13 मई 2016
बीबीपीओयू को प्राधिकृत करने के लिए आवेदनः स्थिति
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत बिल भुगतान परिचालन इकाई (बीबीपीओयू) के रूप में प्राधिकार/अनुमोदन के लिए बैंकों और गैर-बैंकों से 20 अक्टूबर 2015 को आवेदन आमंत्रित किए थे। इन आवेदनों की प्राप्ति तारीख 13 नवंबर 2015 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से 20 नवंबर 2015 से बढ़ाकर 18 दिसंबर 2015 की गई थी। यह भी संकेत दिया गया था कि 20 नवंबर 2015 को कारोबार की समाप्ति तक प्राप्त आवेदनों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहले प्रोसेस किया जाएगा।
20 नवंबर 2015 को कारोबार की समाप्ति पर रिज़र्व बैंक को बीबीपीओयू के रूप में परिचालित होने के लिए प्राधिकार हेतु गैर-बैंक संस्थाओं से 12 आवेदन प्राप्त हुए थे और बैंकों से अनुमोदन के लिए 18 अनुरोध प्राप्त हुए थे। 18 दिसंबर 2015 की बढ़ी हुई तारीख तक कुल मिलाकर गैर-बैंकों से 62 आवेदन प्राप्त हुए थे और बैंकों से 80 अनुमोदन अनुरोध प्राप्त हुए थे।
इन आवेदनों को प्रोसेस किया जा रहा है और भारतीय रिज़र्व बैंक ने आवेदकों को सीधे निर्णय की सूचना देना शुरू कर दिया है। बीबीपीओयू के रूप में परिचालित होने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन दिया जाएगा जहां आवेदक सभी पात्रता अपेक्षाओं को पूरा करते हैं जिनमें मौजूदा निवल मालियत और आवश्यक बिलिंग अनुभव शामिल है जिसे भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के वर्तमान दायरे में कवर किया गया है। बीबीपीओयू के रूप में पात्रता के लिए बिलिंग अनुभव में वे कार्यकलाप शामिल नहीं हैं जिनमें आवेदक बिल समूहक का केवल फ्रंट-एंड ही है और बिलर्स से उसका टाइ-अप नहीं है।
उन संस्थाओं के आवेदन जो पात्रता मानदंड पूरा नहीं करती हैं जिसमें बीबीपीएस के वर्तमान दायरे के अंतर्गत आवश्यक निवल मालियत और बिलिंग अनुभव शामिल है, को वापस लौटाया जा रहा है।
सामान्य प्रक्रिया के अनुसार बड़ी संख्या में प्राप्त आवेदनों को देखते हुए आवेदकों से पूर्ण सूचना प्राप्त होने के क्रम में आवेदनों को प्रोसेस किया जाता है।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2664
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