29 अगस्त 2025
तिमाही मूलभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का ऋण – जून 2025
आज, रिज़र्व बैंक ने अपने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस’ पोर्टल (https://data.rbi.org.in होमपेज > प्रकाशन) पर ‘तिमाही मूलभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी)1 का ऋण - जून 20252’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन जारी किया। यह खाता-स्तरीय रिपोर्टिंग के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं जैसे कि उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों को दर्शाता है। एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा, बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों3 और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं।
मुख्य बातें:
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नीतिगत दरों में ढील के साथ, 9 प्रतिशत से कम ब्याज दर वाले ऋणों का हिस्सा जून 2025 में बढ़कर 54.1 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वर्ष 43.2 प्रतिशत था।vvv
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मौद्रिक नीति कार्यों के अनुरूप, बकाया ऋण पर भारित औसत उधार दर (डबल्यूएएलआर) अप्रैल-जून 2025 के दौरान 39 आधार अंकों (बीपीएस) से कम हो गई, जिसमें सभी प्रमुख क्षेत्रों में कमी देखी गई (चार्ट-II)।

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व्यक्तिगत ऋण समग्र ऋण की तुलना में तेजी से बढ़ते रहे, धीरे-धीरे जून 2025 तक कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 32.0 प्रतिशत हो गई; व्यक्तिगत ऋणों में, आवास ऋणों का हिस्सा आधे से अधिक रहा।
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औद्योगिक ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) एक वर्ष पहले के 11.3 प्रतिशत से घटकर जून 2025 में 7.6 प्रतिशत हो गई; कुल ऋण में इसकी हिस्सेदारी एक वर्ष पहले के 23.8 प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2025-26 की पहली तिमाही में 23.3 प्रतिशत हो गई (चार्ट-I)।
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सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के लिए ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) ने 2025-26 की पहली तिमाही में अपनी ऊपर की ओर गति बनाए रखी, जो जून 2025 में बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गई, जो एक वर्ष पहले (-)1.7 प्रतिशत से एक महत्वपूर्ण बदलाव है; कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी 13.7 प्रतिशत रही।
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कुल ऋण में व्यक्तियों की हिस्सेदारी जून 2025 में बढ़कर 47.2 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 46.5 प्रतिशत थी। महिला उधारकर्ताओं को दिए जाने वाले ऋण में वृद्धि पुरुषों की तुलना में तेज रही, जिससे व्यक्तियों को दिए जाने वाले ऋण में महिलाओं की हिस्सेदारी जून 2024 में 23.4 प्रतिशत से बढ़कर 23.7 प्रतिशत हो गई।
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महानगरीय शाखाओं में बैंक ऋणों का बहुमत है; हालांकि, कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी जून 2025 में घटकर 59.7 प्रतिशत रह गई, जो एक वर्ष पहले 60.6 प्रतिशत थी, क्योंकि ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी शाखाओं ने बैंक ऋण में उच्च वृद्धि दर्ज की।
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जून 2025 में निजी क्षेत्र के बैंकों (8.3 प्रतिशत) और विदेशी बैंकों (8.0 प्रतिशत) की तुलना में उच्च ऋण संवृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) (11.0 प्रतिशत) दर्ज की, जिससे कुल ऋण में उनकी 53.7 प्रतिशत की अग्रणी स्थिति बनी रही।
अजीत प्रसाद
उप महाप्रबंधक (संचार)
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/999
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