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प्रेस प्रकाशनी

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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशियां – मार्च 2025 (वार्षिक बीएसआर-2)

30 मई 2025

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशियां – मार्च 2025 (वार्षिक बीएसआर-2)

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि1 – मार्च 20252’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल3 https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर जारी किया4

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित), वार्षिक ‘मूल सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह5, बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।

मुख्य बातें:

  • वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान बैंक की जमाराशियों में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) हुई, जबकि पिछले वर्ष, विलय के प्रभाव के साथ, यह 13.0 प्रतिशत थी (चार्ट I)।

  • एससीबी की जमाराशियों में घरेलू क्षेत्र6 की हिस्सेदारी 60.2 प्रतिशत रही, जोकि सबसे अधिक है; मार्च 2025 में महिला जमाकर्ताओं की हिस्सेदारी 20.7 प्रतिशत थी (चार्ट II)।

Chart I

Chart II
  • महानगरीय क्षेत्रों में स्थित शाखाओं, जिनकी हिस्सेदारी जमाराशियों में सबसे अधिक रही, ने मार्च 2025 में 11.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की; जबकि ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी केंद्रों में क्रमशः 10.1 प्रतिशत, 8.9 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की।

  • मियादी जमाराशियों में उच्च प्रतिलाभ के कारण अन्य प्रकार की जमाराशियों की तुलना में ऐसी जमाराशियों में अधिक वृद्धि हुई; बचत जमाराशियों की हिस्सेदारी मार्च 2025 में घटकर 29.1 प्रतिशत रह गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 30.8 प्रतिशत और दो वर्ष पहले 33.0 प्रतिशत थी।

  • मार्च 2025 तक लगभग 68.4 प्रतिशत मियादी जमाराशियों की मूल परिपक्वता अवधि एक से तीन वर्ष थी।

  • ‘7 प्रतिशत और उससे अधिक’ ब्याज दर वाली मियादी जमाराशियों की हिस्सेदारी बढ़कर मार्च 2025 में 72.7 प्रतिशत हो गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 64.2 प्रतिशत और दो वर्ष पहले 33.5 प्रतिशत थी।

  • एक करोड़ रुपये और उससे अधिक’ आकार की मियादी जमाराशियों की हिस्सेदारी मार्च 2024 में 43.7 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 में 45.1 प्रतिशत हो गई।

  • मार्च 2025 तक कुल जमाराशियों में वरिष्ठ नागरिकों की जमाराशियों की हिस्सेदारी 20.2 प्रतिशत थी।

अजीत प्रसाद    
उप महाप्रबंधक (संचार)

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/448


1 मार्च 2025 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए विवरणी (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत एकत्रित) के आधार पर बैंक जमाराशि संबंधी समग्र डेटा हमारी वेबसाइट (https://rbi.org.in होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े> पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर पहले ही प्रकाशित किया गया है।

2 बीएसआर-2 के लिए संदर्भ तिथि तिमाही का अंतिम दिन है। इन आंकड़ों में 1 जुलाई 2023 से प्रभावी गैर-बैंक के बैंक में विलय का प्रभाव शामिल है।

3 मार्च 2024 के अंत की स्थिति को शामिल करते हुए, शृंखला में पिछले जारी आंकड़े, 4 जून 2024 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए थे।

4 आरआरबी को छोड़कर सभी एससीबी को शामिल करते हुए मार्च 2025 के लिए तिमाही प्रकाशन भी इस वार्षिक बीएसआर-2 मार्च 2025 (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) के साथ जारी किया गया है।

5 बीएसआर के लिए प्रयुक्त जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार, संबंधित राजस्व केन्द्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और उन्हें निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है: क) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), ख) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम जनसंख्या), ग) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम जनसंख्या), घ) 'महानगरीय' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या)।

6 घरेलू क्षेत्र में व्यक्ति, स्वामित्व संस्थाएं, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), भागीदारी फर्म और अन्य शामिल हैं।


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