11 मई 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने को सूचित किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों व कुछ विदेशी बैंकों को सूचित किया कि वे आंतरिक लोकपाल नियुक्त करें। उसने यह भी बताया कि इस आंतरिक लोकपाल को मुख्य ग्राहक सेवा अधिकारी (सीसीएसओ) के रूप में पदनामित किया जाएगा। बैंक के सीसीएसओ के रूप में ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाए जिसने उस बैंक में पूर्व में कार्य नहीं किया हो। रिज़र्व बैंक ने ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने और बैंकों में ग्राहक शिकायत समाधान के प्रति ध्यान केंद्रित करने हेतु यह पहल की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को एक मुख्य ग्राहक सेवा अधिकारी नियुक्त करना है तथा जिन निजी क्षेत्र के बैंकों व विदेशी बैंकों को मुख्य ग्राहक सेवा अधिकारी (आंतरिक लोकपाल) को नियुक्त करने को कहा गया है उनमें आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, ऐक्सिस बैंक लिमिटेड, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, इंडसइंड बैंक लिमिटेड, स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक, सिटी बैंक एन.ए. और एचएसबीसी लिमिटेड शामिल हैं। इन बैंकों का चयन उनकी आस्ति के आकार, कारोबार मिश्र आदि के आधार पर किया गया है।
रिज़र्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों द्वारा दी जा रही बैंकिंग सेवाओं में रहने वाली कमियों से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों के समाधान हेतु बैंक ग्राहकों को त्वरित एवं किफायती मंच उपलब्ध कराने की दृष्टि से 1995 में बैंकिंग लोपाल योजना (बीओएस) की शुरुआत की थी। 1995 में बैंकिंग लोकपाल योजना जब शुरू की गई थी तब शिकायत से संबंधित कुल 11 प्रकार के आधार थे, वहीं आज बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत बैंक सेवाओं से संबंधित शिकायतों/कमियों के 27 आधारों का प्रावधान है। रिज़र्व बैंक बैंकिंग लोकपाल योजना की सुविधा नि:शुल्क प्रदान करता है ताकि इसका लाभ सभी को पहुंचाया जा सके। बैंक का आंतरिक लोकपाल बैंक ग्राहकों को उपलब्ध शिकायत निवारण का एक ऐसा मंच होगा जिसका प्रयोग वे बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करने से पहले कर सकते हैं।
रिज़र्व बैंक बैंकों को शीघ्र ही इस संबंध में विस्तृत परिचालनात्मक दिशानिर्देश जारी करेगा।
अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/2374 |