25 अगस्त 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बड़े एक्सपोजरों के लिए प्रारूप ढांचे पर अभिमत आमंत्रित किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बड़े एक्सपोजर (एलई) के प्रारूप ढांचे को अभिमतों के लिए आज अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया।
बड़े एक्सपोजरों (एलई) के लिए प्रस्तावित ढांचे की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल है:
-
प्रत्येक काउंटरपार्टी और आपस में जुड़ी काउंटरपार्टियों के समूह के मामले में, सामान्य परिस्थितियों में बड़े एक्सपोजरों (एलई) की सीमा पात्र पूंजी आधार की क्रमशः 20 प्रतिशत और 25 प्रतिशत रखी गई है।
-
पात्र पूंजी आधार को वर्तमान में ‘पूंजी निधि’ के बदले बैंक की टीयर 1 पूंजी के रूप में निर्धारित किया जाएगा।
-
आपस में जुड़ी काउंटरपार्टियों के समूह को ‘नियंत्रण’ और ‘आर्थिक निर्भरता’ मानदंड के आधार पर चिह्नित किया जाएगा।
-
प्रस्तावित एलई ढांचा 31 मार्च 2019 से पूरी तरह से लागू हो जाएगा।
-
प्रारूप ढांचे पर अभिमत मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई 400001 को 15 सितंबर 2016 तक भेजे जा सकते हैं या ई-मेल किए जा सकते हैं।
पृष्ठभूमि
27 मार्च 2015 को भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टेकधारकों से अभिमत प्राप्त करने हेतु ‘बड़े एक्सपोजरों के ढांचे और बाजार व्यवस्था के माध्यम से क्रेडिट आपूर्ति बढ़ाने’ पर एक चर्चा पत्र अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया था जिसमें बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासेल समिति द्वारा जारी ‘बड़े एक्सपोजरों के आकलन और नियंत्रण के लिए पर्यवेक्षण ढांचे’ के साथ मौजूदा एक्सपोजर मानदंडों को संरेखित करने की रूपरेखा दी गई थी। बड़े एक्सपोजरों के लिए इस प्रारूप ढांचे को तैयार करते समय स्टेकधारकों से प्राप्त अभिमतों को ध्यान में रखा गया है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/499 |