07 अप्रैल 2016
संविदा माध्यम के अंतर्गत निवासियों के व्यापार लेनदेन से
उत्पन्न होने वाले मुद्रा जोखिम की हेज़िंग
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत मौजूदा विनियामक ढांचे में ग्राहकों से अपेक्षित है कि वे डेरिवेटिव संविदाओं की बुकिंग के समय प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी – 1 बैंकों को अंतर्निहित विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र का प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करें। हेज़िंग की प्रक्रिया को सहज बनाने की दृष्टि से यह प्रस्ताव किया गया है कि संविदा एक्सपोज़र माध्यम के अंतर्गत हेजिंग व्यापार लेनदेनों के लिए प्रलेखीय आवश्यकताओं को कम करके आयातकों और निर्यातकों के लिए एक अधिक उदारीकृत ढांचे की शुरुआत की जाए। यह स्मरण होगा कि 29 सितंबर 2015 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य में इसके संबंध में घोषणा की गई थी।
प्रारूप परिचालनात्मक दिशानिर्देशों के साथ परामर्श पत्र अनुलग्नक में दिया गया है। बैंकों, विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र रखने वाली कारोबारी संस्थाओं, बाज़ार सहभागियों और इच्छुक व्यक्तियों से प्रारूप प्रस्ताव पर 29 अप्रैल 2016 तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित हैं। टिप्पणियां ई-मेल से या डाक द्वारा मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई-400 001 पर भेजी जा सकती हैं।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2368 |