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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

13 सितंबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और मूल निवेश कंपनियों के लिए चलनिधि जोखिम प्रबंधन ढांचा’ तथा ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 7,90,000/- (सात लाख नब्बे हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) और प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23 की उप-धारा (4) के साथ पठित धारा 25 की उप-धारा (1) के खंड (iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2022 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिनके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

कंपनी:

  1. अपनी वेबसाइट पर चलनिधि कवरेज अनुपात संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाता;

  2. अपने स्वर्ण ऋण ग्राहकों के संबंध में चार साख सूचना कंपनियों को डेटा प्रस्तुत नहीं करता; तथा

  3. वाहन ऋण उधारकर्ताओं द्वारा समझी जाने वाली स्थानीय भाषा में, स्वीकृति पत्र या अन्य माध्यम से, स्वीकृत ऋण की राशि तथा नियम व शर्तों के बारे में लिखित रूप में जानकारी नहीं देता।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1109


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