21 फरवरी 2025
तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण – दिसंबर 2024
आज, रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का बकाया ऋण - दिसंबर 20242’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग3 के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर} द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों4 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।
मुख्य बातें:
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बैंक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) सितंबर 2024 में 12.6 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2024 में 11.8 प्रतिशत हो गई; सभी जनसंख्या समूहों (अर्थात, बैंकों की ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय शाखाएँ) ने दोहरे अंकों की संवृद्धि बनाए रखी, तथापि कुछ कमी के साथ, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र दोनों की बैंकों में पाया गया।
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व्यक्तिगत ऋण, जिसका कुल ऋण में बड़ा हिस्सा (31.5 प्रतिशत) है, की वार्षिक संवृद्धि घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई (एक तिमाही पहले 15.2 प्रतिशत); कृषि और उद्योग क्षेत्रों को दिए जाने वाले ऋण की संवृद्धि में भी कुछ कमी दर्ज की गई।
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2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान व्यापार, वित्त और पेशेवर/ अन्य सेवाओं के लिए बैंक ऋण में वृद्धि हुई।
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सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को ऋण दिसंबर 2024 में बढ़कर 5.4 प्रतिशत हो गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 0.3 प्रतिशत था; कुल ऋण में इसकी हिस्सेदारी 13.6 प्रतिशत रही।
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लगभग दो प्रतिशत बैंक ऋण खरीदे गए/ भुनाए गए बिलों के रूप में थे।
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बैंकों ने ऋण राशि के आधे से अधिक भाग पर 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत से कम ब्याज दर लगाई तथा लगभग 16 प्रतिशत ऋणों पर 8 प्रतिशत से कम ब्याज दर थी; शेष ऋणों पर 10 प्रतिशत या उससे अधिक ब्याज दर थी।
अजीत प्रसाद
उप महाप्रबंधक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2227
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