28 नवंबर 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने समेकित मास्टर निदेश जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विभिन्न अधिनियमों द्वारा प्रदत्त सांविधिक शक्तियों के अंतर्गत वर्षों से कई निदेश जारी किए हैं। जबकि वित्तीय प्रणाली के विकास के साथ विनियामक दिशानिर्देशों में वृद्धि एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, यह विस्तारित विनियामक क्षेत्र, कतिपय विनियमित संस्थाओं पर वितरित पर्यवेक्षण/ विनियामक अधिकार क्षेत्र तथा नए अनुदेश जारी करने पर कतिपय पूर्ववर्ती अनुदेशों के रद्द न किए जाने के कारण और अधिक बढ़ी। विनियमित संस्थाओं (आरई) पर अनुपालन बोझ को ध्यान में रखते हुए, रिज़र्व बैंक ने लगातार अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलित करने का प्रयास किया है।
2. इस पृष्ठभूमि के संदर्भ में, रिज़र्व बैंक ने हाल ही में अपने विनियमन विभाग द्वारा प्रशासित विनियामक अनुदेशों का मौलिक पुनर्गठन किया है — जो इसके विनियामक संचार में एक परिवर्तनकारी बदलाव का सूचक है। इस व्यापक प्रयास में, विनियमन विभाग द्वारा प्रशासित 9000 से अधिक मौजूदा परिपत्रों/दिशानिर्देशों को 238 कार्य-विशिष्ट मास्टर निदेशों (एमडी) में समेकित किया गया है, जो प्रत्येक विनियमित संस्था की श्रेणी के अनुरूप हैं। नाबार्ड द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को जारी अनुदेशों को भी नाबार्ड के परामर्श से समेकित किया गया है। इस प्रयास से आरई के लिए स्पष्टता, पहुंच की सुविधा और अनुपालन बोझ में कमी आने की आशा है, जिससे व्यवसाय में सुगमता बढ़ाने के व्यापक उद्देश्य को समर्थन मिलेगा।
3. इस समेकन प्रयास के अंतर्गत, लगभग 3500 निदेशों, परिपत्रों और दिशानिर्देशों में निहित अनुदेशों को 11 प्रकार की विनियमित संस्थाओं के लिए 238 मास्टर निदेशों में समेकित किया गया है। इस उद्देश्य के लिए, पहचानी गई 11 प्रकार की विनियमित संस्थाएँ हैं: (ए) वाणिज्यिक बैंक; (बी) लघु वित्त बैंक; (सी) भुगतान बैंक; (डी) स्थानीय क्षेत्र बैंक; (ई) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक; (एफ़) शहरी सहकारी बैंक; (जी) ग्रामीण सहकारी बैंक; (एच) अखिल भारतीय वित्तीय संस्था; (आई) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी; (जे) आस्ति पुनर्निर्माण कंपनी; और (के) साख सूचना कंपनी। शेष निदेशों/ परिपत्रों में निहित अनुदेशों को पुराना माना गया है और उन्हें समेकित मास्टर निदेशों के जारी होने पर रद्द करने के लिए चिह्नित किया गया है।
4. तदनुसार, दिनांक 10 अक्तूबर 2025 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से इन 238 एमडी के मसौदों को पूर्णता और सटीकता के संबंध में जन सामान्य की टिप्पणियों के लिए रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर रखा गया। समेकित एमडी जारी करने के बाद रद्द किए जाने वाले परिपत्रों की सूची तथा अलग-अलग रूप से बनाए रखे जाने वाले अधिसूचनाओं की सूची भी प्रदान की गई थी।
5. रिज़र्व बैंक को विभिन्न हितधारकों से एमडी के मसौदे पर 770 से अधिक टिप्पणियां प्राप्त हुईं। कई सुझाव विनियामक परिवर्तनों के लिए थे, जो इस समेकन अभ्यास के दायरे से बाहर थे, इसलिए समेकन के उद्देश्य से उन पर विचार नहीं किया गया। शेष टिप्पणियों, जो एमडी के अंतिम रूप देने से संबंधित थीं, पर एमडी के समेकन को अंतिम रूप देने के दौरान विधिवत विचार किया गया।
6. परिणामस्वरूप, आज ये अंतिम दस्तावेज़ जारी किए गए हैं:
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इन 2441 मास्टर निदेशों में विनियमन विभाग द्वारा वर्तमान में प्रशासित अनुदेशों को 'जैसा-है' आधार पर शामिल किया गया है। इन निदेशों को 11 प्रकार के विनियमित संस्थाओं के लिए अलग-अलग जारी किए गए हैं और ये विभिन्न विनियामक क्षेत्रों में सुसंगत रूप से व्यवस्थित हैं। ये दस्तावेज अधिसूचनाएं → मास्टर निदेश → विनियमन विभाग (कार्य फ़िल्टर) के माध्यम से एक्सेस किए जा सकते हैं। ये मास्टर निदेश विनियमन विभाग द्वारा प्रशासित विनियमों की एकमात्र लाइब्रेरी के रूप में कार्य करेंगे।
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इन समेकित मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद रद्द / वापस लिए जा रहे 9445 परिपत्रों की सूची, अधिसूचनाएं → वापस लिए गए परिपत्रों की सूची → विनियमन विभाग द्वारा वापस लिए गए परिपत्रों के माध्यम से एक्सेस की जा सकती है।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1588
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