Click here to Visit the RBI’s new website

BBBPLogo

प्रेस प्रकाशनी

(374 kb )
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2024: भारत में पशुधन और मुर्गीपालन (पॉल्ट्री) मुद्रास्फीति - दूध, मुर्गीपालन मांस और अंडे का एक अध्ययन

3 अक्तूबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 05/2024: भारत में पशुधन और मुर्गीपालन (पॉल्ट्री) मुद्रास्फीति - दूध,
मुर्गीपालन मांस और अंडे का एक अध्ययन

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला1 के अंतर्गत “भारत में पशुधन और मुर्गी पालन मुद्रास्फीति: दूध, मुर्गी पालन मांस और अंडों का एक अध्ययन” शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया है। इस पेपर के सह-लेखक श्यामा जोस, मनीष कुमार प्रसाद, सबर्नी चौधरी, बिनोद बी. भोई, विमल किशोर, हिमानी शेखर और अशोक गुलाटी हैं।

यह पेपर भारत में पशुधन और मुर्गी पालन उत्पादों की मूल्य गतिकी को समझने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें आपूर्ति-मांग गतिकी को समझने के लिए तुलन-पत्र दृष्टिकोण का उपयोग किया जाता है। यह पेपर पशुधन और मुर्गी पालन क्षेत्रों में मूल्य शृंखला को समझने और उपभोक्ता रुपये में किसानों की हिस्सेदारी का अनुमान लगाने का भी प्रयास करता है।

इस पेपर के प्रमुख निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:

  1. उपभोक्ता रुपये में दूध के लिए किसानों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत और अंडों के लिए 75 प्रतिशत होने का अनुमान है; मुर्गी पालन मांस के लिए, किसानों और एग्रीगेटर्स की हिस्सेदारी कुल मिलाकर 56 प्रतिशत है।

  2. ऑटोरिग्रैसिव डिस्ट्रिब्यूटेड लैग (एआरडीएल) मॉडल का उपयोग करते हुए अनुभवजन्य विश्लेषण से पता चलता है कि इनपुट लागत को नियंत्रित करते हुए पशुधन और मुर्गी पालन उत्पादों की उपलब्धता/ उपयोग की तुलना में उपलब्धता अनुपात और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के बीच एक महत्वपूर्ण नकारात्मक संबंध है।

  3. पूर्वानुमान विश्लेषण आम तौर पर विभिन्न पूर्वानुमान होरिजोन पर प्रासंगिक तुलन-पत्र चरों को शामिल करते हुए, एक्सोजेनस वेरिएबल मॉडल के साथ सीजनल ऑटोरिग्रैसिव इंटीग्रेटेड मूविंग एवरेज (SARIMAX) के बेहतर निष्पादन को इंगित करता है।

  4. विश्लेषण में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि तुलन पत्र चरों से प्राप्त अंतर्दृष्टि डेयरी/मुर्गी पालन उत्पादों की मूल्य गतिकी को समझने में मदद कर सकती है तथा उनकी मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए उचित नीतियां तैयार करने में मदद कर सकती है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1211


1 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों और कभी-कभी बाहरी सह-लेखकों, जब अनुसंधान संयुक्त रूप से किया जाता है, के अनुसंधान की प्रगति पर शोध प्रस्तुत करते हैं। इन्हें टिप्पणियों और अतिरिक्त चर्चा के लिए प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे जिस संस्थान (संस्थाओं) से संबंधित हैं, उनके विचार हों। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्‍वरूप का ध्यान रखा जाए।


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष