30 दिसंबर 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2024 जारी की
आज, रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का दिसंबर 2024 अंक जारी किया, जो भारतीय वित्तीय प्रणाली की आघात सहनीयता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाता है।
मुख्य बातें:
-
वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली आघात-सह बनी हुई है। जबकि निकट अवधि के जोखिम कम हो गए हैं, लेकिन परिसंपत्तियों के बढ़े हुए मूल्यांकन, उच्च सार्वजनिक ऋण, लंबे समय तक भू-राजनीतिक संघर्ष और उभरती प्रौद्योगिकियों से होने वाले जोखिम जैसी कमज़ोरियाँ वित्तीय स्थिरता के लिए मध्यम अवधि के जोखिम उत्पन्न करती हैं।
-
भारतीय अर्थव्यवस्था और घरेलू वित्तीय प्रणाली मजबूत समष्टि आर्थिक बुनियादी बातों, बैंकों और गैर-बैंकों के स्वस्थ तुलन-पत्र पर आधारित है।
-
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की सुदृढ़ता,मजबूत लाभप्रदता, घटती गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों और पर्याप्त पूंजी और चलनिधि बफर्स से बढ़ी है। परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) और इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) दशक के उच्चतम स्तर पर हैं, जबकि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात कई वर्षों के निम्नतम स्तर पर आ गया है।
-
समष्टि तनाव टेस्ट से पता चलता है कि ज़्यादातर एससीबी के पास प्रतिकूल तनाव परिदृश्यों के तहत भी विनियामक न्यूनतम के सापेक्ष पर्याप्त पूंजी बफर है। तनाव टेस्ट, म्यूचुअल फंड और समाशोधन निगम के आघात-सहनीयता को भी मान्य करते हैं।
-
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) पर्याप्त पूंजी बफर, मजबूत ब्याज मार्जिन और आय तथा बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता के साथ स्वस्थ बनी हुई हैं।
-
बीमा क्षेत्र का समेकित शोधन क्षमता अनुपात भी न्यूनतम सीमा से ऊपर बना हुआ है।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1811 |