4 दिसंबर 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाजार तंत्र ढांचे के निरसन हेतु संशोधन निदेश जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 अक्तूबर 2025 को ‘बाजार तंत्र के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने पर दिशानिर्देश (निरसन परिपत्र), 2025’ का मसौदा जारी किया, जिसके माध्यम से 2016 में जारी किए गए वर्तमान अनुदेशों को निरस्त करने के प्रस्ताव पर हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
2. निरसन संबंधी उपर्युक्त परिपत्र के मसौदे पर प्राप्त प्रतिक्रिया की जांच की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान अनुदेशों को निरस्त किया जाए जिन्हें बाद में (i) भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - संकेन्द्रण जोखिम प्रबंधन) निदेश, 2025; और (ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - संकेन्द्रण जोखिम प्रबंधन) निदेश, 2025 में समेकित किया गया था। निदेशों के मसौदे पर प्राप्त प्रतिक्रिया संबंधी विवरण अनुबंध में दिया गया है।
3. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज उपर्युक्त निदेशों में समेकित किए गए अनुसार ‘बाजार तंत्र के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने पर दिशानिर्देश' को निरस्त करने के लिए निम्नलिखित संशोधन निदेश जारी किए हैं:
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भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - संकेन्द्रण जोखिम प्रबंधन) संशोधन निदेश, 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - संकेन्द्रण जोखिम प्रबंधन) संशोधन निदेश, 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण) संशोधन निदेश, 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण) संशोधन निदेश, 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड) संशोधन निदेश, 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड) संशोधन निदेश, 2025
4. इन संशोधन निदेशों का उद्देश्य विनियामक ढांचे और पर्यवेक्षी निगरानी को सुदृढ़ करने और बैंक तुलन- पत्र में सुधार के मद्देनजर विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पुन: निर्धारण करना है।
(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1629
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