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डिजिटल भुगतान लेनदेन के लिए वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्था संबंधी ढांचे का मसौदा

31 जुलाई 2024

डिजिटल भुगतान लेनदेन के लिए वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्था संबंधी ढांचे का मसौदा

पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, विशेषतया भुगतान के लिए अतिरिक्त अधिप्रमाणन कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता को। अधिप्रमाणन के लिए कोई विशेष कारक अनिवार्य नहीं था, लेकिन डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने मुख्य रूप से एसएमएस-आधारित ओटीपी को एएफ़ए के रूप में अपनाया है। जबकि ओटीपी संतोषजनक ढंग से कार्य कर रहा है, प्रौद्योगिकीय प्रगति ने वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई हैं।

अतएव, जैसा कि दिनांक 8 फरवरी 2024 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया था, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज “डिजिटल भुगतान लेनदेन के लिए वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्था संबंधी ढांचे” का मसौदा जारी किया है ताकि पारिस्थितिकी तंत्र, वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्था को अपनाने में सक्षम हो सके। इससे भुगतान प्रणाली परिचालकों और उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध अधिप्रमाणन कारकों के विकल्प व्यापक हो जाएंगे।

ढांचे के मसौदे पर टिप्पणियाँ/ प्रतिक्रिया ईमेल या डाक द्वारा प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 14वीं मंजिल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को 15 सितंबर 2024 तक या उससे पहले भेजी जा सकती हैं।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/809


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