28 नवंबर 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मन्नाकृष्ण इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 नवंबर 2025 के आदेश द्वारा मन्नाकृष्ण इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) पर ‘अभिशासन मुद्दों’ से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पैमाने के आधार पर विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹3.10 लाख (तीन लाख दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर कंपनी के उत्तर, और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:
कंपनी ने आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति लिए बिना एक निदेशक की नियुक्ति की, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 प्रतिशत से अधिक निदेशकों में परिवर्तन के कारण प्रबंधन में परिवर्तन हुआ।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1586 |