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डीआरजी अध्ययन संख्या 50: भारत में मौद्रिक नीति संचारण और श्रम बाज़ार

1 अक्तूबर 2024

डीआरजी अध्ययन संख्या 50: भारत में मौद्रिक नीति संचारण और श्रम बाज़ार

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर “भारत में मौद्रिक नीति संचारण और श्रम बाज़ार” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन चेतन घाटे, सताद्रु दास, देवज्योति मजूमदार, श्रीरूपा सेनगुप्ता और सत्यार्थ सिंह ने किया है।

अध्ययन में यह पता लगाया गया है कि भारत के श्रम बाज़ारों में अनौपचारिकता, मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के अंतर्गत मौद्रिक नीति संचारण को कैसे प्रभावित करती है। अध्ययन में सबसे पहले राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस), आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) और भारत केएलईएमएस डेटासमूह के रोजगार और बेरोजगारी सर्वेक्षण दौरों से जानकारी का उपयोग करके 1980 और 2019 के बीच भारतीय श्रम बाज़ारों और व्यापार चक्र को नियंत्रित करने वाले शैलीगत तथ्यों के एक समूह की विशेषता बताई गई है। अध्ययन में निम्नलिखित पाया गया है:

  • भारत के व्यापार चक्र में उछाल आमतौर पर नियमित (औपचारिक) रोजगार में वृद्धि और आकस्मिक रोजगार में गिरावट से संबद्ध है।

  • सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण (सीपीएचएस) से एकत्रित मासिक आंकड़ों के साथ स्थानीय रैखिक अनुमानों का उपयोग करते हुए, अध्ययन में पाया गया है कि संकुचनकारी मौद्रिक नीति आघात कुछ समय के बाद मुद्रास्फीति और संवृद्धि को कम करते हैं।

इसके बाद अध्ययन इन तथ्यों को समझाने के लिए खोज और मिलान टकराव टकराव के साथ एक नए कीनेसियन डायनेमिक स्टोचैस्टिक जनरल इक्विलिब्रियम (एनके-डीएसजीई) का निर्माण और जांच करता है। मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:

  • आंकड़ों के अनुसार संकुचनकारी मौद्रिक नीति आघात मुद्रास्फीति, उत्पादन और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

  • अधिक औपचारिक श्रम बाज़ार, मौद्रिक नीति को अधिक प्रभावी बना सकते हैं, अर्थात, जब औपचारिक क्षेत्र के आकार में वृद्धि होती है तो मुद्रास्फीति में अतिरिक्त कमी देखी जाती है। अनौपचारिक रोजगार की संरचना में आकस्मिक रोजगार से हटकर उच्च स्वरोजगार की ओर बदलाव हो रहा है।

यह अध्ययन भारतीय संदर्भ में पहला गहन विश्लेषण है, जो इस बात की पहचान करता है कि किस प्रकार एक बड़े अनौपचारिक क्षेत्र की उपस्थिति में मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के अंतर्गत मौद्रिक नीति, प्रमुख समष्टि आर्थिक चरों को प्रभावित करती है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1199


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