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विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

7 फरवरी 2025

विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ारों; (ii) साइबर सुरक्षा; और (iii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है।

I. वित्तीय बाज़ार

1. सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की शुरुआत

पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक, बाजार सहभागियों को उनके ब्याज दर जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उपलब्ध ब्याज दर डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) उत्पादों के समूह का विस्तार कर रहा है। ब्याज दर स्वैप के अलावा, ब्याज दर ऑप्शन, ब्याज दर फ्यूचर्स, ब्याज दर स्वैप्शन, वायदा दर करार आदि जैसे उत्पाद बाजार सहभागियों के लिए उपलब्ध हैं। हमें बाजार के अधिक विकास को सक्षम करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में वायदा संविदाओं की अनुमति देने की आवश्यकता के बारे में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। इस तरह की वायदा संविदाएं, बीमा निधि जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को ब्याज दर चक्रों में अपने ब्याज दर जोखिम का प्रबंधन करने में सक्षम बनाएंगे। वे उन डेरिवेटिव के कुशल मूल्य निर्धारण को भी सक्षम करेंगे जो अंतर्निहित लिखतों के रूप में बॉण्ड का उपयोग करते हैं। इस संबंध में निदेश का मसौदा दिसंबर 2023 में जारी किया गया था। अंतिम निदेश, सार्वजनिक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

2. सेबी-पंजीकृत गैर-बैंक दलालों की एनडीएस-ओएम तक पहुंच

तयशुदा लेनदेन प्रणाली-ऑर्डर मिलान (एनडीएस-ओएम) सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। वर्तमान में, एनडीएस-ओएम तक पहुंच विनियमित संस्थाओं और बैंकों के ग्राहकों और एकल प्राथमिक व्यापारियों के लिए उपलब्ध है। पहुंच को व्यापक बनाने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि सेबी के साथ पंजीकृत गैर-बैंक दलाल अपने ग्राहकों की ओर से सीधे एनडीएस-ओएम एक्सेस कर सकते हैं। ये दलाल इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित विनियमों और शर्तों के अधीन एनडीएस-ओएम एक्सेस कर सकते हैं। आवश्यक अनुदेश अलग से जारी किए जा रहे हैं।

3. विभिन्न बाजार खंडों में व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा

विभिन्न वित्तीय बाजार खंडों में समकालिक और पूरक बाजार और निपटान समय, कुशल मूल्य निर्धारण और चलनिधि आवश्यकताओं के अनुकूलन के लाभों को सुविधाजनक बना सकते हैं। पिछले कतिपय वर्षों में, ट्रेडिंग के बढ़ते इलेक्ट्रॉनिकीकरण, 24X5 आधार पर विदेशी मुद्रा और कतिपय ब्याज दर डेरिवेटिव बाजारों की उपलब्धता, घरेलू वित्तीय बाजारों में अनिवासियों की बढ़ती सहभागिता और 24X7 आधार पर भुगतान प्रणालियों की उपलब्धता सहित कई विकास हुए हैं। तदनुसार, रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित वित्तीय बाजारों के कारोबार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधित्व के साथ एक कार्य दल बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य दल द्वारा 30 अप्रैल 2025 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आशा है।

II. साइबर सुरक्षा

4. 'bank.in' और 'fin.in' डोमेन के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र में विश्वास बढ़ाना

डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। इससे निपटने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) भारतीय बैंकों के लिए 'bank.in' विशिष्ट इंटरनेट डोमेन शुरू कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों और फ़िशिंग जैसी धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधियों को कम करना है; और, सुरक्षित वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित करना है, जिससे डिजिटल बैंकिंग और भुगतान सेवाओं में विश्वास बढ़े। बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीआरबीटी) विशिष्ट रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा। वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 से शुरू होंगे। बैंकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। आगे बढ़ते हुए, वित्तीय क्षेत्र में अन्य गैर-बैंक संस्थाओं के लिए "fin.in" जैसे एक विशिष्ट डोमेन की योजना बनाई गई है।

III. भुगतान प्रणालियाँ

5. सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन में प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक को सक्षम करना

डिजिटल भुगतान के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (एएफए) की शुरूआत ने लेन-देन की सुरक्षा को बढ़ाया है, जिससे ग्राहकों को डिजिटल भुगतान अपनाने का भरोसा मिला है। तथापि, यह आवश्यकता केवल घरेलू लेन-देन के लिए अनिवार्य है।

भारत में जारी किए गए कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (ऑनलाइन) लेनदेन के लिए भी एएफ़ए को सक्षम करने का प्रस्ताव है। यह उन मामलों में सुरक्षा का एक अतिरिक्त स्तर प्रदान करेगा जहां विदेशी व्यापारी एएफ़ए के लिए सक्षम है। हितधारकों से प्रतिक्रिया के लिए शीघ्र ही परिपत्र का मसौदा जारी किया जाएगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2096


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