26 सितंबर 2024
लक्षद्वीप द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की स्थिति:
बाधाएँ एवं भावी योजना
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने परियोजना अनुसंधान अध्ययन के अंतर्गत अपनी वेबसाइट पर ‘लक्षद्वीप द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की स्थिति: बाधाएँ एवं भावी योजना' शीर्षक से एक अनुसंधान अध्ययन प्रकाशित किया।1 यह अध्ययन डिजिटल वित्तीय साक्षरता और डिजिटल वित्तीय समावेशन की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए लक्षद्वीप के सभी दस आबादी वाले द्वीपों-अगत्ती, अमिनी, एंड्रोट, बितरा, चेटलाट, कदमत, कल्पेनी, कवरत्ती, किल्टान और मिनिकॉय, से एकत्र किए गए प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है। यद्यपि सर्वेक्षण में गणना की प्राथमिक इकाई परिवार थे, तथापि द्वीपों में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, बैंक कर्मचारियों, स्कूल प्राधिकारियों, छात्रों और व्यापारियों का भी साक्षात्कार लिया गया।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:
-
सर्वेक्षण किए गए द्वीपों में सभी व्यक्तिगत उत्तरदाताओं ने बैंक जमा खातों के एक्सेस की सूचना दी। न केवल एक्सेस बल्कि जमा खातों का उपयोग भी अधिक था, लगभग 90 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बचत के उद्देश्य से अपने खातों के संचालन की सूचना दी।
-
यद्यपि बैंक जमा खातों के एक्सेस में कोई लैंगिक अंतर नहीं था, फिर भी सामान्य रूप से बैंकिंग आदतों, विशेषकर जमा खातों के उपयोग के संबंध में पुरुषों और महिलाओं के बीच काफी अंतर था। जबकि लगभग 91 प्रतिशत पुरुष अपने खातों का संचालन स्वयं ही करते हैं, तथापि, महिलाओं के बीच तदनुरूपी संख्या 71 प्रतिशत थी।
-
न केवल मूलभूत साक्षरता बल्कि डिजिटल साक्षरता भी, जिसका मूल्यांकन मोबाइल फोन और कंप्यूटर रखने के साथ-साथ उपयोग करने की क्षमता के संदर्भ किया गया था, सर्वेक्षण उत्तरदाताओं के बीच काफी अधिक पाया गया।
-
द्वीप समूह में ऑटोमेटेड टेलर मशीनें (एटीएम) डिजिटल बैंकिंग के सर्वाधिक लोकप्रिय उपयोग किए जाने वाले साधन थे। द्वीप समूह के लगभग 90 प्रतिशत उत्तरदाताओं के पास एटीएम कार्ड थे जबकि 80 प्रतिशत ने इन कार्डों के वास्तविक उपयोग की सूचना दी। इन्टरनेट बैंकिंग द्वीप समूह में व्यापक रूप से प्रचलित नहीं थे तथा केवल 38 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग किया था।
-
वित्तीय समावेशन और डिजिटल साक्षरता के उच्च स्तर के बावजूद, द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय समावेशन की दिशा में एक प्रमुख अवरोध खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी था; उत्तरदाताओं ने डिजिटल लेनदेन की विफलताओं के बारे में आशंका व्यक्त की, जिससे वे अक्सर इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने से हतोत्साहित हुए।
-
सर्वेक्षण में शामिल केवल 30 प्रतिशत उत्तरदाता ही डिजिटल हाइजीन की आदतों से परिचित थे, जिनका मूल्यांकन सार्वजनिक इंटरनेट कनेक्शन के उपयोग, जो जोखिमपूर्ण हो सकता है; लेन-देन के बाद डिजिटल भुगतान एप को बंद करना; तथा सुरक्षित पासवर्ड के उपयोग के संदर्भ में किया गया।
संक्षेप में, भौगोलिक रूप से दूर होने और मुख्य रूप से मत्स्य पालन और पर्यटन से जुड़ी सीमित आर्थिक गतिविधियों के बावजूद, लक्षद्वीप द्वीप समूह में वित्तीय क्षेत्र मुख्य रूप से बैंकों के कारण सुस्थापित है। द्वीपों के वित्तीय समावेशन में बैंकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आगे चलकर, इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी को मजबूत करना द्वीपों में डिजिटल वित्तीय समावेशन का विस्तार करने की कुंजी हो सकती है।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1162
|