23 दिसंबर 2015
वर्ष 2005 से पहले वाले बैंकनोटों को 30 जून 2016 तक निर्धारित बैंक शाखाओं
और भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में बदला जा सकता है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है कि वर्ष 2005 के पहले वाले बैंकनोटों को बदलने हेतु जनता के लिए निर्धारित तारीख को 30 जून 2016 तक बढ़ाया जाए। तथापि, 01 जनवरी 2016 से यह सुविधा केवल निर्धारित बैंक शाखाओं (https://www.rbi.org.in/Scripts/Regionaloffices.aspx) और रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में ही उपलब्ध होगी। रिज़र्व बैंक ने जून 2015 में वर्ष 2005 से पहले के बैंकनोटों को बदलने हेतु जनता के लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2015 तय की थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इन बैंकनोटों को संचलन से वापिस लेने में सहयोग प्रदान करने के लिए जनसाधारण से आग्रह किया है कि वे वर्ष 2005 से पहले के बैंकनोटों को अपनी सुविधानुसार निर्धारित बैंक शाखाओं या रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में बदलें।
रिज़र्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे सभी नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। इस कदम की जानकारी देते हुए रिज़र्व बैंक ने बताया है कि महात्मा गांधी श्रृंखला वाले बैंकनोट एक दशक के लिए संचलन में हैं। पुराने बैंकनोटों के अधिकांश नोटों को बैंक शाखाओं के माध्यम से वापिस ले लिया गया है। अत: यह निर्णय लिया गया है कि पुराने डिजाइन के शेष नोटों को भी संचलन से वापिस ले लिया जाए। रिज़र्व बैंक ने यह सूचित किया है कि अलग-अलग श्रृंखलाओं के करेंसी नोटों को एक साथ प्रचलन में नहीं रखा जाए, यह एक मानक अंतरराष्ट्रीय प्रथा है। रिज़र्व बैंक इस प्रक्रिया की निगरानी और समीक्षा करना जारी रखेगा ताकि जनसाधारण को कोई भी असुविधा न हो।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1501 |