ताओं का सबसे बड़ा समूह बना रहा; मार्च 2024 में इस क्षेत्र में महिला जमाकर्ताओं का एससीबी की कुल जमाराशियों में 20.7 प्रतिशत हिस्सा था।

  • अधिक आकर्षक प्रतिफल के परिणामस्वरूप 2023-24 के दौरान सावधि जमाराशियों के अंतर्गत अर्जित वृद्धिशील जमाराशियों का हिस्सा बहुत अधिक (78.5 प्रतिशत) रहा; छह प्रतिशत और उससे अधिक ब्याज दर वाली मीयादी जमाराशियां मार्च 2024 में कुल मीयादी जमाराशियों (बकाया) की 86.6 प्रतिशत थीं, जबकि एक वर्ष पहले यह 61.1 प्रतिशत और दो वर्ष पहले 14.4 प्रतिशत थीं।

  • मार्च 2024 में कुल जमाराशियों में चालू, बचत और मीयादी जमाराशियों का हिस्सा क्रमशः 9.8 प्रतिशत, 30.8 प्रतिशत और 59.4 प्रतिशत था।

  • वर्ष 2023-24 के दौरान, मीयादी जमाराशियों में वृद्धि का 79.1 प्रतिशत एक से तीन वर्ष की परिपक्वता अवधि के अंतर्गत जुटाया गया; वर्ष के अंत में बकाया मीयादी जमाराशियों का लगभग दो तिहाई हिस्सा इसी श्रेणी में था।

अजीत प्रसाद    
उप महाप्रबंधक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/440


1 मार्च 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए विवरणी (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत एकत्रित) के आधार पर बैंक जमाराशि संबंधी समग्र डेटा हमारी वेबसाइट (https://rbi.org.in/ होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े> पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर पहले ही प्रकाशित किया गया है।

2 बीएसआर-2 के लिए संदर्भ तिथि तिमाही का अंतिम दिन है। इन आंकड़ों में 1 जुलाई 2023 से प्रभावी गैर-बैंक के बैंक में विलय का प्रभाव शामिल है।

3 मार्च 2023 के अंत की स्थिति को शामिल करते हुए, शृंखला में पिछले जारी आंकड़े, 9 जून 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए थे।

4 आरआरबी को छोड़कर सभी एससीबी को शामिल करते हुए मार्च 2024 के लिए तिमाही प्रकाशन भी इस वार्षिक बीएसआर-2 मार्च 2024 (https://dbie.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) के साथ जारी किया गया है।

5 बीएसआर के लिए उपयोग किया जाने वाला जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार संबंधित राजस्व केंद्र, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं, की जनसंख्या के आकार पर आधारित है और इन्हें ए) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), बी) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से अधिक और 1 लाख से कम जनसंख्या), सी) 'शहरी' (1 लाख से अधिक और 10 लाख से कम जनसंख्या), डी) 'मेट्रोपॉलिटन' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

6 घरेलू क्षेत्र में व्यक्ति, स्वामित्व संस्थाएं, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और भागीदारी फर्म आदि शामिल हैं।


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