14 सितंबर 2012
अपने इंटरनेट बैंकिंग खाता ब्योरे के लिए पूछे जाने वाले मेल का जवाब न दें :
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता को सावधान किया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) के ध्यान में यह लाया गया है कि एक जालसाज़ी भरा ई-मेल भेजा गया है और इसके नाम में 'भारतीय रिज़र्व बैंक' के रूप में हस्ताक्षर किया गया है। इस मेल में बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 और काला धन आशोधन निवारण नियमावली, 2005 के प्रावधानों का उल्लेख किया है और बैंक खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग खातों से वित्तीय लेनदेन प्रवाह की निगरानी हेतु एक नए 24x7 केंद्रीकृत निगरानी केंद्र की स्थापना के लिए रिज़र्व बैंक के बारे में सूचित किया गया है। इसके बाद यह मेल बैंक खाता धारकों से उनके डेटाबेस को अद्यतन करने के लिए उनके खाते की जानकारी मांगते हुए एक लिंक प्रदान करता है।
रिज़र्व बैंक यह स्पष्ट करता है कि इसने ऐसा कोई मेल नहीं भेजा है और इसने इंटरनेट बैंकिंग खातों से वित्तीय लेनदेन प्रवाह की निगरानी के लिए कोई 24x7 केंद्रीकृत निगरानी केंद्र स्थापित नहीं किया है। ऐसे मेल प्राप्त करने वाली आम जनता को सावधान किया जाता है कि वे न तो वे इस मेल अथवा अनुलग्नक को खोलें और / अथवा न तो अपने कंप्यूटर पर इसे डाउनलोड करने का प्रयत्न करें अथवा ऐसे लिंक पर अपने आंकड़ें उपलब्ध कराए क्योंकि इससे उनके आंकड़ें जोखिम में पड़ सकते हैं।
अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/447
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