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प्रेस प्रकाशनी

चेकों के निर्गम और उपयोग को प्रोत्‍साहित नहीं करने के संबंध में जनता की टिप्‍पणियों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का चर्चा पत्र

31 जनवरी 2013

चेकों के निर्गम और उपयोग को प्रोत्‍साहित नहीं करने के संबंध में
जनता की टिप्‍पणियों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का चर्चा पत्र

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर देश में ''चेकों के निर्गम और उपयोग को प्रोत्‍साहित नहीं करने'' के संबंध में चर्चा पत्र जारी किया।

रिज़र्व बैंक देश की भुगतान और निपटान प्रणाली में प्रौद्योगिकी गतिविधियों से प्राप्‍त लाभों को लीवरेज प्रदान करते हुए सुधारों का अग्रणी रहा है। रिज़र्व बैंक भुगतान और संतुलन प्रणालियों के लिए अपने दृष्टिकोण दस्‍तावेज़ के माध्‍यम से इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतानों पर अपना ध्‍यान केंद्रित करने का संकेत दे रहा है। वर्तमान दस्‍तावेज़ (2012-2015) भुगतानों के इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍वरूपों के अधिकतम उपयोग के माध्‍यम से ''कम नकदी'' वाले समाज के प्रति एक प्रयास की परिकल्‍पना करता है। इस उद्देश्‍य को प्राप्‍त करने के लिए चेकों के उपयोग को उल्‍लेखनीय रूप से कम करना है तथा इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍वरूपों के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत है।

भुगतान के इलेक्‍ट्रॉनिक स्‍वरूपों से जुड़े अधिसंख्‍य लाभों तथा ऐसी भुगतान सेवाओं तक पहुंच को बढ़ाने के कारण हाल के वर्षों में उनके उपयोग से मात्रा में भारी बढ़ोतरी दिखाई दे रही है जबकि चेकों की मात्रा घट रही है। इसके बावजूद देश में संसाधित किए जा रहे चेकों की मात्रा अभी भी ज्‍यादा है। यह महसूस किया गया है कि चेकों के उपयोग में गिरावट की गति को समाज के किसी खास वर्ग को बेवजह कोई कठिनाई पहुंचाए बिना चेक उपयोगकर्ताओं के लिए कुछ ''प्रोत्‍साहन नहीं देने'' के कार्य को बढ़ाने के द्वारा तेज़ किया जा सकता है। चेकों के उपयोग को घटाने के प्रयास में अन्‍य देशों के अनुभवों के आधार पर स्‍टेकधारकों के परामर्श से ''प्रोत्‍साहन नहीं देने'' के कुछ तरीको की पहचान की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई ने इस मामले में नीति निर्णय लेने के पूर्व चर्चा पत्र पर आम जनता से अभिमत आमंत्रित किया है। ये अभिमत अधिक-से-अधिक 28 फरवरी 2013 तक मेल किए जा सकते हैं।

यह स्‍मरण होगा कि 30 अक्‍टूबर 2012 को मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा में घोषित किया गया था कि इस विषय पर एक चर्चा पत्र अभिमत के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1284


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